राजीव जैन ने विभिन्न राजनेताओं एवं सामाजिक संगठनों से शोध पीठ के संचालन के लिए आगे आने की अपील की है
चंडीगढ़, 26 मार्च:
हरियाणा प्रदेश वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने विभिन्न विश्वविद्यालयों में महापुरुषों एवं राजनेताओं के नाम स्थापित शोध पीठ में शोध का कार्य न होने पर चिंता जाहिर करते हुए विभिन्न राजनेताओं एवं सामाजिक संगठनों से शोध पीठ के संचालन के लिए आगे आने की अपील की है। राजीव जैन ने इस संबंध में सभी को पत्र लिखकर कहा है कि शोध पीठ की स्थापना के समय वाह-वाही तो मिल गई परंतु बाद में किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया जिसकी वजह से शोध पीठ में शोध का कार्य नहीं हो रहा है, धीरे-धीरे शोध पीठ बंद हो जायेगी। शोध का कार्य न होने के कारण न तो विश्वविद्यालय सरकार से बजट की मांग करता है और न ही सरकार की तरफ से कोई निश्चित बजट हर वर्ष जारी होता है।
राजीव जैन ने लिखा है कि मुख्यमंत्री के सुझाव पर वैश्य महासम्मेलन ने इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर रेवाड़ी से एम.ओ.यू साईन करके महाराजा अग्रसेन शोध पीठ के संचालन का जिम्मा लिया है और इसी तर्ज पर सभी को आगे आना चाहिए। राजीव जैन ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में चौधरी रणबीर सिंह चेयर के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के लिए मंत्री बनवारी लाल, पंडित लख्मीचंद चेयर के लिए पूर्व मंत्री रामविलास शर्मा, डॉक्टर मंगलसेन चेयर के लिए पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर तथा चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में स्थापित चौधरी दलबीर सिंह चेयर के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को अलग-अलग पत्र लिखा है।
राजीव जैन ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में स्थापित संत रविदास चेयर के लिए पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार, चौधरी बंसीलाल चेयर के लिए पूर्व मंत्री किरण चौधरी, ज्योतिबा फूले तथा सावित्रीबाई फुले चेयर के लिए सांसद नायब सिंह सैनी, गुरु गोविंद सिंह के लिए मंत्री संदीप सिंह, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर के स्थापित राव तुलाराम चेयर के लिए केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह तथा गुरुग्राम विश्वविद्यालय में स्थापित गुरु नानक देव चेयर के लिए सरदार बलजीत सिंह डाडूवल सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी हरियाणा, महर्षि वाल्मीकि चेयर के लिए पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी , जिओ गीता चेयर के लिए स्वामी ज्ञानानंद , बाबा बंदा बहादुर सिंह चेयर के लिए नरेंद्र कुमार बैरागी को विश्वविद्यालयों से एम.ओ.यू साईन करना चाहिए अन्यथा धीरे-धीरे सभी चेयर संचालन के अभाव में बंद हो जायेगी।