पंचांग, 17 दिसम्बर 2021
17 दिसंबर 2021, दिन शुक्रवार, मार्गशीर्ष मास, शुक्ल पक्ष, चतुर्दशी तिथि , कृतिका नक्षत्र 10.41 बजे तक फिर रोहिणी नक्षत्र रहेगा। चंद्रमा मेष राशि में रहेंगे और भगवान सूर्य धनु राशि में विराजमान हैं। अभिजित मुहूर्त का समय होगा 14.01 से 14.42 बजे तक बजे तक।
नोटः आज पिशाच मोचन श्राद्ध तथा भगवान शिव चतुर्दशी व्रत है। पिशाचमोचनी श्राद्ध, इस दिन पिशाच (प्रेत) योनि में गए हुए पूर्वजों के निमित्त तर्पण आदि करने का विधान बताया गया है। जो इस वर्ष 17 दिसम्बर 2021 को है। अगहन मास की पिशाचमोचनी श्राद्ध तिथि पर अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए पित्रों का श्राद्ध करने का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन शांति के उपाय करने से प्रेत योनि व जिन्हें भूत-प्रेत से भय व्याप्त हो उन्हें पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। ये व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन रखा जाता है। वहीं इसी दिन मासिक शिवरात्रि भी है। ये भी भगवान शिव को अत्यंत प्रिय मानी जाती है। यह कृष्ण पक्ष माह के चतुर्दशी को आती है।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः मार्गशीर्ष़,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः चतुर्दशी (तिथि की वृद्धि है जो कि शनिवार को प्रातः 7.25 तक है),
वारः शुक्रवार।
विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः कृतिका प्रात 10.40 तक है,
योगः सिद्धि प्रात काल 08.13 तक,
करणः गर,
सूर्य राशिः धनु, चंद्र राशिः वृष,
राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,
सूर्योदयः 07.11, सूर्यास्तः 05.22 बजे।