कैप्टन को बिजली ज्ञान देनेवाले सिद्धू का 8,67,540 रुपए का बिजली बिल बकाया

पंजाब में भीषण गर्मी के बीच बिजली संकट तेज हो गया है और दूसरी ओर इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस में अंदरूनी कलह है। क्योंकि पूर्व क्रिकेटर और पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिद्धू ने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सिद्धू बिजली संकट के मुद्दे पर पंजाब सरकार की आलोचना करते रहे हैं, लेकिन अब जानकारी सामने आई है कि सिद्धू ने खुद पिछले नौ महीनों से अपने बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है। सनद रहे कि  आज वह पंजाब के जिस मंत्रालय के बखिए उधेड़ रहे हैं उन्हे कुछ समय पहले इसी मंत्रालय की बागडोर संभालने को कहा गया था। तब इनहोने कोरा जवाब दे दिया था। शायद इन्हे लगा हो की राहुल प्रियंका के साथ चाय पीने वाले सिद्धू को उपमुख्यमंत्रि पद मिलना चाहिए।

डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम स्टाफ:

सुखबीर बादल ने पंजाब में उपमुख्यमंत्री रहते ऐलान किया था की पंजाब में बिजली सरपलस यानि आवश्यकता से अधिक है। पंजाब में 14 थर्मल प्लांट बताए जाते हैं आज इनमें से मात्र 3 चल रहे हैं। अंरिंदर सरकार ने अपने कार्यकाल में न उपक्रमों में काम काज ठप्प कर दिया था, कारण कोयले की आपूर्ति को बताया गया। बादल सरकार के समय सुखबीर बादल ने पाकिस्तान तक को बिजली बेचने की बात कही थी जिसका बहुत विरोध हुआ था।

नवजोत सिंह सिद्धू को राहुल – प्रियंका द्व्य का वरदहस्त प्राप्त है जिसके चलते वह हरदम मनमानी करते रहते हैं, और कैप्टन को नीचा दिखाते रहते हैं। नाकी मनमानियों का आलम यह है की वह खुद ही से पाकिस्तान जा कर वहाँ के जनरल बाजवा को गलबहियाँ डालते हैं और आ कर कैप्टन के वजूद को ही नकार देते हैं।

पंजाब में जारी बिजली संकट चर्चा का विषय बन हुआ है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस संकट से निपटने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने इस मुद्दे पर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए सही दिशा में काम करने की नसीहत दी है. हालांकि बिजली संकट के बीच अब उनसे जुड़ा एक बड़ा सच सामने आया है।

पंजाब में जारी बिजली संकट के मुद्दे को लेकर अपनी ही कांग्रेस सरकार और पूर्व की अकाली दल की सरकार को घेरने वाले नवजोत सिंह सिद्धू खुद ही अपने घर का बिजली का बिल पिछले कई महीनों से नहीं भर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, पिछले 9 महीने से नवजोत सिंह सिद्धू ने अपना बिल नहीं भरा है और उन पर कुल मिलाकर 8,67,540 रुपए बकाया है।

सिद्धू ने क्या कहा था?

पंजाब सरकार को घेरते हुए सिद्धू ने कहा था कि पंजाब 4.54 रुपए प्रति यूनिट की औसत लागत पर बिजली खरीद रहा है। राष्ट्रीय औसत 3.85 रुपए है और चंडीगढ़ में 3.44 रुपए प्रति यूनिट पर बिजली खरीदी जाती है। पंजाब को बिजली खरीदने के लिए 3 प्राइवेट थर्मल प्लांट पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ता है और 5-8 रुपए प्रति यूनिट पर बिजली खरीदनी पड़ती है जो बाकी राज्यों से ज्यादा हैं।

उन्होंने आगे कहा, “बादल सरकार ने 3 प्राइवेट थर्मल प्लांट के साथ बिजली खरीद समझौते (PPA) एग्रीमेंट साइन किया। इस एग्रीमेंट में गलत क्लॉज के कारण साल 2020 तक पंजाब सरकार पहले ही 54 हजार करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है और पंजाब के लोगों के 65 हजार करोड़ रुपए का भुगतान फिक्स्ड चार्ज के रूप में कर सकती है।”