पंजाब सरकार से पूछा, किस आधार पर वीआइपीज की सुरक्षा वापस या कम की ? उच्च न्यायालय ने पूछा

पंजाब सरकार द्वारा पिछले कुछ दिनों से राज्य में सुरक्षा प्राप्त लोगों की सुरक्षा वापस लेने की चलाई जा रही मुहिम पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सवाल खड़े किए हैं। हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब करते हुए पूछा है कि किस आधार पर सुरक्षा वापस ली जा रही या कम की जा रही है।

कोरल’पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट,चंडीगढ़ :  

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद VIP लोगों की सिक्योरिटी घटाने के मुद्दे पर घिरी आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली पंजाब सरकार से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने जवाब तलब किया है। पंजाब के पूर्व डिप्टी CM और अमृतसर सेंट्रल के पूर्व कांग्रेसी विधायक ओम प्रकाश सोनी ने इस मुद्दे पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए भगवंत मान सरकार को नोटिस जारी करते हुए 2 जून को रिकॉर्ड और रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

पंजाब की भगवंत मान सरकार ने पिछले दिनों प्रदेश के जिन 424 VIP लोगों की सुरक्षा घटाई, उनमें ओपी सोनी भी शामिल थे। सरकार ने सोनी की सुरक्षा में तैनात 25 सुरक्षाकर्मियों को हटा लिया। सोनी ने इसके खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई है।

कोर्ट ने शनिवार को पंजाब के 424 सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों की जो सुरक्षा वापस लेने और उसके बाद उनकी सूची सार्वजनिक होने पर नाराजगी जताते हुए पूछा है कि यह सूची सार्वजनिक आरटीआइ या अन्य कारण से हुई इसकी भी कोर्ट को जानकारी दी जाए।

कोर्ट ने शनिवार को पंजाब के 424 सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों की जो सुरक्षा वापस लेने और उसके बाद उनकी सूची सार्वजनिक होने पर नाराजगी जताते हुए पूछा है कि यह सूची सार्वजनिक आरटीआइ या अन्य कारण से हुई इसकी भी कोर्ट को जानकारी दी जाए।

कोर्ट को बताया गया कि दिल्ली के सीएम जिनका पंजाब में कोई घर नहीं है उनको पंजाब सरकार की तरफ से जेड कवर की सुरक्षा दी गई है। पंजाब से सांसद राघव चड्ढा को भी जेड कवर की सुरक्षा दी गई है, जबकि उनको कोई खतरा नहीं है। पंजाब सरकार केवल पिक एंड चूज की नीति पर चल कर सुरक्षाकर्मी हटा रही है।

पूर्व विधायक वीर सिंह लोपोके।

भगवंत मान सरकार के सिक्योरिटी घटाने और वापस लेने के फैसले के खिलाफ अकाली नेता और पूर्व मंत्री वीर सिंह लोपोके भी कोर्ट पहुंच गए। लोपोके ने अपनी याचिका में लिखा कि उनकी सुरक्षा को भगवंत सरकार ने वापस ले लिया। इससे उनकी जान को खतरा बन गया है। अदालत ने लोपोके की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को निर्देश दिए कि लोपोके को तत्काल सुरक्षा दी जाए।

भगवंत मान की सरकार ने विधानसभा चुनाव में मानसा सीट से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की सिक्योरिटी भी घटा दी थी। सरकार ने उनके 4 गनमैन में से 2 वापस ले लिए। सिक्योरिटी घटाए जाने के अगले ही दिन मूसेवाला की हत्या कर दी गई। ऐसे में भगवंत मान सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है। पंजाब के लोगों में उसे लेकर जबर्दस्त गुस्सा है। विपक्षी दलों के नेता भी सिक्योरिटी वापस लेने के बाद ऐसे लोगों की रिपोर्ट सार्वजनिक करने पर सरकार को आड़े हाथों ले रहे हैं।