सद्भावना दिवस के रूप में मनाई स्व. राजीव गांधी की जयंति

सतीश बंसल, सिरसा: 

देश में सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार क्रांति के जनक स्व. राजीव गांधी की 77वीं जयंति भारतीय किसान कांग्रेस ब्रिगेड कमेटी ने पार्टी कार्यालय में सद्भावना दिवस के रूप में मनाई। कोरोना महामारी के चलते कार्यकर्ताओं ने उनकी प्रतिमा पर माल्र्यापण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस मौके पर भारतीय किसान कांग्रेस ब्रिगेट कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखविंद्र शर्मा ने बताया कि उनका जन्म 20 अगस्त 1944 को ब्रिटिशकालीन भारत के बांबे में हुआ था। जन्म के समय उनका नाम राजीव रत्न गांधी रखा गया था, लेकिन बाद में उनकी पहचान राजीव गांधी के रूप में की गई। उनके जन्म के समय उनका परिवार आजादी की लड़ाई में शामिल था। उनके नाना पं. जवाहर लाल नेहरू, मां इंदिरा गांधी और पिता फिरोज गांधी देश की आजादी की डलड़ाई लड़ रहे थे। उनकी स्कूली शिक्षा हिमालय की तलहटियों में स्थित दून स्कूल में हुई। राजीव गांधी का पूरा परिवार राजनीति में था, लेकिन वे बचपन से ही विज्ञान व इंजीनियरिंग में रूचि लेते थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे भारत लौटे और यहां दिल्ली फ्लाइंग क्लब में उन्होंने कमर्शिलय पायलट का लाइसेंस लिया और इंडियन एयरलाइंस के पायलट बन गए। राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में देश ने कई बोल्ड फैसले लिए, जैसे मालदीव और श्रीलंका सरकार की सहायता करने के लिए सैन्य मदद भेजना, अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को आतंकियों से मुक्त करवाना। उन्हें भारत में कंप्यूटर लाने का भी श्रेय दिया जाता है। वह अक्सर आम जनता की भलाई के लिए प्रयास करते थे। उन्होंने देश की जनता को भी राहत पहुंचाने के लिए कई कड़े फैसले लिए, जिनके कारण जनता में उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। इस मौके पर हरियाणा उपाध्यक्ष धर्मवीर फ्रंड, प्रदेश महासचिव भूपेंद्र शर्मा, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अशोक कुमार, दीपक शर्मा, सूरज सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।