अफवाओं व भ्रामक प्रचार से बचें, परिजनों व बच्चों का बढाएं मनोबल : मनोवैज्ञानिक डा. रविंद्र पुरी
– मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग की कोरोना संक्रमण की चेन को तोडऩे का मूलमंत्र : डा. पूरी
सतीश बंसल सिरसा, 11 मई।
उपायुक्त प्रदीप कुमार के निर्देशानुसार जिला में कोविड-19 वैश्विक महामारी के चक्र को तोडऩे के लिए जहां जिला प्रशासन द्वारा गंभीरता से कार्य किए जा रहे हैं वहीं बचाव उपायों को अपनाने तथा आमजन के सहयोग के लिए सामाजिक संस्थाएं भी आगे आ रही है। कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लॉकडाउन की पालना के साथ-साथ सचेत व जागरूक रहना बेहद आवश्यक है। कोरोना से घबराएं नहीं बल्कि एक जिम्मेवार नागरिक का दायित्व निभाते हुए खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को सुरक्षित रखने में सहयोग करें।
प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक डॉ रविंद्र पुरी ने बताया कि कोरोना वायरस के बढ़ते कदमों को रोकने लिए नियमों की पालना करें और आसपास के लोगों को भी प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि दिनभर घर में रहने व वायरस संबंधी खबरों से विचलित होना स्वाभाविक है जिससे कई बार व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है। इसलिए सकारात्मक खबरों को पढ़ें व देखें ताकि मनुष्य की सोच भी सकारात्मक होगी और उसके परिणाम भी इच्छा के अनुरुप होंगे। अफवाहों व भ्रामक प्रचार से बचते हुए स्वयं व घर में परिजनों तथा बच्चों का मनोबल बढ़ाएं। विशेषकर बच्चों को बार-बार हाथ धोने के लिए कहते हुए कोरोना वायरस का हवाला न दें और प्यार से बच्चों को दिन में कई बार हाथ साफ करने के लिए कहें। उन्होंने बताया की बचाव के लिए समय-समय पर हाथ धोने, चेहरे को न छूने व सोशल डिस्टेंस जैसी सावधानियां बरतनी चाहिए, क्योंकि मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग ही कोरोना संक्रमण की चेन को तोडऩे का मूलमंत्र है। भयभीत होकर सोशल मीडिया पर डर पैदा करने वाले मैसेज और वीडियो आगे फॉरवर्ड नहीं करने चाहिए।
डॉ पुरी ने बताया कि बिना वजह कोरोना से बचने के लिए दवाइयां भी नहीं खाते रहना चाहिए और जब भी किसी दवाई का इस्तेमाल करना हो तो वह डॉक्टर की सलाह से ही करनी चाहिए। संक्रमण रोकने के लिए आप की गतिविधियां कम होनी चाहिए, इसलिए कुछ दिनों का राशन लेकर रख लें लेकिन कई महीनों का राशन इक_ा करने की होड़ में न रहे। उन्होंने कहा की सोशल डिस्टेंसिंग बेहद जरूरी है किंतु भयभीत होकर अपने सामाजिक रिश्ते खत्म न करें और फोन या सोशल मीडिया के माध्यम से रिश्तों में मधुरता बनाए रखें। जागरूक और सचेत रहने के लिए दिन में एक-दो बार समाचार अवश्य देखें लेकिन सारा दिन कोरोना से संबंधित समाचार या गूगल सर्च न करते रहें। डॉ पुरी ने बताया कि समय-समय पर डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, केमिस्ट, प्रशासन, पुलिस, मीडिया, दुकानदार, एनजीओ व सरकारी अधिकारियों का विशेष रूप से धन्यवाद और आभार व्यक्त करते रहें जो अपना जीवन खतरे में डालकर हम सब लोगों के लिए दिन-रात कार्य कर रहे हैं।
शुभचिंतकों से फोन पर बातें कर करें पुरानी यादें ताजा
डा. दलजीत सिंह ने बताया कि उनके पास ज्यादातर कॉल कोरोना वायरस कोविड-19 को लेकर मानसिक परेशानी को दूर करने बारे आ रही हैं। उन्होंने कहा कि वे लोगों को यही सलाह देते हैं कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है बल्कि कुछ सावधानियां बरतने और अपने परिवार का ध्यान रखने की आवश्यकता है। शुभचिंतकों से फोन के जरिये जुड़कर भी पुरानी यादों को ताजा करने के साथ ही संबंधों को फिर से एक ताजगी दे सकते हैं। मनोचिकित्सक ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सावधानी व सजग रहना ही मूलमंत्र है, इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग को बरकरार रखना है। इसके लिए जरूरी है कि जब तक वायरस का खतरा बरकरार है, तब तक न तो किसी के घर जाएं और न ही किसी को अपने घर पर बुलाएं। अगर आस-पड़ोस में किसी से बात करना बहुत ही जरूरी हो तो एक मीटर की दूरी बनाए रखें।
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