सीएम के दौरे से पहले पंजाब पुलिस ने मूसा गाँव को किले में तब्दील किया : मूसा गाँव के लोग

सिद्धू मूसेवाला के परिवार से मिलने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आने पर गाँव वालों और रिश्तेदारों ने इसका जमकर विरोध किया। सीएम भगवंत मान के पहुँचने से पहले गाँव में सुरक्षा के बेहद कड़े प्रबंध किए गए। गाँव वालों ने आरोप लगाया कि सीएम के दौरे से पहले पंजाब पुलिस ने मूसा गाँव को किले में तब्दील कर दिया था। इसकी वजह से ग्रामीणों को भी सिद्धू के घर में जाने से रोक दिया गया। इससे पहले मूसा गांव पहुंचे आआपा (आम आदमी पार्टी) विधायक गुरप्रीत सिंह बणावाली काे लोगों का विरोध झेलना पड़ा। लोगों ने उन्हें बैरंग वापस लौटा दिया।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

पंजाब के मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के प्रारम्भ में VIPs की सुरक्षा पर जो रुकावट लगाई उसका पहला असर पंजाब के सबसे युवा गायक सिद्धू मूसेवल पर हुआ। सुरक्षा घटने के तुरंत पश्चात ही सिद्धू की हत्या हो गयी। पंजाब के मुख्य मंत्री पर उठाते प्रश्नों से वह बचते रहे। मूसा गांव पहुंचे आआपा (आम आदमी पार्टी) विधायक गुरप्रीत सिंह बणावाली काे लोगों का विरोध झेलना पड़ा। लोगों ने उन्हें बैरंग वापस लौटा दिया। भगवंत मान ने अपनी उपस्थिती वहीं लगाने से पहले वहाँ पंजाब पुलिस को भेजा। सीएम के दौरे से पहले पंजाब पुलिस ने मूसा गाँव को किले में तब्दील कर दिया था। गाँव वाले यह आरोप लगाते मिले, कारण उसी गाँव में मुख्य मंत्री के वहाँ से जाने से पहले किसी पत्रकार तक को वहाँ पहुँचने नहीं दिया।

बता दें कि सीएम भगवंत मान के दौरे को लेकर सुबह ही बवाल खड़ा हो गया था। भगवंत मान को आज सिद्धू मूसेवाला के परिवार से मिलने आना था, जिसके चलते गांव के चारों ओर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। इस दौरान रूट डायवर्ट किया गया था और लोगों को सिद्धू मूसेवाला के घर जाने से रोका जा रहा था। इसके अलावा लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी भी प्रभावित हो रही थी. हालांकि पुलिस प्रशासन ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया है। दरअसल लोगों ने पुलिस द्वारा लगाए गए नाकों का सुबह ही विरोध करना शुरू कर दिया. इस बीच मानसा के डीसी और एसपी को भी मौके पर पहुंचना पड़ा है।

सीएम मान कोसिद्धू मूसेवालाके मानसा स्थित पैतृक गांव में शोक व्यक्त करने के लिए जाना था, जिसके चलते गांव में उनकी हवेली के आसपास पुलिस ने सुबह ही सुरक्षा कड़ी कर दी थी। इस दौरान गांव के लोग जब अपनी दिनचर्या के लिए निकले तो रूट डायवर्ट किए जाने के कारण उन्हें दूसरी ओर से जाने का कहा गया। इस बीच कई ग्रामीणों की पुलिस के साथ बहस हो गई। मामला देखते ही देखते बढ़ गया. ग्रामीणों ने इस बीच सीएम मान का भी विरोध करना शुरू कर दिया। हालात देखते हुए पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारियों को मौके पर पहुंचना पड़ा।

शुक्रवार सुबह से ही भगवंत मान के गाँव पहुँचने से पहले ही विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। सिद्धू मूसेवाला के परिवार से मिलने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आने पर गाँव वालों और रिश्तेदारों ने इसका जमकर विरोध किया। सीएम भगवंत मान के पहुँचने से पहले गाँव में सुरक्षा के बेहद कड़े प्रबंध किए गए। गाँव वालों ने आरोप लगाया कि सीएम के दौरे से पहले पंजाब पुलिस ने मूसा गाँव को किले में तब्दील कर दिया था। इसकी वजह से ग्रामीणों को भी सिद्धू के घर में जाने से रोक दिया गया। इससे ग्रामीण नाराज हो गए और उन्होंने पंजाब सरकार और मुख्यमंत्री मान के खिलाफ नारे लगाते हुए विरोध करना शुरू कर दिया।

इससे पहले ही मूसा गाँव में AAP विधायक गुरप्रीत सिंह बनावली को लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की। लगातार विरोध कर रहे लोगों ने उन्हें अंदर नहीं आने दिया। उन्होंने विधायक को माफी माँगने और वापस लौटने के लिए मजबूर कर दिया। ग्रामीणों ने स्थानीय AAP विधायक बनावली को गाँव में प्रवेश करने से मना कर दिया। एक ग्रामीण ने विधायक से कहा, “मैं आपका सम्मान करता हूँ लेकिन आपको आज वापस जाना होगा।” इसके बाद बनावली ने असुविधा के लिए ग्रामीणों से माफी माँगी। गाँव से लौटने से पहले उन्होंने कहा, “मैं प्रशासन की गलतियों के लिए माफी माँगता हूँ।” इतना कहने के बाद वे अपनी गाड़ी में बैठकर वापस चले गए। गुरप्रीत सरदुलगढ़ में मानसा विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं।

बता दें कि भगवंत मान की सरकार ने पिछले दिनों सिद्धू मूसेवाला की सिक्योरिटी में कमी की थी। पंजाब सरकार के ऐसा करने के एक दिन बाद ही सिद्धू मूसेवाला की हत्या हो गई। गौरतलब है कि रविवार (29 मई 2022) को पंजाब के मानसा गाँव में सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन पर ताबड़तोड़ 30 गोलियाँ चलाई गई थीं।

एक्टर की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग के मेंबर गोल्डी बराड़ ने ली थी, जो कि कनाडा में रहता है। सिद्धू की माँ चरणजीत कौर ने इसके लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था, “ऐसी निकम्मी सरकार आई है, जिसने सबकुछ खत्म कर दिया है। अब मुझे भी गोली मार दें।”