केन्द्र सरकार की हठधर्मिता और अस्मवेदनशीलता के कारण ही ‘देश का अन्नदाता’ अपने बच्चों के भविष्य के प्रति आशंकित हैं – चंद्रमोहन
पंचकूला 26 जुलाई:
हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने कहा कि देश के अन्नदाता को दिल्ली बार्डर पर अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए बैठे हुए आज पूरे 8 महीने पूरे हो गए हैं। लेकिन केन्द्र सरकार की हठधर्मिता और अवेदनशीलता के कारण ही वह अपने बच्चों के भविष्य के प्रति आशंकित हैं।
चन्द्र मोहन ने कहा कि किसानों के साथ केन्द्र सरकार द्वारा और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के द्वारा किसानों से जो दुर्व्यवहार किया जा रहा है और उन पर देशद्रोह जैसे मुकदमे दर्ज करके उनको अपमानित और प्रताड़ित किया जा रहा है। देश में आजादी के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है कि अपना खून- पसीना बहा कर देश के लोगों की भूख मिटाने वाला किसान दिन रात मेहनत करके देश का पेट पालता है और उनको देशद्रोही बना दिया गया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार भी अपनी सुविधा के अनुसार ही किसानों के खिलाफ देशद्रोह के मुकदमे दर्ज करती है और वापिस भी लेती है। हिसार, कुरूक्षेत्र, पंचकूला और सिरसा में किसानों पर लाठीचार्ज करने के साथ साथ उन पर देशद्रोह के मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसान आन्दोलन के दौरान 400 से अधिक किसान अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के नेताओं की असंवेदनशीलता और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार देखिए कि उनके मुंह से किसानों के प्रति संवेदना का एक शब्द भी नहीं निकला है।
चन्द्र मोहन ने कहा कि जिस प्रकार से केन्द्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों को मवाली तक कह कर उनको अपमानित किया गया है, समय आने पर किसानों द्वारा इसका बदला अवश्य ही लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि देश का भोला-भाला किसान भाजपा के नेताओं के बड़बोले पन का शिकार हो रहा है और किसान कभी भाजपा नेताओं को कभी उग्रवादी नजर आते हैं तो कभी मवाली तो कभी वे किसान होने पर भी शक करने लगते हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की भावनाओं से खिलवाड़ करके उन्हें कोरपोरेट घरानों के हाथों गुलाम बनाने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि किसान बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने पिछले 8 महीनों के दौरान सर्दी और गर्मी के थपेड़ो को झेलते हुए अब बरसात के बेरहम मौसम का मुकाबला करते हुए आशा का दीपक जलाएं हुए हैं लेकिन जिस तरह का व्यवहार केन्द्र सरकार द्वारा इन किसानों के साथ किया जा रहा है वह इतिहास की अविस्मरणीय यादों के रूप में सदैव ही याद रखा जाएगा।
चन्द्र मोहन ने, केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि वह किसानों की जिंदगी से खेलना बंद करे और अपनी हठधर्मिता और अंहकार को छोड़कर तीनों काले कानूनों को वापिस लेकर उदारता का परिचय दें। किसान इस उपकार के लिए सदैव ही केन्द्र सरकार के ऋणी रहेंगे, लेकिन अगर उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करके अगर उनके साथ धोखा किया गया तो किसानों की आने वाली सन्ताने भारतीय जनता पार्टी को कभी भी माफ़ नहीं करेंगी।