हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने श्री गुरू तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर पंचकूला के ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाडा साहिब में नवाया शीश

  • -गुरू तेग बहादुर जी ने धर्म और समाज की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया -राज्यपाल
  • -युवाओं को गुरू तेग बहादुर जी द्वारा दिखाए मार्ग पर चलते हुए नशामुक्ति, अहिंसा और सबको साथ लेकर चलने के लिए समाज में जागरूकता पैदा करने का किया आह्वान

पंचकूला, 24 नवंबर:

हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज सिखों के नौवें गुरू श्री गुरू तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर पंचकूला के ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाडा साहिब में शीश नवाया तथा गुरू तेग बहादुर जी को नमन किया।

राज्यपाल ने कहा कि गुरू तेग बहादुर जी एक आध्यात्मिक और वीर देशभक्त थे।

उन्होंने कहा कि गुरू तेग बहादुर जी ने गुरू नानक देव जी के द्वारा सिख धर्म की स्थापना करने उपरांत धर्म को आगे बढाने के लिए उस समय की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अंध विश्वास, छूआ-छूत व जाति-पाति जैसी सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए समाज में जागृति पैदा की। श्री दत्तात्रेय ने कहा कि मुगल साम्राज्य में धर्म परिवर्तन के विरूद्ध, वे जेल भी गए, जहां पर उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए अनेक यातनाएं दी गई लेकिन वे अपनी बात पर अड़िग रहे और अपने धर्म की रक्षा के लिए प्राण तक न्यौछावर कर दिये।

राज्यपाल ने कहा कि गुरू तेग बहादुर जी ऐसे महापुरूष, तपस्वी और देशभक्त थे जिन्होंने धर्म और समाज के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। उन्होंने युवा पीढी को गुरू तेग बहादुर जी द्वारा दिखाए मार्ग पर चलते हुए नशामुक्ति, अहिंसा और सबको साथ लेकर चलने के लिए समाज में जागरूकता पैदा करने का आह्वान किया।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि उन्हें खुशी है कि नाडा साहिब गुरूद्वारा द्वारा कोविड के दौरान समर्पण भाव से हजारों लोगों को लंगर खिलाया गया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह गुरूद्वारा इसी प्रकार से सेवा भाव से लोगों की मदद करता रहेगा।  

इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त मोहम्मद इमरान रज़ा, एसडीएम ऋचा राठी, तहसीलदार पुन्यदीप शर्मा, नाडा साहिब गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रबंधक सरदार मलकीत सिंह, खजांची अमृतपाल सिंह, गुरूद्वारा नाडा साहिब के हैड ग्रंथी सरदार जगजीत सिंह भी उपस्थित थे।