नौकरी, व्यापार, जंगल, पहाड़, नदी, नहर, एमएसपी, कृषि, कानून व्यवस्था, शांति, सुरक्षा, भाईचारा, शिक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्था और संस्थाएं सबकुछ खत्म करने में लगी है बीजेपी-जेजेपी सरकार- हुड्डा
16 नवंबर, चंडीगढ़:
प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी सरकार नौकरी, व्यापार, जंगल, पहाड़, नदी, नहर, एमएसपी, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, शांति, सुरक्षा, भाईचारा और संस्थाएं सबकुछ खत्म करने में लगी है। अरे भाई! कुछ तो छोड़ दो हरियाणा में। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा ने आज चंडीगढ़ स्थित आवास पर कांग्रेस विधायक दल की अहम बैठक ली। बैठक में किसान, कर्मचारी, व्यापारी, युवा समेत हर वर्ग के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। साथ ही 18 तारीख को जींद में होने वाले विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम का भी खाका भी तैयार किया गया।
बैठक के बाद पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा कहा कि प्रदेश की गठबंधन सरकार विश्वविद्यालयों की भर्तियों में हस्तक्षेप कर उनकी स्वायत्तता के साथ खिलवाड़ कर रही है। ऐसा करके सरकार ना सिर्फ यूजीसी की गाइडलाइंस और विश्वविद्यालय के नियमों, बल्कि केंद्र की नयी शिक्षा नीति का भी उल्लंघन कर रही है। हुड्डा ने यूजीसी के नियमों और नयी शिक्षा नीति में उल्लिखित नियमों का हवाला देते हुए कहा कि हर विश्वविद्यालय में भर्ती के लिए पहले से उपयुक्त नियम और भर्ती कमेटी मौजूद है। यहां तक कि पिछले विधानसभा सत्र में खुद मुख्यमंत्री ने सदन को आश्वासन दिया था कि सरकार विश्वविद्यालयों की भर्तियां एचएसएससी-एचपीएससी के जरिए नहीं करेगी। बावजूद इसके, सरकार स्वायत्त संस्थाओं के कामकाज में दखलंदाजी कर रही है। इससे न सिर्फ उनके कामकाज पर बल्कि शिक्षा के स्तर पर भी विपरीत असर पड़ेगा। पहले ही हरियाणा की यूनिवर्सिटीज की रैंकिंग लगातार गिरती जा रही है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में करीब 34000 टीचर्स के पद खाली पड़े हुए हैं। 50% स्कूल ऐसे हैं जहां हेड टीचर तक नियुक्त नहीं है। इस तरफ ध्यान देने की बजाय सरकार शिक्षा के ढांचे को ध्वस्त करने में लगी हुई है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बीजेपी और जेजेपी दोनों दलों ने अपने चुनावी घोषणापत्र में किसान की फसल का दाना-दाना एमएसपी पर खरीदने की बात कही थी। लेकिन, आज न बाजरा के किसानों को एमएसपी मिल पाया और न ही धान के किसानों को। इससे परेशान होकर किसान आत्महत्या तक करने की चेतावनी सरकार को दे रहे हैं। रोज किसानों के तरफ से मंडी और सड़कों पर खरीद की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जाता है। खरीद के नाम पर किसानों के साथ खिलवाड़ और घोटाला हो रहा है। दूसरे राज्यों से सस्ती धान प्रदेश में आ रही है और प्रदेश के किसानों की खरीद नहीं हो रही है।
खाद की किल्लत पर टिप्पणी करते हुए हुड्डा ने सरकार के रवैए की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री रोज दावा करते हैं कि खाद की कोई किल्लत नहीं है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि अगर किल्लत नहीं है तो फिर किसान और बहन-बेटियां खाद के लिए क्यों कतारों में खड़ी हुई हैं?
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सरकार के रवैए पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस सरकार ने कोरोना महामारी से कोई सबक नहीं सीखा। यही वजह है कि कोरोना के बाद अब डेंगू की वजह से प्रदेश में मरीजों का बुरा हाल है। अस्पतालों में बीमारी से निपटने के लिए ना उपयुक्त बेड हैं, ना पूरा स्टाफ और ना ही जांच व इलाज के उपकरण। स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सरकार के ढुलमुल रवैये का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश को केंद्र की तरफ से स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जारी 8.50 हजार करोड़ रुपये में से एक भी पैसा नहीं मिला। जबकि, पड़ोसी राज्य पंजाब को 400 और हिमाचल को करीब 100 करोड रुपये मिले। हरियाणा को कोई फंड इसलिए नहीं मिला, क्योंकि प्रदेश सरकार ने केंद्र को आवेदन ही नहीं किया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार को यह भी याद दिलाया कि उसने पिछले विधानसभा सत्र में कोरोना से हुई मौतों की गिनती के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाने की बात कही थी। लेकिन, आज तक ऐसी कोई कमेटी नहीं बनाई गई।
स्वास्थ्य सेवाओं के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बेरोजगारी की भयावहता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक तरफ सरकार प्रदेश के युवाओं को 75% आरक्षण देने का ढकोसला कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ हरियाणा रिहायशी प्रमाणपत्र के लिए जरूरी मियाद को 15 साल से घटाकर 5 साल कर दिया है। इससे हरियाणा के युवाओं को फायदे के बजाय नुकसान होगा। प्रदेश में औद्योगिक विकास का आलम यह है कि आज फरीदाबाद जैसे औद्योगिक नगरों में भी बेरोजगारी बढ़ रही है। ऊपर से सरकारी नौकरियों में भी कटौती की जा रही है। 2014 में हरियाणा के पास हरियाणा में करीब 4 लाख सरकारी कर्मचारी थे जो बीते 7 साल में घटकर सिर्फ 2 लाख 80 हजार रह गए हैं। पहले 31 लोगों पर एक कर्मचारी था जो अब 95 लोगों पर एक रह गया है। यही वजह है कि हर सरकारी महकमे में लगातार भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने पेपर लीक, खाली ओएमआर शीट, फर्जी पेपर सॉल्वर, कैश फॉर जॉब जैसे भर्ती घोटालों के मुद्दे को एकबार फिर विधानसभा में उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि रोज प्रदेश में नया भर्ती घोटाला उजागर हो रहा है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर सरकार पूरे मामले की सीबीआई जांच से क्यों भाग रही है? आखिर सरकार किसको बचाना चाहती है?
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर गहन चर्चा हुई। महंगाई की वजह से आज गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का जीना दूभर हो गया है। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हरियाणा में तमाम पड़ोसी राज्यों से सस्ता पेट्रोल और डीजल मिलता था। लेकिन आज हरियाणा में पंजाब, हिमाचल और चंडीगढ़ से भी महंगा डीजल मिल रहा है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है कि बीजेपी सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन में कोई बढ़ोतरी नहीं की। इतना ही नहीं स्वतंत्रता सेनानियों के हितों के लिए वेलफेयर कमेटी तक का गठन नहीं किया गया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि विधायक दल की बैठक के इन तमाम मुद्दों को ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम के जरिए सड़क और फिर विधानसभा सत्र के दौरान सदन में भी उठाया जाएगा।