नगर निगम कमिश्नर से अनुरोध – राकेश अग्रवाल

पंचकूला:

पंचकूला के जिम्मेदार लोग अपना सम्पत्ति टैक्स नया फायनेन्शियल साल होते ही लाइनों में लग कर देना शुरू कर देते है। यह हर साल का सिलसिला है।शायद ही कुछ लोग होंगे जिनके सही में खड़ी पता चला होगा कि हर साल कितनी छूट दी गई और उनको मिली भी या नहीं।इन सभी छूट था नगर निगम ने 2011 से कभी भी बिलों में बताया ही नहीं।जब 2017 से सम्पत्ति टैक्स को प्राइवेट कम्पनी को दिया और कम्प्यूटराईज्ड किया गयातब से आज तक, 2011 से ले कर हर साल के सम्पत्ति टैक्स और हर साल अनाउंस हुई छूट के हिसाब से हर सम्पत्ति का बना टैक्स की जानकारी नहीं मिली।जो कि कम्प्यूटराईज्ड करते वक्त जब पंचकूला जिले की सभी संपति की डिटेल चढ़ाई गई तब से यह डिटेल्स भी चढ़ा कर हर सम्पत्ति वाले को इसके हिसाब से ही बिल मिलने चाहिए थे। यह बात हमने नगर निगम को बार बार लिखी।लेकिन ऐसा नहीं किया गया।पंचकूला के जिम्मेदार लोग जो समय रहते अपना पुरा सम्पत्ति कर जमा करवाते आ रहे हैं उन्हें पता नहीं कितना ही नुकसान सरकार द्वारा बहुत महीनों बाद पुराने सालों के सिर्फ बकाया टैक्स पर छूट के आदेशों से हुआ होगा।क्या यह सजा बार बार जिम्मेदारी समझते हुए जिम्मेदार लोगों को ही दिया जाना सही है।अगर छूट देनी है तो सभी को देनी चाहिए।अब यह 25% छूट क्या उनको भी दी जाएगी जो जिम्मेदार लोग अपना कर जमा करवा चुके हैं और बिलों में इसको ठीक किया जाएगा।यह होना चाहिए।

राकेश अग्रवाल – लोक सर्वहितकारी सोसायटी
पंचकूला