भास्कर बहाना है, मीडिया निशाना है
केंद्र में किसान आंदोलन का कोई उचित समाधान ना दे पाने से इस मोर्चे पर मुंह की खाये केंद्र सरकार, बंगाल से भी मुंह की खा कर लौटी मोदी – शाह की जोड़ी उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ पर पिल पड़ी और वहाँ भी कुछ हाथ नहीं लगा तो तिलमिलाई सरकार अपनी साख बचाने का प्रयास कर ही रही थी कि मानसून सत्र के एन पहले फोन टेपिंग का मामला सुर्खियों में आ गया। अब मोदी शाह आकंठ गुस्से मेन डूब गए और फिर जो लावा फूटा तो वह सबसे आसान शिकार मीडिया पर।
- दैनिक भास्कर समूहों के सभी ऑफिसों पर पड़ रहे हैं आयकर विभाग के छापे
- भोपाल स्थित ऑफिस पर सुबह से ही जारी है छापेमारी
- अखबार मालिक के घर पर भी की जा रही है छापेमारी
- न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक कर चोरी के मामले में जारी है छापेमारी
चंडीगढ़/नयी दिल्ली:
कुछ बोल के लब आज़ाद हैं तेरे
अभी अभी भारत समाचार चैनल लखनऊ में रेड।
आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोपों में मीडिया समूह दैनिक भास्कर और भारत समाचार के विभिन्न शहरों में स्थित परिसरों पर गुरुवार को छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि छापेमारी भास्कर समूह के भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर की गयी है। वहीं भारत समाचार के प्रमोटर्स और एडिटर-इन-चीफ के ठिकानों पर भी आयकर विभाग की तरफ से कार्रवाई की गयी है।
हालांकि अभी तक विभाग या उसके नीति निर्माण निकाय से किसी तरह की आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है लेकिन आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यह कार्रवाई विभिन्न राज्यों में संचालित हिंदी मीडिया समूह के प्रमुखों के खिलाफ चल रही है। कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर कहा कि आयकर विभाग के अधिकारी समूह के करीब छह परिसरों पर “मौजूद हैं”। इनमें राज्य की राजधानी भोपाल में प्रेस कॉम्प्लेक्स में उसका कार्यालय भी शामिल है। बताते चलें कि कोरोना संकट के दौरान दैनिक भास्कर की तरफ से कई ग्राउंड रिपोर्ट किए गए थे।
बताते चलें कि आयकर विभाग की तरफ से यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है। विपक्षी दल पेगासस जासूसी मामले को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर रहे हैं। मंगलवार को कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों ने संसद के दोनों सदनों में यह मुद्दा उठाते हुए कार्यवाही बाधित कर दिया था। विपक्षी सदस्यों ने पत्रकारों, नेताओं, मंत्रियों, न्यायाधीशों और अन्य लोगों की इजराइली पेगासस स्पाईवेयर से जासूसी कराए जाने के आरोपों पर दोनों सदनों में जमकर विरोध जताया था।