सुनील जाखड़ भाजपा में शामिल बोले : पंजाब में कांग्रेस ने एके-47 से ज्यादा नुकसान किया
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में जाखड़ ने बीजेपी जॉइन की। इस मौके पर जेपी नड्डा ने कहा कि जाखड़ ने साढ़े तीन दशक राजनीति में अपना स्थान बनाया, एलओपी भी रहे, प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। पार्टी से अलग एक छवि बनाई। पिछले दिनों कांग्रेस के चिंतन शिविर के दौरान सुनील जाखड़ ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। उनके भाजपा में कांग्रेस शामिल होने के बाद कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे को तोड़ना भाजपा के आसान हो जाएगा। चूंकि असंतुष्ट कांग्रेसियों को भाजपा में लाने के लिए जाखड़ अहम भूमिका निभा सकते हैं। उनके भाजपा में शामिल होने के बाद पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर के साथ तालमेल बिठाकर वह पंजाब में नए राजनीतिक समीकरण भी तैयार कर सकते हैं क्योंकि उनके कैप्टन के साथ कांग्रेस के दौरान अच्छे संबंध रहे हैं।
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक्फ़्रोंत, नई दिल्ली/चंडीगढ़ :
पंजाब में कभी कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे सुनील जाखड़ ने अब बीजेपी का दामन थाम लिया है। इस नई सियासी पारी की शुरुआत करते हुए सुनील जाखड़ ने कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा , “मेरे परिवार की तीन पीढ़ियों ने 50 साल से कांग्रेस को अपनी सेवाएं दीं. लेकिन आज मैंने राष्ट्रवाद, एकता और पंजाब के भाईचारे के लिए ये रिश्ता तोड़ दिया।”
सुनील जाखड़ ने कहा,“मैं पंजाब के भाईचारे के लिए लड़ रहा हू। . जो काम बंदूक से निकली गोली नहीं कर सकती है वह काम कांग्रेस की जुबान ने यह कहते हुए कर दिया कि, एक खास समुदाय का व्यक्ति मुख्यमंत्री नहीं चुना जा सकता है। उन्होंने न सिर्फ हिन्दु भाइयों का अपमान किया बल्कि सिख भाइयों को भी अपमानित किया।”
उन्होंने कहा कि पंजाब में दंगों के वक्त भी हिंदू-सिख भाईचारा कभी नहीं टूटा। मेरी जिंदगी का यही मूल मंत्र भी था। जाखड़ ने कहा कि मुझे दुख इस बात का है कि मुझे इस बात के लिए कटघरे में खड़ा किया गया कि मैंने पंजाब को जाति, धर्म और परसेंटेज के आधार पर न बांटने की बात कही। जाखड़ ने कहा कि मैंने रिश्तों को उसूलों की तरह निभाया है। जब पार्टी अपने सिद्धांत से ही हट जाए तो इसके बारे में सोचना पड़ता है।
सुनील जाखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि मैं डेढ़ साल संसद में रहा। प्रधानमंत्री मोदी करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए पंजाब आए थे। तब उनके साथ लंगर छका और बातचीत का मौका मिला। अब उन्होंने लाल किले पर हिंद की चादर श्री गुरू तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व बनाया।
सुनील जाखड़ ने आरोप लगाया था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को कुर्सी से हटाने के बाद ज्यादातर विधायक उनके पक्ष में थे। इसके बावजूद उन्हें CM नहीं बनाया गया। इसके पीछे की वजह सोनिया गांधी की नजदीकी अंबिका सोनी हैं। जिन्होंने कहा कि पंजाब में सिख CM ही होना चाहिए। इससे पहले जाखड़ को हटाकर कांग्रेस ने नवजोत सिद्धू को प्रधान बना दिया था। इसके बाद नाराज होकर जाखड़ ने एक्टिव पॉलिटिक्स से किनारा कर लिया था।
सुनील जाखड़ को कांग्रेस ने अनुशासनहीनता का नोटिस भेजा था। कांग्रेस ने कहा कि चुनाव से पहले उनके बयानों से पार्टी को बहुत नुकसान हुआ। हालांकि, जाखड़ ने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया। जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान को उनसे बात करनी चाहिए थी। इसके बजाय उन्हें नोटिस थमा दिया गया।
सुनील जाखड़ ने कांग्रेस छोड़ने से पहले पार्टी नेताओं पर बड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व चापलूसों से घिरा हुआ है। राहुल गांधी फैसले नहीं लेते। उन्हें दोस्त और दुश्मन की पहचान करनी चाहिए। जाखड़ ने अंबिका सोनी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पंजाब में ज्यादातर कांग्रेस इंचार्ज सोनी की ही कठपुतली बनकर काम करते रहे। जाखड़ ने कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर पर भी सवाल उठाए थे।
सुनील जाखड़ पंजाब कांग्रेस के प्रमुख हिंदू नेता थे। वह अबोहर के गांव पंचकोसी के रहने वाले हैं। उनके पिता बलराम जाखड़ भी कांग्रेस के दिग्गजों में शामिल थे। उनका परिवार तीन पीढ़ियों से कांग्रेस से जुड़ा रहा। जाखड़ 2002 में पहली बार अबोहर शहर से विधायक चुने गए थे। वह यहां से 3 बार विधायक बने। इसके बाद वह 2012 से 2017 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। सुनील जाखड़ ने BJP का गढ़ माने जाने वाली गुरदासपुर लोकसभा सीट से 2017 में बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। कैप्टन जब 2017 के बाद CM बने तो जाखड़ पंजाब कांग्रेस के प्रधान रहे।