Sunday, July 6

पंचकूला 20 मई:

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने हिसार में 16 मई को शांति पूर्वक तरीके से प्रदर्शन कर रहे  लगभग 350 किसानों के खिलाफ हत्या और अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के कार्य को देश के लोकतंत्र पर कायराना हमला बताया है । उन्होंने मांग की है कि  गलत तरीके से निहत्थे और निर्दोष  किसानों  पर जो मुकदमे दर्ज किए गए हैं उनको तत्काल वापिस लिया जाए। 

                           ‌    चन्द्र मोहन ने कहा कि हरियाणा सरकार कोविड के मामले में अपनी नाकामी छिपाने और लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इस प्रकार के औच्छे हथकंडे अपना कर किसानों के मनोबल को तोड़ना चाहती है। लेकिन देश का अन्नदाता  सरकार की तानाशाही का डटकर मुकाबला करेगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अपनी बात कहने का अधिकार हमारे संविधान ने दिया है। लेकिन हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार के लिए किसान की कोई अहमियत नहीं है, उसके लिए अहमियत है तो केवल  उन कारपोरेट घरानों की , जिसके लिए आनन-फानन में संसद से कोविड महामारी के दौरान जबरदस्ती तीन काले कृषि कानून पास करवाए गए ताकि किसान  अपनी कोई आवाज न उठा सकें। 

                           ‌                          चन्द्र मोहन ने कहा कि किसानों की विडंबना देखिए, कि पिछले 6 महीनों से उनकी कोई बात नहीं सुन रहा तो सोई हुई सरकार को जगाने के लिए और अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए ही अपनी मांगों के समर्थन में, मुख्यमंत्री के सामने शांति पूर्वक और लोकतांत्रिक अधिकार के तहत ही प्रदर्शन कर रहे थे ताकि सरकार को नींद से जगाया जा सके। किसानों को इसकी सजा उन पर हत्या जैसे संगीन धाराओं में मामला दर्ज करके उनके साथ क्रूरता पूर्वक व्यवहार करके दी गई है। यह एक तरफा कार्यवाही इस सरकार के कफ़न में आखरी कील सिद्ध होगी। 

                           ‌                उन्होंने मांग की है कि मुकदमा दर्ज तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, हिसार के भाजपा के सांसद बृजेन्द्र सिंह और वहां के स्थानीय विधायक कमल गुप्ता के खिलाफ दर्ज होना चाहिए, जिन्होंने कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाते हुए उद्घाटन स्थल पर सैकड़ों लोगों की भीड़ को एकत्रित किया और इसके साथ ही धारा 144 का भी उल्लंघन किया। वह बेचारा किसान जिसकी कोई सुनने वाला  नहीं ,वह अपनी पीड़ा और वेदना व्यक्त करने किस के पास जाए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तो पिछले 6 महीनों से एक काल की दूरी पर बैठे हुए हैं और उम्मीद है कि सन् 2024 तक एक काल की दूरी पर ही बैठे रहेंगे। 

                                      चन्द्र मोहन ने किसानों को आश्वस्त किया कि इस अन्याय के खिलाफ कांग्रेस पार्टी उनके समर्थन में खड़ी है और देश के अन्नदाता को सरकार की तानाशाही का शिकार कभी भी नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर ‌मुख्यमंत्री में जरा सी भी नैतिकता बची  होती तो, वह किसानों पर लाठियां बरसवाने की अपेक्षा उन से बातचीत करके उनकी  समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास करते, लेकिन अफसोस की बात यह है कि सत्ता के अंहकार में भाजपा और जजपा अपना विवेक खो चुकी हैं।  सत्ता हमेशा किसी के पास नहीं रही है वह तो आती-जाती रहती है, लेकिन मानवता हमेशा जीवित रहती है। उन्होंने कहा कि  किसानों को जो जख्म दिए गए हैं उन पर मलहम लगाने का काम तो  चुनाव के दौरान जनता करेगी।                 ‌       ‌