नगर निगम पंचकुला ने खोजा आपदा में अवसर

कोरोना बीमारी के दौरान हुई कोताहियाँ और घोटाले अब निकल निकल कर सामने आने लगे हैं। पंचकूला में पिछले 2 साल में हुई मौतों पर श्मशान घाट , नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े मेल ही नहीं खा रहे । नगर निगम के अनुसार कोरोना की वजह से हुई मृत्यु की संख्या 980 से ऊपर है (जिन मृतकों का संस्कार पंचकूला के श्मशान घाट में हुआ) जबकि श्मशान घाट के रिकॉर्ड के अनुसार यह संख्या साढ़े पाँच सौ और छः सौ के बीच है । स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार 2 साल में कोरोना के चलते 11 अक्टूबर 2021 तक करीब 378 व्यक्तियों की मृत्यु हुई, अब सवाल उठता है यहां किस का रिकॉर्ड सही है?

सूरज तिवारी, पंचकुला :

पंचकूला विकास मंच के देवराज शर्मा ने बताया के नगर निगम 98 लाख से अधिक की पेमेंट करने जा रहा है जोकि सही नहीं है। देवराज शर्मा ने बताया संबंधित विभाग से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार कोरोना से पीड़ित मृतकों का अंतिम संस्कार करने वाले कर्मचारियों को प्रति ₹2000 दिए जाएंगे । श्मशान घाट का रिकॉर्ड देखा जाए तो आज तक कोरोना से 550 से 600 के बीच संस्कार हुए हैं नगर निगम यह आंकड़ा 980 से ऊपर का बताता है और उसी के अनुसार पैसा भी दे रहा है शर्मा ने नगर निगम कमिश्नर आयुक्त को शिकायत में लिखा है विचार व्यक्ति मदनलाल , अजय सूद और परवेश को कोई भी पैसा देना नहीं बनता। क्योंकि रिकॉर्ड में कहीं भी इन चार व्यक्तियों का नाम नहीं लिखा गया। संस्कार करने वालों का ही नाम लिखा गया है। उन्होंने यह सवाल भी किया कि बताया जाए इन व्यक्तियों जिनमें से एक सी एसआई दो ए एस आई और एक सुपरवाइजर है, को किस प्रावधान के तहत पैसे दिए गए हैं।

कोरोना काल में हुई मौतों पर हो रहा खिलवाड़ पैसे की होरी धांधली कमीशन का हो रहा खेल पंचकूला विकास मंच ने जानकारी देते हुए बताया की मौत का आंकड़ा एमसी के माध्यम से कुछ और बता कर इंसेंटिव का पैसा गबन करने की कोशिश की जा रही है जहां पर हरियाणा सरकार के निर्देशानुसार और यूएलबी की गाइडलाइंस के मुताबिक ₹2000 ग्राउंड स्टाफ को इंसेंटिव देना है पर एमसी के द्वारा सी एस आई एस आई को भी पेमेंट दी जा रही है सवाल यह उठता है कि अधिकारियों को अगर पेमेंट दी जा रही है तो सभी अधिकारियों को मिले नहीं तो निर्देश के अनुसार सिर्फ ग्राउंड स्टाफ को पेमेंट बननी चाहिए जहां पर मौत का आंकड़ा भी उपर नीचे हो रहा है सरकारी आंकड़ों की बात करें तो पंचकूला के अंदर 378 लोगों की मौत हुई है जोकि पंचकूला के रहने वाले हैं यह बात राजीव निरवाल द्वारा बताई गई है परंतु उनका यह भी कहना है कि जो एमसी द्वारा क्रीमेशन ग्राउंड में कोरोनावायरस से हुई मौत पर बॉडी जलाई गई है वह आंकड़ा एमसी द्वारा अभी जारी करना है यह बात साफ जाहिर होती है की एमसी अपने ही आंकड़े देगा परंतु ओरिजिनल वालों का यह भी कहना है की ग्राउंड स्टाफ यानी कि 5 की टीम बनाकर जो लोग लाशों को दफनाने या जलाने का काम कर रहे थे उनको पैसे मिलने चाहिए परंतु अधिकारियों को भी पैसे बांटे जा रहे हैं

कमिश्नर द्वारा बताया गया था कि हम इसकी जांच करेंगे और अधिकारियों को पेमेंट नहीं करेंगे लगभग 40 लाख की पेमेंट हो चुकी है 60 लाख की पेमेंट बकाया है
सवाल यह उठता है कि अगर विरोध ना किया जाता तो सबकी जेबे भर जाती, परंतु विरोध करने के बाद जांच किया जा रहा है इसका मतलब क्या एमसी के पास क्रॉस एडिट की कोई तरकीब नहीं है

हो सकता है निगम के अधिकारी इन अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कोई तोड़ निकाल ले लेकिन मृतकों की संख्या में इतने अंतर को किस तरह न्याय संगत ठहराएंगे।
स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सिविल सर्जन राजीव नरवाल की रिपोर्ट के अनुसार 11 अक्टूबर 2021 तक पंचकूला करो ना से पीड़ित इसको की संख्या 378 है उन्होंने बताया यह संख्या केवल पंचकूला की है आसपास के क्षेत्रों के निकायों से संबंधित क्षेत्र के आंकड़े मंगवाए गए हैं । उन्होंने भी माना की पैसा केवल संस्कार करने वाले कर्मियों को ही दिया जाना चाहिए अन्य किसी कर्मचारी या अधिकारी को अगर यह राशि दी जाती है तो यह सही नहीं