इमरान के प्रधान मंत्री घोषित होते ही जैश का 15 एकड़ में फैला जिहादी सेंटर सुर्खियों में


सेंटर में हजारों बच्‍चों को जिहाद के लिए कुर्बानी देने की ट्रेनिंग दी जाएगी. पंजाब सूबे के बहावलपुर के बाहरी इलाके में बड़ी बिल्डिंग बनाई जा रही है.

जब यह सर्वमान्य है कि आईएसआई ओर सेना ने मिल कर इमरान खान को एक कठपुतली प्रधान मंत्री बनाया है वहीं एक ओर यह भी सबको मालूम हो कि जैश ने इमरान की पख्तूनवा में बहुत मदद की ओर आईएसआई के साथ मिल कर नवाज़ को देश ओर इस्लाम का द्रोही तक करार दे दिया। अब इमरान के इन एहसानों का मूल्य चुकाने की बारी है।

यह आईएसआई ही है जो इस समय sikh referendum 2020 के पीछे है। आईएसआई के 12 मोड्युल्स इंग्लैंड मे स्क्रिय हो कर इस referendum 2020 के लिए काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर इसी referendum के बहाने आईएसआई पंजाब में एक बार फिर आतंकवाद को हवा दे रही है।

इमरान खान पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

नवाज़ में इच्छाशक्ति तो थी यहाँ तो धारा ही उल्टी बह रही है।


आतंकी संगठन जैश ए मोहम्‍मद पाकिस्‍तान के बहावलपुर में 15 एकड़ में गुपचुप ट्रेनिंग सेंटर बना रहा है. इस सेंटर में हजारों बच्‍चों को जिहाद के लिए कुर्बानी देने की ट्रेनिंग दी जाएगी. पंजाब सूबे के बहावलपुर के बाहरी इलाके में बड़ी बिल्डिंग बनाई जा रही है. तस्‍वीरों से पता चलता है कि नई बिल्डिंग जैश के वर्तमान मुख्‍यालय से पांच गुना बड़ी होगी. तीन महीनों से इसका निर्माण कार्य चल रहा है.

देश में इमरान खान के उभरने और बाद में उनके चुनाव जीतने के समय में इस बिल्डिंग को बनाया जाना केवल एक संयोग नहीं हो सकता. जैश ने चुनावों में इमरान खान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ को समर्थन दिया और नवाज शरीफ के खिलाफ जमकर प्रचार किया था. जैश ने शरीफ को पाकिस्‍तान व इस्‍लाम का गद्दार करार दिया था. सरकारी दस्‍तावेजों के अनुसार, बहावलपुर कॉम्‍प्‍लैक्‍स के लिए सीधे मसूद अजहर ने जमीन खरीदी है. जिस जगह जमीन खरीदी गई है वहां 80 से 90 लाख प्रति एकड़ के भाव हैं.

इस जगह को देखने वाले सूत्रों ने बताया कि इसमें रसोई, मेडिकल सुविधाएं और कमरे और जमीन के नीचे भी निर्माण किया जा रहा है. माना जा रहा है कि यहां पर इंडोर फायरिंग रेंज भी बनाई जाएगी. स्विमिंग पूल, तीरंदाजी रेंज और खेल का मैदान भी तैयार किया जाएगा.

कॉम्‍प्‍लैक्‍स बनाने के लिए हज जाने वाले यात्रियों से नकद पैसे लिए गए. 2017 में जमीन मालिकों से उशर के सहारे भी मदद ली गई. उशर फसल उत्‍पादन पर लगने वाला सरचार्ज होता है जो शहीदों, धार्मिक लड़ाकों की मदद के लिए लिया जाता है. अल रहमत नाम के ट्रस्‍ट के जरिए उशर देने का आह्वान किया गया था.

जैश के स्‍थानीय नेताओं ने पंजाब में मस्जिदों के लिए पैसे उगाहे. पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पैतृक शहर रायविंड के पास पट्टोकी में रूक-ए-आजम मस्जिद में मौलाना अमार नाम के एक जैश नेता ने लोगों से पैसों की मदद करने का आ‍ह्वान करते हुए कहा था, ‘जिहाद शरिया का आदेश है.’

बता दें कि जैश ए मोहम्‍मद का सरगना मसूद अजहर भारत की मोस्‍ट वांटेड लिस्‍ट में शामिल है. वह 2001 संसद हमले और 2016 पठानकोट हमले का मास्‍टमाइंड है. भारत उसे वैश्विक आतंकी बनाने के लिए कोशिशें कर रहा है लेकिन चीन इसमें रोड़े अटका रहा है. नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री रहते हुए अजहर को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे. सूत्रों का कहना है कि अब सरकार बदलने के बाद जैश पहले से ज्‍यादा सक्रिय हो सकता है.

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