वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी ही लगा रहे पर्यावरण संरक्षण के नियमों को पलीता, लीपापोती में जुटा महकमा

राहुल भारद्वाज सहारनपुर:

वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी ही लगा रहे पर्यावरण संरक्षण के नियमों को पलीता. ननौता में हरे आम के पेड़ कटान का मामला, लीपापोती में जुटा महकमा.

सहारनपुर सामाजिक वानिकी वन क्षेत्र की रामपुर मनिहारान रेंज क्षेत्र अंतर्गत थाना नानौता के पठानपुरा गांव में आम के हरे भरे बाग पर लकड़ी माफियाओं का कई दिन तक कुल्हाड़ा चलता रहा। विभागीय अधिकारी अवैध कटान रोकने की बजाय बहाने-बाजी करते रहे। मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचा तो अब रेंज स्टाफ डीएफओ के संरक्षण में लीपापोती करने में जुट गया है।विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक थाना नानौता के पठानपुरा गांव में तीन भाइयों का एक बहुत बड़ा आम का बाग था। इस आम के बाग को रामपुर मनिहारान रेंज स्टाफ से सांठ-गांठ करके लकड़ी माफियाओं ने पहले किसान से औने पौने भाव खरीदा फिर कई दिन पहले बिना वन विभाग से अनुमति लिए कटान शुरू कर दिया।

मामला पुलिस सहित वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की जानकारी में प्रकृति मित्रों द्वारा लाया गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुए लकड़ी माफियाओं को चुपचाप आम के पेड़ काटकर ठिकाने लगाने के लिए तेजी लाने की बात कह दी।तीन दिन पहले तक पठानपुरा में लकड़ी माफिया आम के लगभग 70 फ़ीसदी हरे पेडों को काट चुके थे। काटे गए पेड़ों की संख्या 50 के लगभग बताई जा रही है। जबकि 20 से अधिक पेड़ और बचे हुए हैं स्थानीय मीडिया कर्मियों ने इस संबंध में रेंज के सेक्शन इंचार्ज मेहर सिंह को हरे आम के पेड़ कटान के संबंध में पूछा तो उन्होंने विभागीय परमिट होने से इनकार करते हुए कहा कि उनकी ड्यूटी एमएलसी चुनाव में लगी हुई है वह कुछ नहीं कर सकते। इस बीच मामला डीएफओ सामाजिक वानिकी सहारनपुर एवं वन संरक्षक मेरठ तक के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने इस मामले में कार्रवाई करने का आश्वासन देते हुए बाग का कटान तो रुकवा दिया परंतु दोषियों के विरुद्ध विभाग की बड़ी कार्रवाई करने की बजाय कटे हुए पेड़ो के सबूत मिटाने के लिए खेत की जुताई करवा दी।इस बात से स्पष्ट होता है कि रेंज स्टॉप अपनी ड्यूटी के प्रति विभाग मे कितनी वफादारी निभा रहा है।

उच्च अधिकारियों के संज्ञान में पूरा मामला आने के बाद कल देर शाम वनक्षेत्राधिकारी रामपुर मनिहारान ओमपाल राणा के साथ डीएफओ सहारनपुर रणविजय सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने सब कुछ देखने के बाद भी कोई बड़ी कार्रवाई करने की बजाए उसी चर्चित वन दरोगा को कार्रवाई के लिए कह कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।जानकारी करने पर डीएफओ रणविजय सिंह ने बताया कि मौके पर आम के 10 पेड़ कटे हैं कार्रवाई के लिए स्थानीय रेंज स्टाफ को निर्देश दिए गए हैं जबकि लोगों का कहना है कि रामपुर मनिहारान रेंज क्षेत्र में यह वन दरोगा हरे प्रतिबंधित पेडों का अवैध कटान कराने में पहले से चर्चित है और इसी की मिलीभगत से आम के बाग का कटान हुआ है जानबूझकर एमएलसी चुनाव के दौरान बाग कटान के लिए लकड़ी माफियाओं को समय दिया गया है।

ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच की जाए तो भ्रष्टाचार की जडें किस प्रकार जमी है सामने आ जाएगी।

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