टीएमसी का घोषणा पत्र V/s भजपा शपथ पत्र

पश्चिम बंगाल में इसी हफ्ते पहले दौर की वोटिंग होनी है. तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी ने वोटरों को लुभाने के लिए चुनावी वादों की झड़ी लगा दी है. सबसे पहले ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी का मैनिफेस्टो जारी किया. इसके बाद बीजेपी ने भी संकल्प पत्र के जरिये चुनावी वादों का पिटारा खोल दिया. बीजेपी ने सरकारी नौकरी में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का वादा किया है. इसके अलावा पार्टी ने भी कहा है कि अगर उनकी सरकार वहां बनती है तो फिर CAA लागू किया जाएगा.

कोलकत्ता/नयी दिल्ली:

बंगाल में इस बार बीजेपी और टीएमसी ने जीत के लिए पूरी ताक़त झौंक दी है. पिछले हफ्ते ममता बनर्जी ने 146 पन्नों के अपने मेनिफेस्टो में पिछले 10 साल की उपलब्धियां गिनाईं. इसके अलावा कई वादे भी किए. आइए एक नज़र डालते हैं दोनों पार्टियों के चुनावी वादों पर…

किसानों को रिझाने का प्रयास

  • बीजेपी ने कहा है कि भारत सरकार के छह हजार रुपये और राज्य सरकार का चार हजार रुपये जोड़ कर 10 हजार रुपये किसानों को दिए जाएंगे. टीएमसी ने छोटे किसानों को प्रति एकड़ 10 हज़ार रुपये सालाना रकम देने का ऐलान किया है.
  • बीजेपी ने कहा है कि सत्ता में आने पर मछुआरों को हर साल 6000 रुपये दिए जाएंगे. ममता ने ओबीसी, दलित और आदिवासी परिवार को साल के 12 हज़ार रुपये ट्रांसफर करने का वादा किया है.

दीदी ने छोटे किसानों को सालाना 10 हजार रुपये प्रति एकड़ देने का एलान किया है। दरअसल, दीदी कृषि कानूनों के खिलाफ चल किसान आंदोलन को अपने पक्ष में करने की कोशिश में हैं। इसके अलावा वह केंद्र की किसानों को छह हजार रुपये सालाना वाली योजना की काट भी निकालने का प्रयास कर रही हैं। वहीं, भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में कहा कि कृषक सुरक्षा योजना के तहत हम हर भूमिहीन किसान को हर वर्ष 4000 रुपये की सहायता देंगे।

जातिगत समीकरण पर फोकस

ममता बनर्जी ने ओबीसी, दलित और आदिवासी परिवारों को सालाना 12 हजार रुपये देने का वादा किया है। दरअसल, दीदी ने इस एलान से पूरी तरह जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की है, क्योंकि भाजपा की नजर भी इसी वोट बैंक पर सबसे ज्यादा है। ममता बनर्जी ने महिष्य, तामुल, तेली और साहा जातियों को ओबीसी दर्जा देने के लिए टास्क फोर्स का गठन करने की बात कही है। इन जातियों का पूर्वी मिदनापुर, हावड़ा, हुगली, दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों में खासा असर है। माना जा रहा है कि इस जाति कार्ड से 50 सीटों के नतीजों में उलटफेर हो सकता है। दरअसल, दीदी की नजर जंगलमहल इलाके पर भी है, जहां भाजपा काफी मजबूत मानी जा रही है। उधर गृह मंत्री अमित शाह ने अपने चुनावी संकल्प पत्र में कहा है कि ओबीसी आरक्षण की सूची में महिस्य, तेली और अन्य हिन्दू समुदाय जो रह गए हैं, उनको समाविष्ट करने का काम भी भाजपा की सरकार करेगी।

महिला वोटों को पाले में लाने की कोशिश

टीएमसी के घोषणा पत्र में विधवा महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये देने का वादा किया गया है। इस तरह ममता बनर्जी ने महिला वोटों को अपने पाले में लाने की कोशिश की है। वहीं, भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में कहा है कि राज्य सरकार की सभी नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देंगे। पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिलेगा साथ ही 75 लाख किसानों को जो 18 हजार रुपये तीन साल से जो ममता दीदी ने नहीं पहुंचाया है वो सीधे किसानों को बैंक अकाउंट में देंगे। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सभी महिलाओं के लिए निशुल्क यात्रा की व्यवस्था होगी। 

जन-जन को साधने की कोशिश

ममता बनर्जी ने वादा किया है कि अगर उनकी सरकार सत्ता में लौटती है तो सामान्य वर्ग के परिवारों को सालाना 6000 रुपये दिए जाएंगे। इस स्कीम में एक करोड़ 60 लाख लोगों को फायदा पहुंचेगा। अगर ये सभी टीएमसी के वोटर्स में तब्दील होते हैं तो दीदी की हैट्रिक लगनी लाजिमी है। वहीं, भाजपा ने कहा कि हमने तय किया है कि बंगाल में सातवां वेतन आयोग सभी कर्मचारियों को दिया जाएगा। बंगाल को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए हम सीएमओ के अंतर्गत एंटी करेप्सन हेल्प लाइन की शुरुआत करेंगे, जिससे कोई भी नागरिक कम्पलेन सीधे मुख्यमंत्री जी को पहुंचा पाएगा। अमित शाह ने कहा कि हमने तय किया है कि सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट को पहली ही कैबिनेट में लागू करेंगे। मुख्यमंत्री शरणार्थी योजना के तहत प्रत्येक शरणार्थी परिवार को पांच साल तक डीबीटी से 10 हजार रुपया प्रतिवर्ष दिया जाएगा।

आम आदमी पर नजर

ममता बनर्जी ने टीएमसी के घोषणा पत्र में सबसे बड़ा वादा घर-घर राशन पहुंचाने का किया है। चुनाव की घोषणा होने से पहले ममता कोलकाता समेत कई जगह मां रसोई शुरू कर चुकी हैं, जहां गरीबों को पांच रुपये में भरपेट खाना दिया जा रहा है। माना जा रहा है कि मां रसोई का दांव दीदी को चुनावी फायदा दे सकता है। इसके अलावा घर-घर राशन योजना से आम आदमी भी टीएमसी के साथ जुड़ सकता है। वहीं, भाजपा ने ऐसा कोई एलान नहीं किया। ऐसे में यह वादा टीएमसी को फायदा पहुंचा सकता है।

सिर पर छत का दांव

अपने घर का सपना हर शख्स का होता है। बंगाल चुनाव में भाजपा और टीएमसी इस मुद्दे को भी भुनाने में जुटी हुई हैं। टीएमसी ने घर बनाने में 25 लाख रुपये की मदद करने का वादा किया। वहीं, भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में 11 हजार करोड़ के सोनार बांग्ला फंड का एलान किया।

छात्रों-युवाओं पर भी फोकस

ममता बनर्जी ने छात्रों के लिए क्रेडिट कार्ड लाने का एलान किया है। साथ ही, हर साल पांच लाख नौकरियां देने की बात भी कही है। इन वादों से दीदी ने छात्रों और युवाओं को रिझाने की कोशिश की गई है। वहीं, भाजपा ने केजी से लेकर पीजी तक छात्राओं की शिक्षा मुफ्त करने का एलान किया।

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