सर्वोच्च न्यायालय का आसाराम बापू को स्वास्थय के आधार पर अंतरिम जमानत देने से इनकार

जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने मामले की सुनवाई की। याचिका को खारिज करते हुए, जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा कि पूरे मामले को देखते हुए ये सामान्य अपराध नहीं है, ऐसे में आसाराम को जमानत नहीं दी जा सकती है। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि आसाराम को जेल में ही आयुर्वेदिक इलाज मुहैया कराया जाएगा। इस संबंध में जेल अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए गए हैं।

दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहे आसाराम बापू को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ा झटका लगा है।  SC ने आसाराम बापू  को मेडिकल आधार पर अंतरिम  जमानत देने से इनकार कर दिया है। आसाराम ने शीर्ष अदालत में अर्जी दाखिल करके मेडिकल आधार पर 6 हफ्ते की जमानत मांगी थी। उसने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करते यह कहा था कि उन्हें 6 हफ्ते की जमानत दी जाए जिससे वह आयुर्वेद के सहारे अपना इलाज करवा सकें। मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम से कहा,’ आपने जो किया वो साधारण अपराध वहीं है. आप जेल में रहकर इलाज कराइए।’ 

इससे पहले खबर आई थी कि जोधपुर-जेल में आजीवन कारावास की सजा भोग रहा 80 वर्षीय आसाराम कोरोना होने के बाद से लगातार स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से घिरा हुआ है। बीते सप्ताह जब उसे जिला न्यायालय में पेश किया गया तो वह कमजोर नजर आ रहा था। आसाराम में अब इतनी ताकत नहीं रही कि वह अपने बल पर चल पाए। वह पुलिसवालों के सहारे चलता दिखा। पुलिस की गाड़ी से उतर कर अदालत में जाने तक पुलिसकर्मियों को आसाराम को सहारा देना पड़ा।

छूट नहीं रहा आयुर्वेद उपचार का मोह
आसाराम शुरू से ही आयुर्वेदिक उपचार लेता रहा है। जब उसे गिरफ्तार किया गया तो उसे आयुर्वेदिक दवाएं देने के लिए उसकी वैद्य नीता जोधपुर गई थी। यौन शोषण के मामले की सुनवाई के दौरान उसे एकबार आयुर्वेद विश्वविद्यालय में भर्ती करवाया गया था। सजा मिलने के बाद अब बीमार होने पर कोर्ट के निर्देश पर उसे जोधपुर में भी आयुर्वेद उपचार दिया जा रहा है। उसका उपचार डॉक्टर अरुण त्यागी कर रहे हैं। हालांकि कोरोना के बाद से उसे एम्स में भी नियमित चेकअप के लिए ले जाया जाता है, जहां पर आसाराम ने कई बार अंग्रेजी दवा लेने से भी इनकार किया है। वर्तमान में उसे यूरिन इन्फेक्शन और पेट से जुड़ी परेशानियां हैं।