भगवंत मान, अरविंद केजरीवाल के लिए मुख्यमंत्री चेहरा

अरविंद केजरीवाल पहले ही साफ कर चुके हैं कि वह पंजाब में सीएम की दौड़ में नहीं हैं। पंजाब का सीएम चेहरा सिख समाज से होगा। 2017 में आआपा को इसी वजह से बड़ा झटका लगा था कि सीएम फेस सिख समाज से नहीं था। विरोधियों ने कहा कि बाहर से आकर कोई मुख्यमंत्री बन सकता है, जिससे पंजाबी आआपा से दूर होते चले गए।

संवाददाता डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

पंजाब में आम आदमी पार्टी का सीएम चेहरा भगवंत मान ही होंगे। कहा जा रहा है कि लोगों से फोन पर आए कॉल और मैसेज में भगवंत मान ही सबसे आगे रहे हैं। उनके नाम का ऐलान आज अरविंद केजरीवाल कर सकते हैं। बता दें कि पंजाब की सियासत में आने से पहले वह अपने पूरे परिवार को छोड़ चुके हैं। 2015 में उनका अपनी पत्नी से तलाक हो चुका है और अब उनके बच्चों की भी उनसे बातचीत नहीं हो पाती है।

आम आदमी पार्टी (आआपा) द्वारा पंजाब में पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा चुनने के लिए एक नंबर  जारी किया गया था। इससे पहले पार्टी में विधायकों की तरफ से सांसद भगवंत मान को बतौर सीएम एलान किए जाने की मांग की जा रही थी लेकिन अरविंद केजरीवाल ने लोहड़ी के दिन नया दांव खेलते हुए पंजाब के लोगों से ही इसके लिए राय मांग ली थी।

सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में आप के पंजाब सहप्रभारी राघव चड्ढा ने कांग्रेस पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का सिर्फ दलित वोट पाने के लिए इस्तेमाल किया है। कांग्रेस इससे पहले महाराष्ट्र में भी ऐसा ही कर चुकी है। लेकिन चुनाव के लिए टिकट देते समय उनके किसी रिश्तेदार या सगे भाई को टिकट नहीं दिया, जबकि कई नेताओं के बच्चों और भाईयों को टिकट दिया है। वहीं, उन्होंने साफ किया है कि उनके संपर्क में न तो सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के भाई मनोहर सिंह और न ही उनके अन्य रिश्तेदार हैं।

इस मौके पर राघव चड्ढा ने सबसे पहले कहा कि पंजाब के विधानसभा चुनाव-2022 में उतरने जा रही आम आदमी पार्टी ऐसी पहली पार्टी है जो कि अपने सीएम चेहरे का सबसे पहले एलान कर रही है। अभी तक किसी पार्टी ने अपने सीएम चेहरे का एलान नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सीएम का चेहरा भी लोगों की राय से चुना जा रहा है। इस संबंधी अब तक 15 लाख से अधिक संदेश उन्हें आ चुके हैं। 

सीएम चन्नी के भाई डॉ. मनोहर सिंह को बस्सी पठाना से टिकट न देने के बहाने उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि इससे साफ हो गया है कि पार्टी में चरणजीत सिंह चन्नी की कितनी कीमत है। उन्होंने कुछ नेताओं के नाम गिनाएं, जिनके भाईयों और बेटों को कांग्रेस ने चुनाव के लिए टिकट दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का खेल कांग्रेस ने पहली बार नहीं किया। कई साल पहले महाराष्ट्र में भी कांग्रेस इस तरह का खेल कर चुकी है। चुनाव से ठीक तीन-चार महीने पहले दलित वोट के लिए उन्होंने सुशील कुमार शिंदे को सीएम घोषित कर दिया था और अगले ही चुनाव में उन्हें बदल दिया था। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि नाइट वाच मैन की तरह चरणजीत सिंह चन्नी का प्रयोग किया गया है।

चड्ढा ने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस के पंजाब प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू भी उनकी इज्जत नहीं करते हैं। जब सिद्धू प्रेस कांफ्रेंस करते हैं तो वह अपने पीछे लगे बैनर में मुख्यमंत्री की फोटो तक नहीं लगाते। वह रोजाना चन्नी सरकार पर कई मुद्दों पर बात करके आरोप लगाते हैं। इस मौके पर चढ्ढा ने कहा कि उनकी पार्टी की ओर से अभी चार सीटों पर उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है, जो कि आने वाले दिनों में कर दिया जाएगा।

इस सवाल का जवाब देने से बचे

फिरोजपुर देहाती से आप के उम्मीदवार आशु बांगड़ के पार्टी से इस्तीफा देने के सवाल पर राघव चड्ढा ने कहा कि उन्हें भी अभी ही इस बारे में जानकारी मिली है। हमारे उम्मीदवार ने अरविंद केजरीवाल को जो पत्र भेजा है उसमें हम पर आरोप लगाए हैं कि हमने उनसे होर्डिंग लगाने के लिए कहा है, क्या मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए था। चुनाव के दौरान अगर हम अपने उम्मीदवारों से ऐसा नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे।

किसानों को अब चुनावी मैदान में देखेंगे

राघव चड्ढा ने 22 किसान संगठनों के आधार पर बने संयुक्त समाज मोर्चा को बेस्ट ऑफ लक कहते हुए कहा कि अब वे चुनावी मैदान में ही देखेंगे। उन्होंने किसान संगठनों में टिकटों को लेकर आपस में सहमति न बनने पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह किसान संगठनों का निजी मामला है, हमारी पार्टी इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेगी।