क्या सरकार बनने पर उत्तराखंड में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ लागू कर पाएंगे पुष्कर सिंह धामी ?
यूनिफॉर्म सिविल कोड या समान नागरिक संहिता का मतलब है विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे विषयों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम होना। दूसरे शब्दों में कहें तो परिवार के सदस्यों के आपसी संबंध और अधिकारों को लेकर समानता होना। जाति-धर्म-परंपरा के आधार पर कोई रियायत ना मिलना। इस वक़्त हमारे देश में धर्म और परंपरा के नाम पर अलग नियमों को मानने की छूट है। जैसे – किसी समुदाय में पुरुषों को कई शादी करने की इजाज़त है तो कहीं-कहीं विवाहित महिलाओं को पिता की संपत्ति में हिस्सा न देने का नियम है।
देहरादून(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता की जो घोषणा की थी, अब दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद धामी इस पर काम करेंगे। सोमवार को विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि यूनिफार्म सिविल कोड के लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू करेंगे।
पुष्कर सिंह धामी की इस घोषणा से विपक्षी दलों के सामने इसको काटने या राजनीतिक मैदान में इस पर अपनी राय रखने का अधिक मौका नहीं मिल पाएगा। समान नागरिक संहिता भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में शामिल रही है। ऐसे में पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर सरकार बनने की स्थिति में इसकी घोषणा कर बड़ा खेल किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जल्द से जल्द समान नागरिक संहिता लागू करने से राज्य में सभी वर्ग के लोगों के लिए समान अधिकारों को बढ़ावा मिलेगा। यह सामाजिक सद्भाव को बढ़ाएगा। लैंगिक न्याय को बढ़ावा देगा। महिला सशक्तिकरण को मजबूत करेगा। राज्य की असाधारण सांस्कृतिक-आध्यात्मिक पहचान और पर्यावरण की रक्षा करने में मदद करेगा।
सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश में नई भारतीय जनता पार्टी के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी। कमेटी तमाम मसलों पर बात करेगी। समान नारिक संहिता के तहत सभी लोगों के लिए विवाह, तलाक, जमीन, संपत्ति और विरासत के संबंध में एक समान कानून व्यवस्था का लाभ मिलेगा। इसमें धर्म या आस्था से कोई मतलब नहीं होगा। पुष्कर सिंह धामी ने इसके साथ ही चुनावी मैदान में एक नई बहस को छेड़ दिया है। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से उठने वाला समान नागरिक संहिता का यह मामला निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश और पंजाब विधानसभा चुनाव के मैदान में भी एक बड़े मुद्दे के रूप में दिख सकता है।
पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम जो घोषणा कर रहे हैं, वह हमारी पार्टी का संकल्प है। भाजपा की नई सरकार बनते ही इसे पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘देवभूमि’ की संस्कृति और विरासत को अक्षुण्ण रखना हमारा परम कर्तव्य है। हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। खटीमा में उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता उन लोगों के सपनों को साकार करने की दिशा में एक कदम होगा, जिन्होंने हमारे संविधान को बनाया। संविधान की भावना को मजबूत किया। यह सभी नागरिकों के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड प्रदान करने वाले अनुच्छेद 44 की दिशा में भी एक प्रभावशाली कदम होगा।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अगली सरकार बनने की स्थिति में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बनने वाली कमेटी के बारे में भी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि नई भाजपा सरकार के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद न्यायविदों, सेवानिवृत लोगों, प्रबुद्ध लोगों और अन्य विशेषज्ञों को मिलाकर एक कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी प्रदेश के लोगों के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों को समान नागरिक अधिकार देने का प्रयास किया जा रहा है। यूनिफॉर्म सिविल कोड के बनने से नागरिकों को समान अधिकारों का बल मिलेगा।