आत्महत्या के लिए मजबूर करेंगे तीनों कृषि कानून: पाटेकर

मिट्टी सत्याग्रह यात्रा का नेतृत्व करते हुए पहुंची सिरसा

सतीश बंसल सिरसा :

केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषिकानूनों के खिलाफ देशभर में किसानों का आंदोलन जारी है। इसी कड़ी में देश की आजादी में अहिंसा के पुजारी रहे महात्मा गांधी द्वारा निकाली गई सत्याग्रह यात्रा की तर्ज पर किसान संगठनों द्वारा मिट्टी सत्याग्रह यात्रा निकाली जा रही है। मिट्टी सत्याग्रह यात्रा मेधा पाटेकर के नेतृत्व में शनिवार को सिरसा स्थित गुरुद्वारा दसवीं पातशाही में पहुंची। इसके बाद पैदल मार्च करते हुए यात्रा निकाली गई, जहां किसानों व अन्य लोगों द्वारा इसका जोरदार तरीके से स्वागत किया गया। मेधा पाटेकर ने कहा कि भाजपा सरकार निष्ठुर व संवेदनहीन हो चुकी है। ऐसी सरकार की देश को जरूरत नहीं है। सरकार को जनता से कोई लेना देना नहीं है। सरकार द्वारा बनाए गए कानून किसान की आय दोगुनी करे या न करे, लेकिन उसे आत्महत्या के लिए मजबूर जरूर करेंगे। सरकार ने पूरी तरह से तानाशाही रवैया अपना लिया है और सत्ता के नशे में चूर होकर ऐसी नीतियां बना रही हैं, जिससे आमजन त्राहि-त्राहि करने को मजबूर है। पाटेकर ने कहा कि शहीद भगत सिंह ने कहा था कि हिंसा से किसी जंग को नहीं जीता जा सकता है। आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी गांधी द्वारा चलाए गए सत्याग्रह आंदोलन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि गांधी ने भी अंग्रेजों का सामना करने के लिए हिंसा की बजाय अहिंसा का रास्ता अपनाया था। संघर्ष लंबा जरूर चला, लेकिन जीत अंतत: संघर्ष की ही हुई। ठीक उसी प्रकार किसान भी हिंसा का रास्ता न अपनाकर अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रकट कर रहे हैं।

                पाटेकर ने कहा कि ये लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष की नहीं है, बल्कि देश के करोड़ों भारतीयों का पेट भरने वाले किसान वर्ग की है। हम सब की है और इस लड़ाई को सरकार के खिलाफ डटकर मुकाबला करते हुए हर हाल में जीतना है। पाटेकर ने कहा कि सरकार हिटलरशाही पर उतर आई है। सरकार देश की सभी संस्थाओं फिर चाहे वो संसद हो, सीबीआई हो या अन्य कोई संस्था सभी को अपने कब्जे में ले रहे हैं, ताकि कोई उनके खिलाफ आवाज न उठा सके। एक तरह से सरकार की ओर से लोकतंत्र की हत्या का प्रयास किया जा रहा है, जोकि बर्दाश्त योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि तानाशाही के खिलाफ हमारा संघर्ष मरते दम तक जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि मिट्टी सत्याग्रह यात्रा का सिंघुपुर बॉर्डर पर समापन होगा और इस मिट्टी से आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के सम्मान में एक स्मारक का निर्माण किया जाएगा। इस मौके पर हरियाणा किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा, सतपाल सिंह सिरसा, जिंदा नानूआना, जीवनप्रीत सलारपुर, नवदीप सलारपुर, त्रिलोचन सिंह पंजुआना, सुरजीत सिंह बेगू, सुखविंद्र सिंह धर्मपुरा, लक्खा सिंह अलीकां, वेद चामल, गुरमंगत सिंह वेदवाला, सुखदेव सिंह वेदवाला, त्रिलोचन सिंह अलीकां सहित अन्य किसान नेता उपस्थित थे।

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