तीन और ने महबूबा के बयानों से आहात हो कर पार्टी छोड़ि
पार्टी के सदस्य पीडीपी की लीडरशिप की तरफ से आ रहे बयानों से भी खासे नाराज हैं. उन्होंने लिखा कि एनसी की बी-टीम बनने के अलावा पार्टी नेतृत्व ने हाल ही में ऐसे भड़काऊ और विवादित बयान दिए हैं, जो पार्टी के संस्थापक के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है.उन्होंने लिखा, इस स्थिति के चलते और दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद के शिष्य होने के नाते हमारे लिए ऐसी पार्टी में काम करना मुश्किल हो रहा था, जो एनसी की बी टीम बनी हुई है. हम भारी मन के साथ पार्टी छोडऩे के इस मुश्किल फैसले को लेने के लिए मजबूर हैं, वह पार्टी जिसे हमने दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद साहब के शिष्यों के तौर पर बनाया था.
जम्मू/कश्मीर(ब्यूरो):
जम्मू-कश्मीर में डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल के मतदानों में कुछ ही दिनों का वक्त बचा है. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के सदस्य लगातार उनका साथ छोड़ते जा रहे हैं. हाल ही में तीन और सदस्य पार्टी से अलग हो गए हैं. एक महीने पहले ही तीन सदस्यों ने पार्टी को अलविदा कहा था. इन सदस्यों ने आरोप लगाया है कि पीडीपी अपने सिद्धांतों से हटकर अब नेशनल कांफ्रेंस की ‘बी-टीम’ बनती जा रही हैं. जम्मू-कश्मीर में 8 चरणों में डीडीसी के चुनाव होने हैं. इनकी शुरुआत 28 नवंबर से हो जाएगी, जो 19 दिसंबर तक जारी रहेगी. वहीं, मतगणना 22 दिसंबर को होगी.
इस बार दमन भसीन, फलैल सिंह और प्रीतम कोटवाल ने पीडीपी से खुद को अलग कर लिया है. इन सदस्यों ने पत्र में लिखा, ‘राजनीतिक करियर को दांव पर लगाकर हम पीडीपी के गठन के पहले दिन ही इसमें शामिल हो गए थे. जिसका मकसद भ्रष्ट और वंशवाद एनसी का विकल्प प्रदान करना था.’ उन्होंने लिखा, ‘दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद के पास सांप्रदायिक और ओछे तत्वों को हटाने का एक नजरिया था. लेकिन दुर्भाग्य से पार्टी नेतृत्व ने एनसी की बी-टीम बनने के लिए मुफ्ती साहब के एजेंडे को छोड़ दिया है.’
महबूबा मुफ्ती के बयानों पर भी सवाल उठाए
पार्टी के सदस्य पीडीपी की लीडरशिप की तरफ से आ रहे बयानों से भी खासे नाराज हैं. उन्होंने लिखा, ‘एनसी की बी-टीम बनने के अलावा पार्टी नेतृत्व ने हाल ही में ऐसे भड़काऊ और विवादित बयान दिए हैं, जो पार्टी के संस्थापक के मूल सिद्धांतों के खिलाफ हैं.’ उन्होंने लिखा, ‘इस स्थिति के चलते और दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद के शिष्ट होने के नाते हमारे लिए ऐसी पार्टी में काम करना मुश्किल हो रहा था, जो एनसी की बी टीम बनी हुई है. हम भारी मन के साथ पार्टी छोड़ने के इस मुश्किल फैसले को लेने के लिए मजबूर हैं, वह पार्टी जिसे हमने दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद साहब के शिष्यों के तौर पर बनाया था.’
पहले भी पार्टी छोड़ चुके हैं पीडीपी नेता
बीते अक्टूबर में टीएस बाजवा, वेद महाजन और हुसैन ए वफा ने भी पार्टी छोड़ दी थी. इन सदस्यों ने भी पार्टी छोड़ने का कारण महबूबा मुफ्ती के कुछ कामों और गैरजरूरी बयानों को बताया था. इन तीनों सदस्यों ने मुफ्ती के तिरंगे वाले बयान के बाद इस्तीफा दिया था. मुफ्ती ने कहा था कि उनकी पार्टी के सदस्य तब तक तिरंगा नहीं उठाएंगे, जब तक उन्हें जम्मू-कश्मीर के झंडे की अनुमति नहीं मिल जाती.
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