उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने राष्ट्रीय संस्कृत कवि सम्मेलन का दीप प्रज्जवलित कर किया शुभारंभ

-उपायुक्त ने संस्कृत के श्लोको से की संबोधन की शुरूआत

-संस्कृत सभी भाषाओं की जननी -उपायुक्त

पंचकूला, 27 मई- उपायुक्त श्री महावीर कौशिक ने हरियाणा संस्कृत अकादमी और हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग पंचकूला के संयुक्त तत्वावधान में श्री माता मनसा देवी स्थित राजकीय संस्कृत महाविद्यालय के प्रांगण में आयोजित राष्ट्रीय संस्कृत कवि सम्मेलन का मुख्यातिथि के रूप में दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया।
इस अवसर पर हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक दिनेश शास्त्री, राष्ट्रपति एवं पदम पुरस्कार से सम्मानित प्रोफसर अभिराज राजेंद्र मिश्रा और श्री माता मनसा देवी श्राईन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशोक बंसल भी उपस्थित थे।  
उपायुक्त ने अपना संबोधन ‘अछूत दामोदर जानकी वल्लभ’ संस्कृत के श्लोक से शुरू किया। उन्होंने कहा कि वे राजकीय संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य व अध्यापकगण के आभारी है कि उन्हें इस राष्ट्रीय संस्कृत कवि सम्मेलन में आमंत्रित किया गया। उन्होंने अपने अनुभव सांझा करते हुये कहा कि उन्होंने दसवीं कक्षा तक संस्कृत विषय पढ़ा है और संस्कृत में 150 में से 135 अंक प्राप्त किये थे। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा एक वैज्ञानिक भाषा है और अन्य सभी भाषाओं का जन्म संस्कृत से ही हुआ है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा बड़ी-बड़ी नदियों और झरनों की तरह पूरे प्रवाह में सरलता के साथ बहती है।
कार्यक्रम में राजकीय संस्कृत महाविद्यालय की छात्राओं ने सभी अतिथियों के स्वागत में स्वागत गान प्रस्तुत किया। हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक दिनेश शास्त्री ने उपायुक्त श्री महावीर कौशिक को सम्मान स्वरूप मां सरस्वती की प्रतिमा भेंट की।
हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक दिनेश शास्त्री ने बड़े ही सरल शब्दों में संस्कृत का विस्तृत व्याख्यान किया। उन्होंने बताया कि यह हरियाणा संस्कृत अकादमी द्वारा करवाया गया दूसरा राष्ट्रीय कवि सम्मेलन है। पहला कवि सम्मेलन करनाल जिले में आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि कविता जन्म लेती है बनती नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के माध्यम से कवियों की भावना और जिन्दगी की सच्चाईयां दर्शकों को सुनने को मिलती है।
इस अवसर पर डाॅ देवी सिंह राणा, सहायक प्रो. गणेशदत्त सनातन धर्म काॅलेज चंडीगढ से आये कवि ने अपना काव्य पाठ संस्कृत भाषा के माध्यम से करते हुये भारत की सीमा पर रक्षा करने वाले वीर सैनिको और शहीद सैनिको पर काव्य पाठ प्रस्तुत कर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। राष्ट्रीय काव्य सम्मेलन में प्रो. विक्रम कुमार विवेकी सेवानिवृत संस्कृत विभागाध्यक्ष पंजाब विश्वविद्यालय, प्रो. ललित कुमार गौड़ाचार्य पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय, प्रो. वीरेंद्र कुमार अलंकार संस्कृत विभाग पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला, डाॅ राजकुमार मिश्र एसोसिएट प्रो. आदर्श संस्कृत महाविद्यालय बधौला पलवल, डाॅ शशिकांत तिवारी असिस्टेंट  प्रो. दर्शन विभाग महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय मूंदडी कैथल के विभिन्न कवियों ने अपने काव्य पाठ से दर्शकों का मनमोहा।
इस अवसर पर एमडीसी राजकीय संस्कृत महाविद्यालय की प्राचार्या रीटा गुप्ता, फिजिकल एजुकेशन की अध्यापिका डाॅ. डेजी, संस्कृत विभाग के अध्यापक डाॅ राजबीर कौशिक, श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड की सचिव शारदा प्रजापति और विभिन्न संस्कृत विद्यालय और अन्य विद्यालयों के अध्यापक व छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।