खेल रत्न पर अब खिलाड़ियों से उलझी कॉंग्रेस

पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आपात काल के बाद से दो फाड़ हुई कॉंग्रेस पर तंज़ कराते सुनाई देते थे ” कांग्रेस आई (इन्दिरा) और काँग्रेस यू (उर्स) जनता बीच में से गायब।” छोटे बच्चे भी स्कूलों में वाजपेयी की नकल कर हँसते थे। विषय गंभीर था लेकिन सत्या था। कॉंग्रेस को अपने आगे कुछ भी दिखाई नहीं पड़ता। नहर से लेकर राजीव गांधी तक ने स्वयं को भारत रत्न दिया था। पहली बार ए बड़े पेड़ के गिरने से अचानक ही प्रधान मंत्री बने राजीव गांधी अपने पहले कार्यकाल के पूरे होने से पहले ही भारत रत्न ले चुके थे। यही नहीं भारत का खेलरत्न पुरस्कार भी राजीव गांधी के नाम पर कर दिया गया। यह हमेशा ही बहस का विषय रहा की उनका खेल जगत में योगदान क्या था?

खेल डेस्क, डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम चंडीगढ़ :

खैर प्रधान मंत्र मोदी ने हेल रत्न आ नाम राजीव गांधी से हटा कर हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया। कॉंग्रेस तभी से न केवल आहत है आपित कई नेता तो प्रण ले रहे हैं की जसे ही कॉंग्रेस सत्ता प्राप्त करेगी सारे नाम एक बार फिर से बदल दिये जाएँगे। कॉंग्रेस की तो स्थिति यह हो गयी है कि यदि कोई खिलाड़ी प्रधान मंत्री मोदी कि प्रशंसा में दो शब्द भी कह दे तो पानी पी पी कर उस हिलड़ी को कोसने लगते हैं। हालिया मामला टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह का है।

टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने मंगलवार (10 अगस्त 2021) को राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल कर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करने के केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन किया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इतने सालों के बाद पदक जीतकर बहुत अच्छा लगा।

पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह द्वारा केंद्र सरकार के इस फैसले का समर्थन करना कॉन्ग्रेस को अच्छा नहीं लगा। खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने के लिए उनके समर्थन ने कॉन्ग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सहित सोशल मीडिया पर तमाम लोगों को परेशान किया। डॉ शमा मोहम्मद ने ट्विटर पर कहा, “क्या हमारे पुरुष हॉकी कप्तान इस तथ्य से अनजान हैं कि यह राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार था, न कि केवल खेल रत्न पुरस्कार!”

इस बीच कॉन्ग्रेस से हमदर्दी रखने वाले सुमंत रमन ने भी मनप्रीत सिंह के उस बयान पर अपनी नाराजगी जाहिर की, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करने के फैसले का समर्थन किया था।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अगस्त 2021 को घोषणा की थी कि अब से राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के रूप में जाना जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा था कि उन्हें देश भर के लोगों से इस पुरस्कार का नाम भारतीय हॉकी के दिग्गज के नाम पर रखने का अनुरोध मिला है। इसलिए उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए नाम को बदल दिया गया है।

खेल रत्न पुरस्कार भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान है। अब तक इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे राजीव गाँधी (ये भी पूर्व प्रधानमंत्री) के नाम पर रखा गया था। एक राजनेता के बजाय एक खेल के दिग्गज के नाम पर पुरस्कार का नाम रखने के लिए नागरिकों द्वारा लंबे समय से माँग की जा रही थी।