उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने सूक्ष्म सिंचाई योजनओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिये गठित जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति की तीसरी बैठक की की अध्यक्षता

  • कालका, रायपुररानी व पिंजौर में मौजूदा सूक्ष्म सिंचाई संयंत्रों की फिजिकल वेरिफिकेशन के कार्य को तय समय अवधि से पहले पूरा करने के लिये संबंधित अधिकारियों की करी प्रशंसा
  • पंचकूला ऐसा पहला जिला, जिसने दूसरे जिलों की अपेक्षा सबसे पहले सूक्ष्म सिंचाई संयंत्रों की जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की
  • संबंधित विभाग जिला सिंचाई योजना के लिये अपने सुझाव जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति के सदस्य सचिव को दो सप्ताह के अंदर भिजवाना सुनिश्चित करें-उपायुक्त विनय प्रताप सिंह
  • पंचकूला, 7 सितंबर:

  उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने आज लघु सचिवालय के सभागार में सूक्ष्म सिंचाई योजनओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिये गठित की गई जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति की तीसरी बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में श्री विनय प्रताप सिंह ने कालका, रायपुररानी व पिंजौर में मौजूदा सूक्ष्म सिंचाई संयंत्रों की फिजिकल वेरिफिकेशन के कार्य को तय समय अवधि से पहले पूरा करने के लिये संबंधित अधिकारियों की प्रशंसा की।
उल्लेखनीय है कि उपायुक्त श्री विनय प्रताप सिंह के आदेशानुसार सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता श्री अनुराग गोयल द्वारा बागवानी, कृषि व सिंचाई विभाग के अधिकारियों की एक समिति का गठन किया गया था। समिति के सदस्यों द्वारा कालका, रायपुररानी व पिंजौर में लगभग 300 एकड़ भूमि पर लगे सूक्ष्म सिंचाई संयत्रों की जांच की गई, जिसमें पाया गया कि अधिकांश सूक्ष्म सिंचाई यंत्र क्रियाशील हैं। पंचकूला ऐसा पहला जिला है, जिसने दूसरे जिलों की अपेक्षा सबसे पहले सूक्ष्म सिंचाई संयंत्रों की जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है।


उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई राज्य सरकार की अहम प्राथमिकताओं में से एक है और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल स्वयं समय-समय पर सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं। उपायुक्त ने कृषि, बागवानी व सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे जिला सिंचाई योजना के लिये अपने-अपने सुझाव जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति के सदस्य सचिव को दो सप्ताह के अंदर भिजवाना सुनिश्चित करें।


उन्होंने कहा कि जिला सूक्ष्म सिंचाई योजना तीन वर्षों के लिए बनाई जानी है और जमीनी स्तर पर इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी आवश्यक संसाधन जैसे मैन पाॅवर इत्यादि की प्रयाप्त व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में सूक्ष्म सिंचाई के अंतर्गत इस वर्ष लक्ष्य  को 20 प्रतिशत तक बढाया जाये ताकि जिला में अधिक से अधिक भूमि को सूक्षम सिंचाई के तहत लाया जा सके।


इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त मोहम्मद इमरान रज़ा, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी निशु सिंघल, सिंचाई विभाग के मुख्य कार्यकारी अभियंता अनुराग गोयल व कृषि व बागवानी विभाग के संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।