पंचांग, 12 अगस्त 2021
मान्यता के अनुसार सभी कष्टों से मुक्ति के साथ ही सभी मनोकामनापूर्ति के लिए इस दिन श्रद्धा विश्वास सहित नियमों के अनुसार व्रत रखना चाहिए। वहीं कई जगहों पर विनायक चतुर्थी को ‘वरद विनायक चतुर्थी‘ भी कहा जाता है। इस दिन श्री गणेश की पूजा मध्याह्न में की जाती है।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः श्रावण़,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः चतुर्थी अपराहन् काल 03.25 तक है।
वारः गुरूवार,
नक्षत्रः उत्तरा फाल्गुनी प्रातः 08.53 तक हैं,
योगः सिद्धि सांय काल 04.12 तक,
करणः विष्टि,
सूर्य राशिः कर्क, चंद्र राशिः कन्या,
राहु कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,
सूर्योदयः05.53, सूर्यास्तः06.59 बजे।
नोटः आज दुर्वा गणपति व्रत श्री वरद चतुर्थी व्रत
विशेषः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।