तेरापंथी सभा द्वारा पर्युषण महापर्व के अन्तर्गत संवत्सरी महापर्व व क्षमा दिवस आयोजित
सतीश बंसल, सिरसा 13 सितम्बर :
महातपस्वी, शांतिदूत, आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या शासनश्री साध्वी मंजुप्रभा जी के सान्निध्य में आचार्य श्री के निर्देेशानुसार तेरापंथी सभा सिरसा के तत्वावधान में बीती 11 सितम्बर को संवत्सरी आराधना महापर्व एवं 12 सितम्बर को क्षमा-मैत्री पर्व मनाया गया। साध्वी मंजुलता जी ने संसार सागर के दुखों का अंत करने वाली भगवान महावीर की वाणी आगम का वाचन करते हुए कहा कि इस संसार में व्यक्ति राग-द्वेष के कारण जन्म-मरण की परम्परा में भव-भ्रमण करता रहता है। अध्यात्म की साधना व धर्म की आराधना से व्यक्ति दु:खों से छुटकारा प्राप्त कर सकता है। शासनश्री जी ने नमस्कार महामंत्र के मंगलाचरण से कार्यक्रम का प्रारम्भ करते हुए ‘आयो जैन जगत को प्रमुख पर्व संवत्सरी रे’ गीत का संगान किया। उन्होंने कहा कि इस संवत्सरी महाकुंभ में स्नान करके हमें अपनी आत्मा को पवित्र, उज्ज्वल व पावन बनाना है। भीतर में राग-द्वेष, वैर-विरोध की जो गांठें पड़ी हुई हंै, उन्हें खोलना है व एक-दूसरे से क्षमा-याचना करनी है। भगवान महावीर की जीवनगाथा का वर्णन करते हुए साध्वीश्री ने कहा कि भगवान जन्म से तीन ज्ञान के धारक थे। 30 वर्ष की आयु में उन्होंने मुनि दीक्षा स्वीकार की और अनेक तपस्याओं द्वारा भगवान ने कर्मों के सघन पर्वतों को काटकर केवल ज्ञान प्राप्त किया व मानवता को जिनवाणी की देशना दी व मोक्ष प्राप्त किया। साध्वी गुरू यशा ने कहा कि यह महापर्व हमें त्याग, तपस्या द्वारा मनाना है। इन्सान गलतियों का पुतला है, उन गलतियों का पश्चाताप करना महत्वपूर्ण है और एक-दूसरे से क्षमा मांगना भी एक महान धर्म है। शाम को सभी श्रावकों-श्राविकाओं ने प्रतिक्रमण करके 84 लाख जीव योनि से क्षमा याचना की और कई श्रावकों-श्राविकाओं व बच्चों ने अष्ट प्रहरी पौषध व चार प्रहरी पौषध किए व उपवास रखे। इसके बाद कल रविवार को साध्वी श्री सान्निध्य में मैत्री दिवस व क्षमा पर्व मनाया गया। शासन श्री साध्वी मंजुप्रभा जी ठाणा-4 व पूरे जैन समाज ने आराध्य आचार्य श्री महाश्रमण जी व महाश्रमणी प्रमुखा साध्वीश्री कनकप्रभा जी से करबद्ध क्षमा-याचना की व क्षमा महापर्व पर पूरे समाज नेे आपस में एक-दूसरे से भी क्षमा-याचना की। अंत में साध्वी श्री ने कहा कि हम भगवान महावीर के अनुयायी हैं, उनके बताए गए मार्ग का अनुसरण करें, हम दूसरों की गलतियों को आज के दिन माफ करके अपनी भूलों के लिए क्षमा मांगें। इस कार्यक्रम में श्रद्धानिष्ठ श्रावक हनुमानमल गुजरानी, शासनसेवी पदम जैन, सिरयारी धाम के ट्रस्टी मक्खन लाल गोयल, सभा के अध्यक्ष देवेन्द्र डागा, मंत्री रणजीत गुजरानी, चम्पालाल जैन, रतनलाल बोथरा, महिला मण्डल अध्यक्षा पूजा नाहटा, तेयुप अध्यक्ष कमल सुराना, मंत्री आनन्द सुराना, राजेन्द्र गोलछा, राजेश पुगलिया, अमित सिंघी, बलवन्त राय जैन, अणुव्रत समिति अध्यक्ष रविन्द्र गोयल सहित समाज के सभी गणमान्य श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।