छठ पूजा : भाजपा क हुंकार के बाद बचाव में आई आआपा सरकार

दिल्ली बीजेपी ने छठ आयोजन की मनाही का विरोध करते हुए दिल्ली सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर अनुमति नहीं मिली तो उसके बावजूद छठ पर्व का आयोजन किया जाएगा। बीजेपी की दलील है कि अगर पूरी दिल्ली को अनलॉक किया जा सकता है और सभी तरह की एक्टिविटी को अनुमति दे दी गई है तो छठ के आयोजन पर मनाही किस बात को लेकर है। इसे लेकर दिल्ली बीजेपी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर विरोध प्रदर्शन भी किया जिसमें बीजेपी सांसद मनोज तिवारी चोटिल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। दिल्ली बीजेपी ने दिल्ली सरकार के इस फैसले को पूर्वांचलियों का अपमान बताया है। वहीं सांसद परवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा, “केजरीवाल ने पूरी दिल्ली खोल रखी है लेकिन छठ पूजा आ रही है तो अचानक से तालिबानी फरमान सुना दिया कि छठ पूजा पर पाबंदी रहेगी। यह केजरीवाल बकरीद, ईद पर लॉकडाउन में खुली छूट देता था। आखिर केजरीवाल जी इतनी नफरत क्यों?”

दिल्ली में छठ पूजा को लेकर भाजपा के विरोध का असर देखने को मिल रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में छठ पूजा के आयोजन की अनुमति को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल को लेटर लिखा है। पत्र में कहा गया है कि राजधानी में पिछले तीन महीने में कोविड महामारी नियंत्रण में है। सीएम केजरीवाल ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए छठ पूजा को अनुमति देने का आग्रह किया है।

एलजी को लिखे पत्र में सीएम केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में पिछले तीन महीनों से कोरोना संक्रमण नियंत्रण में है। इसलिए कोरोना प्रोटोकाल का पूरा ध्यान रखने हुए छठ पूजा मनाने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली से सटे राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से सटे अन्य राज्यों में भी नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को देखते हुए उचित प्रतिबंधों के साथ छठ पूजा मनाने की अनुमति दी गई है।

दिल्ली के लोगों और बीजेपी के हमलों के मद्देनजर केजरीवाल ने एलजी अनिल बैजल से अपील किया है कि जल्द से जल्द DDMA की बैठक बुलाकर छठ पूजा के लिए मंजूरी दिया जाए। मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से एलजी अनिल बैजल से कहा है कि दिल्ली के लोग बड़ी आस्था के छठ पूजा का पर्व हर साल मनाते हैं। यह त्योहार हमारी वैदिक आर्य संस्कृति का अहम हिस्सा है। छठ पूजा पर सूर्य देव और छठी मइया की पूजा करने वाले व्यक्ति को स्वास्थ्य समृद्धि और सुखों का लाभ होता है।

पत्र देखकर ऐसा लग रहा होगा जैसे इसके पहले प्रतिबन्ध किसी और ने लगाया था लेकिन ऐसा नहीं है। हालाँकि पिछली बार कोरोना के चलते दिल्ली में सार्वजनिक जगहों पर छठ पर्व का आयोजन नहीं किया गया था। तो वहीं इस साल ईद सहित कई आयोजनों की अनुमति दी गई जबकि उस समय कोरोना के मामले ज़्यादा थे। लेकिन छठ के मामले में इस साल भी दिल्ली डिज़ास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने कोरोना की आड़ लेते हुए आदेश जारी कर सार्वजनिक जगहों पर छठ पर्व के आयोजन पर रोक लगा दी है। जिसे लेकर दिल्ली बीजेपी ने केजरीवाल सरकार को घेरना शुरू कर दिया था। यहाँ तक की बीजेपी ने ईद पर अनुमति का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री हाउस का घेराव करने की भी कोशिश की थी।

वहीं दो दिन पहले 12 अक्टूबर, 2021 को छठ पूजा पर प्रतिबंध को राजनीतिक मुद्दा बनते देखकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर गेंद केंद्र के पाले में डालने की कोशिश की थी, ताकि इस मुद्दे पर भाजपा के हमले को कुंद किया जा सके। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने फैसले की जिम्मेदारी सौंपते हुए गेंद वापस दिल्ली सरकार के पाले में डाल दी है। बता दें कि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र भेजकर पर्व को मनाने की अनुमति और इसके संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने की माँग की थी।

डिप्टी सीएम का कहना था कि छठ पूजा उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों में मनाए जाने वाला ऐतिहासिक पर्व है। यह पूर्वांचल समाज के लिए सामाजिक-सांस्कृतिक त्योहार है। पूर्वांचल समाज के लोग इस पर्व को मनाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

तो वहीं छठ पूजा को लेकर दिल्ली सरकार और भाजपा के बीच मचे राजनीतिक घमासान के बीच केंद्र ने यह साफ कर दिया था कि इसके लिए अलग से दिशा निर्देश जारी करने की जरूरत नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार धार्मिक आयोजनों और त्योहारों के लिए पहले से पूरे देश के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) मौजूद है और दिल्ली सरकार को उसी के अनुरूप फैसला लेना चाहिए।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना ठीक नहीं है। उनके अनुसार राष्ट्रीय स्तर का एक एसओपी केंद्र की ओर से जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही सभी राज्य अपने-अपने यहाँ संक्रमण की स्थिति को देखते हुए स्थानीय स्तर पर त्योहारों के लिए दिशानिर्देश जारी कर रहे हैं। दिल्ली सरकार भी उसी के अनुरूप फैसला ले सकती है।

तो वहीं आज केजरीवाल के पत्र पर दिल्ली बीजेपी के मनोज तिवारी ने भी ट्वीट किया है, “जय छठी मैया… आस्था के आगे जिद टूटी… जितनी कहानी आज चिट्ठी में लिखे हो दिल्ली के मुख्यमंत्री जी.. ये सब प्रतिबंध लगाते याद नही था क्या? ख़ैर देर आए दुरुस्त आए… चलो मिल कर छठ मनाए… छठी मैया की जय।”

दरअसल, यह पूरा मामला तब गरमाया जब दिल्ली सरकार ने खुले में छठ के आयोजन पर प्रतिबन्ध लगा दिया। दिल्ली बीजेपी ने छठ आयोजन की मनाही का विरोध करते हुए दिल्ली सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर अनुमति नहीं मिली तो उसके बावजूद भी छठ पर्व का आयोजन किया जाएगा। बीजेपी की दलील थी कि अगर पूरी दिल्ली को अनलॉक किया जा सकता है और सभी तरह की एक्टिविटी को अनुमति दे दी गई है तो छठ के आयोजन पर मनाही किस बात को लेकर है।

बता दें कि राजधानी में छठ पूजा पर बैन हटाने की मॉँग करते हुए मनोज तिवारी के नेतृत्‍व में भाजपा नेताओं के एक समूह ने मंगलवार (12 अक्टूबर, 2021) को सीएम हाउस के पास प्रदर्शन किया। इस दौरान दिल्‍ली पुलिस ने सीएम हाउस के चारों ओर बैरिकेडिंग की थी। इसका मकसद प्रदर्शनकारियों को सीएम हाउस तक पहुँचने से रोकना था। छठ पूजा पर बैन के खिलाफ मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन के दौरान उन्‍हें चोटें भी आईं थी।