हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने सेक्टर-14 स्थित नगर निगम कार्यालय का किया औचक निरीक्षण

  • कई मोबाईल कंपनियों के टावर्स से संबंधित फाइलों का रिकाॅर्ड न मिलने पर जताई नाराजगी
  • तय शुल्क का भुगतान ना करने वाली मोबाईल कंपनियों के कनैक्शन एक सप्ताह के भीतर काटने दिये के निर्देश
  • जांच में पाये गये तथ्यों की एक विस्तृत रिपोर्ट आवश्यक कार्रवाही हेतू राज्य सरकार को भेजी जायेगी-गुप्ता

पंचकूला, 27 जनवरी :

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने आज सेक्टर-14 स्थित नगर निगम कार्यालय का औचक निरीक्षण किया तथा शहर में लगे विभिन्न कंपनियों के मोबाईल टावरों से आने वाले राजस्व से संबंधित फाईलों की जांच की। जांच में श्री गुप्ता ने कई मोबाईल कंपनियों से संबंधित फाइलों का रिकाॅर्ड न मिलने पर नाराजगी जताई।

इस अवसर पर उनके साथ नगर निगम महापौर कुलभूषण गोयल और नगर निगम आयुक्त धर्मवीर सिंह भी उपस्थित थे।

गुप्ता ने कहा कि काफी समय से उन्हें शिकायतें मिल रही थी कि कई मोबाईल कंपनियों द्वारा वर्षों से निर्धारित फीस का भुगतान नहीं किया जा रहा, जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो रहा हैं। उन्होंने कहा कि शहर में एयरटैल, वोडाफोन, बीएसएनएल, एटीसी, इन्डस और जीओ कंपनी के कुल 318 टावर लगे है परंतु उक्त कंपनियों द्वारा वर्ष 2016 के बाद निर्धारित शुल्क का भुगतान नहीं किया गया जोकि एक गंभीर मामला है। हालांकि श्री कुलभूषण गोयल द्वारा नगर निगम के मेयर का कार्यभार संभालने के पश्चात पिछले एक वर्ष में लगभग 10 करोड़ रुपये मोबाईल कंपनियों से टावर्स और लीज लाईन की फीस के रूप में रिकवर किये गये है। उन्होंने कहा कि तय शुल्क का भुगतान ना करने वाली मोबाईल कंपनियों के कनैक्शन एक सप्ताह के भीतर काटने के निर्देश दिये गये है।

मोबाईल कंपनियों से संबंधित 87 फाईलों का नहीं मिला  रिकाॅर्ड

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि निरीक्षण के दौरान उन्हें मोबाईल कंपनियों से संबंधित 87 फाईलों का रिकाॅर्ड नहीं मिला, जोकि एक गंभीर विषय हैं। उन्होंने कहा कि जीओ कंपनी के टावर्स से संबंधित 21 फाईलों का रिकाॅर्ड नगर निगम कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। इसी प्रकार इंडस कंपनी की 16 फाईल, एयरटैल की 13, वोडाफोन की 18 फाईल, बीएसएनएल की 3 और एटीसी की 16 फाईलों से संबंधित रिकाॅर्ड गायब है।
 
बिना प्रासैसिंग फीस और रेंट जमा किये बिना कंपनी को जारी की गई स्वीकृति

गुप्ता ने कहा कि रेवैन्यू रिलाईजेशन कमेटी ने जांच में पाया कि एक अधिकारी द्वारा बिना अथोरिटी के लगभग 1 करोड़ 65 लाख रुपये की प्रासैसिंग फीस और रेंट जमा करवाये बिना ही मोबाईल कंपनी को टावर लगाये जाने की स्वीकृति जारी कर दी गई।

काम होने के पश्चात गड्ढे ना भरने वाली मोबाईल कंपनियों पर होगी कड़ी कार्रवाही

उन्होंने कहा कि यह भी समाने आया है कि बड़ी-बड़ी मोबाईल कंपनियों द्वारा लाईन बिछाने के पश्चात सड़कों पर गड्ढों को पूरी तरह से भरा नहीं जाता, जिससे लोगों को असुविधा होती है। श्री गुप्ता ने कहा कि ऐसी कंपनियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाही करने के निर्देश दिये गये। उन्होनंे कहा कि आज जांच में पाये गये तथ्यों की एक विस्तृत रिपोर्ट स्थानीय निकाय विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साथ विभाग के मंत्री श्री कमल गुप्ता को भेजी जायेगी ताकि उचित कार्रवाही की जा सके।

पिछले एक वर्ष में नगर निगम की आर्थिक स्थिति में हुआ सुधार

गुप्ता ने कहा कि शहर में मोबाईल टावर और लिज लाईन का लगभग 100 करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने कहा कि संबंधित कंपनियो ंको इस संबंध में नोटिस जारी कर भुगतान करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होनंे कहा कि पिछले एक वर्ष में नगर निगम की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि निगम द्वारा अपने स्तर पर राजस्व जुटाने के प्रयास किये जा रहे है ताकि निगम आत्मनिर्भर बन सके।
इस अवसर पर नगर निगम के संयुक्त निदेशक संयम गर्ग और विनेश कुमार, काउंसलर जय कौशिक भी उपस्थित थे।