बाल श्रम पर अंकुश लगाने के लिये शीघ्र ही चलाया जायेगा जागरूकता अभियान -उपायुक्त महावीर कौशिक

  • मार्केेंट एसोसिएशन और इंड्रस्टियल एसोसिएशन के सहयोग से जगह-जगह जागरूकता शिविरों का आयोजन कर लोगों को बाल श्रम के विरुद्ध किया जायेगा प्रेरित
  • सरकार के प्रयासों के साथ साथ लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने की भी आवश्यकता -उपायुक्त

कोरल ‘पुरनूर’ डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला, 23 मई :

जिला में बाल श्रम पर अंकुश लगाने के लिये शीघ्र ही एक जागरूकता अभियान चलाया जायेगा, जिसके तहत श्रम विभाग पंचकूला द्वारा मार्केेंट एसोसिएशन और इंड्रस्टियल एसोसिएशन के सहयोग से जगह-जगह जागरूकता शिविरों का आयोजन कर लोगों को बाल श्रम के विरूद्ध प्रेरित किया जायेगा। यह निर्देश उपायुक्त महावीर कौशिक ने आज लघु सचिवालय के सभागार में बाल श्रम से संबंधित मामलों के लिए गठित जिला टास्क फोर्स कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुये दिये।

बाल श्रम के मामलों में संलिप्त पाये जाने पर 50 हजार रुपये तक जुर्माना व 2 साल तक की सजा हो सकती है-

उपायुक्त ने कहा कि बाल श्रम पर अंकुश लगाने के लिये सरकार के प्रयासों के साथ साथ लोगों की मानसिकता में भी बदलाव लाने की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देश दिये आगामी जून माह में श्रम विभाग पंचकूला द्वारा विभिन्न मार्केंटस और ओद्यौगिक क्षेत्रों में जागरूकता शिविरों का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जाये कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से श्रम करवाना कानूनी अपराध है और इसकी उल्लंघना करने पर जुर्माने के साथ साथ सजा का भी प्रावधान है। उपायुक्त ने कहा कि बाल श्रम (रोकथाम और विनियमन) संशोधन अधिनियम के तहत 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से दुकानों, फैक्ट्रियों, कारखानों, होटल, ढाबो और घरों में काम करवाना अपराध हैं और ऐसे मामलों में संलिप्त पाये जाने पर 20 हजार रुपये से लेकर 50 हजार रुपये जुर्माना तथा 2 साल तक की सजा हो सकती है।

14 से 18 वर्ष तक आयु के बच्चों से 86 जोखिम भरे व्यवसाय व उद्योगों में काम करवाना अपराध-

उपायुक्त ने बताया कि इसके अलावा 14 से 18 वर्ष तक आयु के बच्चों से भी जोखिम भरे व्यवसाय व उद्योगों जैसे आॅटो मोबाईल वर्कशाॅप, गैराज, सर्कस, साबुन बनाना, अगरबत्ती बनाना, कचरा उठाना और कबाड़ चुनना, चूना भट्ठा तथा घरेलू श्रम सहित अन्य 86 व्यवसाय एवं प्रक्रियाओं में काम नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कहा कि आज के समय में बच्चे तथा युवा हर कार्य को जोश तथा जिद के साथ करते हैं और इस दिशा में वे सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल-कॉलेजों में बच्चों को बाल मजदूरी की रोकथाम के लिए जागरूक करें कि यदि उन्हें कहीं बाल श्रम होता दिखे तो वे इसकी सूचना दें। 

बाल श्रम से संबंधित कोई भी जानकारी मिलने पर दें तुरंत सूचना-

उपायुक्त ने निर्देश दिये कि जागरूकता शिविरों के माध्यम से पुलिस हैल्प लाईन नंबर 100, चाईल्ड लाईन नंबर 1098, केंद्र सरकार के पेंसिल पोर्टल और सहायक श्रम आयुक्त की ईमेल locopkl1@gmail.com की जानकारी भी लोगों को दी जायें ताकि यदि किसी के संज्ञान में बाल श्रम का मामला आता है तो वे इसकी जानकारी दें सकें। उन्होंने निर्देश दिये कि बाल श्रम से संबंधित कोई भी सूचना मिलने पर जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी द्वारा त्वरित कार्रवाही की जायें ताकि बाल श्रम में फसंे बच्चों को छुड़ाकर चाईल्ड वेलफेयर काउंसिल के माध्यम से उनका पुर्नवास सुनिश्चित किया जा सके।
इस अवसर पर एसडीएम पंचकूला ऋचा राठी, सहायक श्रम आयुक्त नवीन शर्मा, चाईल्ड वेलफेयर काउंसिल की अध्यक्ष ममता गोयल, लेबर इन्सपेक्टर तेजबीर सिंह और कृष्ण कुमार और शिक्षा विभाग व पुलिस विभाग के अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।