चुनाव आयोग एक हफ्ते के अंदर राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित कर सकता है : ममता बनर्जी
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग एक हफ्ते के अंदर राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित कर सकता है।
- उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि उन्होंने राज्य के लिए बहुत कुछ किया और जो कुछ रहता है, वह चुनाव के बाद किया जाएगा क्योंकि अब चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा है।
- उन्होंने लोगों से तृणमूल कांग्रेस (TMC) को वोट देने की अपील भी की।
कोलकाता.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भारतीय चुनाव आयोग (अगले सात दिनों में राज्य में अप्रैल मई में होने जा रहे विधानसभा चुनावों की तारीख की घोषणा कर सकता है. बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि आयोग अगले सात से आठ दिनों में चुनावी कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है. हमारे पास ज्यादा समय नहीं है. बता दें पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीट पर इस साल अप्रैल-मई के दरम्यान चुनाव होने वाले हैं. उत्तरी बंगाल के अलीपुरद्वार में जनसभा को संबोधित करते हुए ममता ने ये बात कही.
ममता ने अपने संबोधन में दो बार कहा कि चुनाव आयोग के तारीखों की घोषणा करने में एक हफ्ते से भी कम का समय है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने उत्तरी बंगाल के लिए कई योजनाओं और विकास परियोजनाओं की घोषणा की है और चुनाव के बाद क्षेत्र के लिए और भी काम किया जाएगा. ममता बनर्जी ने कहा कि “हमने अपने वादों को पूरा किया है. जो भी थोड़ी बहुत कमी रह गई है उसे चुनावों के बाद पूरा किया जाएगा. हमारे पास समय नहीं है. अगले पांच दिनों में चुनाव की तारीखों की घोषणा हो सकती है.”
चुनाव आयोग की टीम कर चुकी है दौरा
बता दें चुनाव आयोग की एक टीम ने जनवरी के तीसरे सप्ताह में पश्चिम बंगाल का दौरा कर चुनावी तैयारियों और कानून व्यवस्था का जायजा लिया था. इससे पहले उप चुनाव अधिकारी सुदीप अधिकारी ने राज्य के दो बार दौरा कर हालातों का जायजा लिया था.
चुनाव आयोग के दल ने राजनीतिक दलों, केंद्रीय और राज्य नियामक एजेंसियों, वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों और राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक सहित राज्य के शीर्ष नौकरशाहों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की थीं.
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मंगलवार को जिलाधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की. जिलों को मतदान केंद्रों और मतदान केंद्रों और मतदान केंद्रों के लिए अपनी आवश्यकताओं का विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है. अधिकारियों को 10 फरवरी तक रिपोर्ट पेश करनी है.
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