नंदीग्राम से ताल ठोंकने वाली ममता अब टोलिगंज में सुरक्षित सीट तलाशने गईं, वहाँ भी भाजपा ने बढ़ाईं मुश्किलें

नंदीग्राम का खूनी संघर्ष, जिसने ममता को सत्ता दिलवाई थी आज भी संग्राम के लिए तत्पर है। जिस विकास के वायदे पर ममता दी ने नंदिग्राम की जनता में उम्मीदों के बीज बोये थे वह बीज आज भी वहीं पड़े हैं। विकास के नाम पर नंदीग्राम को 10 सालों तक ठगा गया वही आज दोबार ठगे जाने से इंकार करता है। ममता दी ने नंदीग्राम से चुनावी बिगुल तो फूँक दिया लेकिन यहाँ शुवेंदु अधिकारी की उपस्थिती ममता बेनर्जी को सालती जा रही है अत: उनहोंने न्स्न्दिग्राम से इतर टोलिगंज से लड़ने का फैसला किया। ममता की मुसीबत देखिये यहाँ भी भाजपा ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दिन हैं। ममता की मजबूरी क्या है की वह अपने दो बार के चुनावी क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ पा रहीं?

ममता बनर्जी की चुप्पी

कोलत्ता/नयी द्ल्ली:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नंदीग्राम में नामांकन के दौरान लगी चोट का सियासी फायदा उठाने की तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) ने पूरी कोशिश की। लेकिन जल्दी ही यह बात स्पष्ट हो गई कि टीएमसी जिसे ‘हमला’ बता रही है, वह असल में हादसा थी। इसके बाद यह खबर आई कि ममता बनर्जी टॉलीगंज से भी विधानसभा का चुनाव लड़ सकती हैं, जो पार्टी के लिए सेफ सीट मानी जाती है।

लेकिन, बीजेपी ने रविवार (14 मार्च 2021) को बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की जो सूची जारी की है, उससे जाहिर है कि वह ममता बनर्जी के लिए कोई भी सीट सुरक्षित नहीं रहने देगी। उसने टॉलीगंज से केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को मैदान में उतारा। फिलहाल इस सीट से तीन बार के विधायक अरूप विश्वास टीएमसी के आधिकारिक उम्मीदवार हैं। लेकिन बताया जाता है कि टिकट देने के साथ ही उन्हें अपना प्रचार धीमा रखने के निर्देश देते हुए यह बता दिया गया था कि ममता खुद यहाँ से मैदान में उतर सकती हैं। इस सीट पर 10 अप्रैल को मतदान होगा। नामांकन भरने की अंतिम तारीख 23 मार्च है।

मीडिया रिपोर्टों में टीएमसी सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि चोट लगने के बाद ममता बनर्जी को एहसास है कि वह अब नंदीग्राम में धुआंधार प्रचार नहीं कर सकती। शुभेंदु अधिकारी के बीजेपी में जाने के बाद इस इलाके में पार्टी कैडरों के गिरे मनोबल को उठाने के लिए ममता ने यहाँ से चुनाव लड़ने का फैसला किया था। लेकिन, अब बदले हालात में कयास लग रहे हैं कि वह दूसरी सीट से भी चुनाव लड़ेंगी और वह सीट दक्षिण कोलकाता की टॉलीगंज होगी। यह बंगाली फिल्म उद्योग का केंद्र है और अब तक टीएमसी के लिए सेफ रही है। लेकिन, सांसद बाबुल सुप्रियो की उम्मीदवारी ने इस सीट को भी हाई प्रोफाइल और कड़े मुकाबले का रणक्षेत्र बना दिया है।

बंगाल की 294 विधानसभा सीटों के लिए 8 चरणों में चुनाव में होना है। चुनाव 27 मार्च से शुरू होकर 29 अप्रैल तक होंगे। मतों की गिनती 2 मई को होगी। बीजेपी ने रविवार को तीसरे चरण के लिए 27 और चौथे चरण के लिए 36 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया। इनमें बाबुल सुप्रियो के अलावा कई अन्य सांसदों के भी नाम हैं।

केरल में 115 सीटों पर चुनाव लड़ेगी बीजेपी

पार्टी महासचिव अरुण सिंह ने बताया कि अर्थशास्त्री अशोक लाहिड़ी अलीपुरद्वार से, डोमजूर से राजीव बनर्जी और सिंगुर से रबींद्र भट्टाचार्य उम्मीदवार होंगे। स्वप्न दासगुप्ता (तारकेश्वर), सांसद निशित प्रमाणिक (दिनहट्टा) और अभिनेता यश दास गुप्ता (चंदिताला) से चुनाव लड़ेंगे। सांसद लॉकेट चटर्जी को चुंचुरा से पार्टी ने मैदान में उतारा है।

भारतीय जनता पार्टी ने केरल में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों के नामों का एलान कर दिया है। केरल में बीजेपी 115 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने जा रही है। केरल विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 25 सीटें अपनी चार सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ी हैं। बीजेपी ने ‘मेट्रो मैन’ ई श्रीधरन को भी टिकट दिया है। वो पलक्कड से चुनाव लड़ेंगे।

तमिलनाडु में बीजेपी ने जारी की 17 उम्मीदवारों की लिस्ट

बीजेपी ने तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 17 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। धारापुरम से प्रदेश अध्यक्ष एल मुरूगन को टिकट दिया गया है। वहीं खुशबू सुंदर को थाउजेंड लाइट्स से टिकट मिला है। बीजेपी राज्य में एआईएडीएमके साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है।

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