पुलिसकर्मी को कोमा में भेजने वाले इमामूद्दीन चढ़ा पुलिस के हत्थे
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किए कुख्यात इमाम उर्फ इमामुददीन का पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला करने का इतिहास रहा है। 2009 में इमाम व उसके साथियों ने पीसीआर में तैनात हवलदार ओंकार को बेरहमी से पिटाई कर अधमरा कर दिया था जिससे वह 13 साल बाद भी आजतक कोमा में हैं। गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती ओंकार जीवन व मौत से जूझ रहे हैं। हैरानी की बात है कि उक्त मामले में नंद नगरी पुलिस द्वारा इमाम को गिरफ्तार कर जेल तो भेज दिया था पर कुछ महीने बाद ही उसे अदालत से जमानत मिल गई और उसने अपराध करना जारी ही रखा। अपराध करने पर जब-जब स्थानीय पुलिसकर्मियों ने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की उसने साथियों व परिजनों के साथ मिलकर उनपर जानलेवा करने से नहीं चूके।
नयी दिल्ली:
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मुठभेड़ के बाद कुख्यात अपराधी इमाम उर्फ इमामुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी इमाम नंदनगरी का कुख्यात अपराधी है। इमाम के विरुद्ध डकैती, दंगे और अवैध हथियारों से संबंधित गंभीर धाराओं में 18 से अधिक मामले दर्ज हैं।
इमाम उर्फ इमामुद्दीन फिलहाल एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती है और खतरे से बाहर है। पुलिस अब इमाम पर मकोका लगाने की तैयारी में है। इमाम कई बार विभिन्न अपराधों के चलते जेल जा चुका था किन्तु वह जमानत पर बाहर आ जाता है और पुनः अपराध में संलिप्त हो जाता है।
पुलिस पर हमले करने के लिए जाना जाता है इमाम
इमाम का इतिहास खतरनाक रहा है। उसने कई बार पुलिस पर जानलेवा हमले किए। 2009 में जब इमाम अपराध करने के पश्चात अपने साथियों के साथ भाग रहा था, तब पीसीआर में तैनात ओंकार ने उन्हें धर-दबोचा किन्तु इमाम ने अपने साथियों के साथ मिल कर ओंकार की बेरहमी से पिटाई कर दी। उसी घटना के पश्चात ओंकार आज तक कोमा में ही हैं। ओंकार वर्तमान में गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती हैं।
2015 में भी नन्दनगरी में एक बदमाश की हत्या के मामले में जब पुलिस घटनास्थल पर पहुँची, तब इमाम ने स्थानीय लोगों के साथ पुलिस पर लोहे की रॉड जैसे हथियारों से हमला कर दिया और वहाँ से फरार हो गया। इस मामले में इमाम गिरफ्तार हुआ किन्तु जमानत पर बाहर आ गया।
इसी वर्ष जनवरी में चोरी के कई मामलों की जाँच के लिए पुलिसकर्मी जब इमाम के घर पहुँचे, तब भी इमाम ने परिजनों के साथ मिल कर पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला कर दिया। इस मामले के बाद से ही इमाम पुलिस की पहुँच से दूर था।
स्पेशल सेल डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि 20 मार्च को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को इनपुट मिले कि इमाम, सराय काले खाँ के पास एक बार फिर किसी अपराध की फिराक में घूम रहा है, तब यूनिट के कुछ पुलिस अधिकारियों ने उसे आत्मसमर्पण के लिए कहा किन्तु उसने अपनी अपराधिक प्रवृत्ति के अनुसार पुलिस पर गोली चलाई। हालाँकि इस बार वह सफल नहीं हुआ और मुठभेड़ में उसके दोनों पैरों में गोली लग गई। पुलिस को इमाम के पास से चोरी का वाहन, 32 बोर की पिस्टल एवं तीन जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं।
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