राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष पर अनर्गल और गैर जिम्मेदाराना आरोप लगाए

विपक्ष में बैठी कॉंग्रेस की सबसे बड़ी उपलब्धि है ‘आरोप की राजनीति’ और केजरीवाल से राहुल गांधी ने यह मंत्र सीख लिया हा। आरोप लगाओ और छुप जाओ। आज पत्रकारों की मंडली में बैठे हुए कुछ मित्रों ने कहा कि राहुल बनाम कॉंग्रेस कुछ भी सीख सकती है सिवा एक उत्तरदाई संवेदनशील विपक्ष के। बात बात पर प्रधानमंत्री मोदी को अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण दे कर राजधर्म का पालन करने कि शिक्षा दी जाती है। वाजपेयी से सीखने को कहने वाली कॉंग्रेस ने आज तक वाजपेयी की विपक्ष की भूमिका नहीं सीखी। क्या यह मानने लाया बात है कि राहुल-सोनिया की इच्छा के बिना सदन में विपक्ष द्वारा बवाल किया जा सकता है ? ऊपर से राहुल गांधी का ब्यान उनकी समझ ही दर्शाता है कि जब वह(भाजपा) विपक्ष में थे तब वह(भाजपा) सदन बाधित कराते थे तो आज हम भी(कॉंग्रेस) यह करेंगे।

राहुल गांधि के गणित पर भी प्रश्न चिन्ह लगाए जाने चाहिए। देश कि 60% जनता कि आवाज़ को दबाया गया। राहुल कि मानें तो मात्र 40 % लोगों के साथ भाजपा इतनी सीटें ले आई ओर 60% लोगों के साथ कॉंग्रेस 50 -55 पर सिमट गयी। अब राहुल एक ऐसे राजनेता के रूप में सामने आ रहे हैं जो सड़क पर राजनीति कर रहे हैं। सदन कि पटल पर प्रश्न ण रख कर सदन को बाधित कर उनही प्रश्नों के उत्तर सदा पर पूछते हैं और उनसे कोई पत्रकार कोई प्रश्न पूछे तो वह सरकार का प्रवक्ता बताया जाएगा।

सरिका तिवारी /नयी दिल्ली(ब्यूरो) :

कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी मीडिया के एक सवाल को लेकर भड़क गए और उन्होंने पत्रकार पर ही टिप्पणी शुरू कर दी। दरअसल, गुरुवार (12 अगस्त, 2021) को विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ विजय चौक से लेकर संसद तक मार्च निकाली। इस दौरान वायनाड के सांसद राहुल गाँधी भी उनके साथ थे। उनका आरोप था कि सांसदों के साथ सदन में दुर्व्यवहार हुआ है। इसी दौरान राहुल गाँधी को भड़कते हुए देखा गया।

पत्रकार के सवाल पर क्रोधित होकर राहुल गाँधी ने उससे पूछा डाला कि आप सरकार के प्रवक्ता हैं क्या? क्या सरकार ने आपको ये बोलने को कहा है? इस पर उक्त पत्रकार ने कहा कि वो मीडिया का आदमी है। इस पर राहुल गाँधी ने कहा, “नहीं, आप मीडिया के आदमी नहीं हो। आप सरकार के आदमी हो। मीडिया की सच्चाई मैं आपको बताता हूँ। मुझे बताने दीजिए।” इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया कि पहली बार राज्यसभा में सांसदों की पिटाई की गई है।

आज फिर एक बार फिर राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष पर अनर्गल और गैर जिम्मेदाराना आरोप लगाए।

राहुल गाँधी ने दावा किया कि बाहर से लोगों को बुला कर वर्दी पहनाई गई और फिर सांसदों के साथ मारपीट हुई। उन्होंने कहा, “और आप ये सवाल पूछ रहे हो कि स्पीकर को दुःख हो रहा है? चेयरमैन की क्या जिम्मेदारी है? हाउस चलाने की। उन्होंने हाउस को पिछले दिनों क्यों नहीं चलाया? विपक्ष के लोग अपनी बात क्यों नहीं रख सकते? हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री इस देश को बेचने का काम कर रहा है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी उद्योगपतियों को देश की आत्मा बेच रहे हैं, लेकिन विपक्ष सदन में पेगासस, किसानों और गरीबों की बात नहीं कर सकता है।

अब राहुल एक ऐसे राजनेता के रूप में सामने आ रहे हैं जो सड़क पर राजनीति कर रहे हैं। सदन कि पटल पर प्रश्न ण रख कर सदन को बाधित कर उनही प्रश्नों के उत्तर सदा पर पूछते हैं और उनसे कोई पत्रकार कोई प्रश्न पूछे तो वह सरकार का प्रवक्ता बताया जाएगा।

बता दें कि सदन में उपद्रव पर राज्यसभा के सभापति व उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा कि जब कृषि कानूनों का विरोध करते हुए कुछ सांसद मेज पर बैठ गए और अन्य सदस्य सदन की मेज पर चढ़ गए, तब इस राज्यसभा की सारी पवित्रता खत्म हो गई।