श्याम एकादशी पर श्याममय हुआ पंडाल, फूलों की वर्षा में झूमे श्रद्धालु

  • श्याम एकादशी पर श्याममय हुआ पंडाल
  • फूलों की वर्षा में झूमे श्रद्धालु
  • स्व. रेखा शर्मा एवं स्व. सोनाली झूंथरा की स्मृति में दो पौधे रोपित

सतीश बंसल सिरसा:

विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक प्रवक्ता जया किशोरी ने कहा कि प्रभु कभी भी अपने भक्त को संकट में पाकर उसकी सहायता करने से नहीं चूकते और वे हर पल अपने भक्त की नैया को कठिन भंवर से फंसे होने के बावजूद आसानी से पार निकाल देते हैं।

वे स्व. श्रीमती रेखा शर्मा मैमोरियल ट्रस्ट एवं स्व. श्रीमती सोनाली झूंथरा मैमोरियल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में चल रही चार दिवसीय नानी बाई रो मायरो कथा के तीसरे दिन उपस्थित श्रद्धालुओं को विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की कृपालुता का संदेश दे रही थी। कथा के तीसरे दिन कथाव्यास जया किशोरी ने नरसी मेहता एवं भगवान श्रीकृष्ण के बीच हुए अनेक रोचक संवाद प्रस्तुत किए जिसका श्रद्धालुओं ने भरपूर आनंद उठाया। प्रस्तुत किए गए अनेक रोचक प्रसंगों में जया किशोरी ने बताया कि किस प्रकार नरसी मेहता को नगर अंजारे में उनकी बेटी के ससुराल में होने वाले विवाहोत्सव संबंधी निमंत्रण मिलता है और वे चंद नेत्रहीन साधु संतों के साथ अपने कमंडलों व संगीत वाद्ययंत्रों के साथ टूटी हुई बैलगाड़ी में उत्सव में शामिल होने निकल पड़ते हैं मगर उनकी टूटी बैलगाड़ी की हालत नरसी मेहता की परेशानियां बढ़ा देती है। ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण स्वयं एक खाती का रूप धरकर और देव विश्वकर्मा के औजारों की सहायता से उनके पास पहुंचते हैं और उनकी गाड़ी को ठीक करके शीघ्रातिशीघ्र उन्हें अंजार नगर पहुंचाते हैं। इस दौरान उनके बीच हुए संवाद के आकर्षण ने श्रद्धालुओं की उत्सुकुता को कथा के समापन तक बनाए रखा। कथा के दौरान ही आध्यात्मिक प्रवक्ता जया किशोरी द्वारा गाए भजन राधेकृष्ण कृष्ण कृष्ण राधे राधे, गाड़ी में बिठा ले रे बाबा जाणो है नगर अंजारे व बाबा श्याम के दरबार में मची होड़ी के गायन के समय अधिकांश श्रद्धालु अपने अपने स्थानों पर खड़े होकर श्याम की मस्ती में झूमने लगे। कथा के दौरान बताया गया कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अपने भक्त नरसी के उत्थान के लिए स्वयं को समर्पित भाव से उसकी सहायता के लिए तत्पर कर दिया था।

गुरुवार को श्याम एकादशी होने के कारण और भगवान श्रीकृष्ण की कथा कार्यक्रम साथ होने के कारण श्रद्धालुओं का उत्साह पहले से कई गुणा देखा गया और बाबा श्याम के भजनों पर पंडाल में मौजूद सभी भक्त फूलों की वर्षा के बीच काफी समय तक झूमते रहे। गुलाब व अन्य फूलों की इतनी अधिक पंखुडिय़ां श्रद्धालुओं पर बिखेरी गई कि मुख्य मंच के सामने वाला स्थल पूरी तरह से फूलों की चादर सा नजर आने लगा।

नानी बाई रो मायरो के दौरान ही कथाव्यास जया किशोरी ने स्व. रेखा शर्मा एवं स्व. सोनाली झूंथरा की स्मृति में क्रमश: उनके पति राजकुमार शर्मा एवं चंद्र झूंथरा को दो पौधे दिए तथा उन्हें उनकी याद में रोपित करने को कहा। कथाव्यास ने उम्मीद जाहिर की कि जहां एक ओर इन पौधों के रोपण से उनकी स्मृतियां हर पल शर्मा परिवार एवं झूंथरा परिवार के इर्द गिर्द रहेंगी वहीं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह प्रभावी कदम होगा।

नानी बाई रो मायरो के तीसरे दिन भी कथा के दौरान विशिष्ट व्यक्तियों को मंच पर कथाव्यास जया किशोरी द्वारा स्मृति चिह्न एवं श्याम नाम की पट्टिकाएं पहनाकर सम्मानित किया गया। जिन प्रतिष्ठित लोगों को सम्मानित किया गया उनमें फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा, जिला पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह, कालांवाली के पूर्व विधायक बलकौर सिंह, कालांवाली के विधायक शीशपाल केहरवाला, पंडित होशियारीलाल शर्मा, जसवीर सिंह जस्सा, दिल्ली से शशांक गर्ग, दिल्ली से मिंकू मित्तल, ऐलनाबाद से हरिप्रसाद लढा, नगरपालिका के चेयरमैन रविंद्र लढा, सीए संजीव जैन, सुमित्रा यादव, भुवन भास्कर खेमका, जयप्रकाश, डॉ. सुभाष जोधपुरिया, ज्ञानी करनैल सिंह, पूर्व पार्षद हरभजन डावर, लुधियाणा से राजेंद्र शर्मा, सतीश शर्मा, जयप्रकाश भोलूसरिया, विश्ंबर शर्मा, रमेश ग्रोवर, विनीत कंबोज, पाला सिंह, विरेंद्र लढा, नवीन केडिया, मास्टर राजकुमार, वीरभान मेहता, राखी मौर्य, अनुराधा नागर, हांसी से डॉ. जीएस मित्तल, डॉ. अशोक सिंघल, जीएम रोडवेज खुशीराम, राजकरण भाटिया, भिवानी से सत्यनारायण मित्तल, बलबीर शर्मा, तरसेम चंद, हनुमानगढ़ से निपुण शर्मा, दीपक, वरुण, निशांत अत्री, कुलदीप जांगड़ा, स. जसप्रीत सिंह, अजय फुटेला, राजीव गुप्ता, रमन सर्राफ, राजू पहलवान, राजीव वत्स विशेष रूप से शामिल थे।

नरसी भक्त की कथा के दौरान ही फरीदाबाद से आए विधायक नीरज शर्मा ने अपने अल्प संदेश में सभी उपस्थित मातृशक्ति से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों में रामचरितमानस और रामायण जैसे महाग्रंंथों में भगवान राम जैसे चरित्रों के गुणों से अवगत करवाते हुए उनमें उन गुणों के बीच रोपित करें। उन्होंने कहा कि प्रभु की कभी परीक्षा मत लें और न ही उनकी समीक्षा करें बल्कि प्रतीक्षा करें कि वे कब अपनी दयालुता की वर्षा उन पर करेंगे।

कथा के दौरान स्व. श्रीमती रेखा शर्मा मैमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित होशियारीलाल शर्मा व स्व. श्रीमती सोनाली झूंथरा मैमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष मुरलीधर झूंथरा के अलावा सालासर धाम के पुजारी विकास, रामावतार हिसारिया, कथा के आयोजक राजकुमार शर्मा, राजेश शर्मा, चंद्र झूंथरा, हरियाण प्रदेश व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष हीरालाल शर्मा, प्रेम शर्मा, मोहित शर्मा, देवांश शर्मा, संयम झूंथरा, नयन झूंथरा, शीतल झूंथरा, पत्रकार अंजनी गोयल, राजेंद्र ढाबां, प्रो. संजीव कालड़ा, गोपीराम चाडीवाल, जितेंद्र शर्मा, भारतभूषण सरदाना, सतीश शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। 

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply