पंचांग, 27 नवम्बर 2021
नोटः आज श्री कालभैरवाष्टमी तथा भैरव जयंती है। हिंदू धर्म में काल भैरव को भगवान शिव का ही स्वरूप माना जाता है। मान्यता है कि काल भैरव की उपासना करने से व्यक्ति के सभी संकट दूर हो जाते हैं। इस बार आज यानी 19 नवंबर, मंगलवार को काल भैरव अष्टमी मनाई जा रही है। इस दिन शुभ मुहूर्त में सच्चे दिल से प्रभु की उपासना करने से व्यक्ति अपने सभी शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं आखिर किस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से काल भैरव अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर उनकी सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः मार्गशीर्ष़,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः अष्टमी प्रातः 06.01 तक है,
वारः शनिवार
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
नक्षत्रः मघा रात्रि 09.43 तक है,
योगः ऐन्द्र प्रातः काल 07.36 तक,
करणः बालव,
सूर्य राशिः वृश्चिक, चंद्र राशिः सिंह,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 06.57, सूर्यास्तः 05.20 बजे।