कॉंग्रेस ने थामा चीन प्रेमी गुपकार गैंग का हाथ : अमित शाह
जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के गुपकर घोषणापत्र गठबंधन में कांग्रेस के शामिल होने को लेकर बीजेपी लगातार मुख्य विपक्षी दल पर हमलावर है. अब केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया और इसे गुपकर गैंग करार दिया. अपने ट्वीट में अमित शाह ने लिखा, ‘गुपकर गैंग ग्लोबल हो रहा है! वे चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय ताकतें हस्तक्षेप करें. क्या सोनिया जी और राहुल जी गुपकर गैंग के ऐसे कदमों का समर्थन करते हैं? उन्हें देश की जनता के सामने अपना स्टैंड साफ करना चाहिए.’
- हम चीन की मदद से धारा 370 वापिस लाएँगे : फारूक अब्दुल्ला
- काश्मीर में भारत का झण्डा कोई नहीं उठाएगा : महबूबा मुफती
पानी से पानी मिले, मिले कीच से कीच
साधु से साधू मिले, मिले नीच से नीच : सुधांशु त्रिवेदी
जम्मू-काश्मीर/नयी दिल्ली:
जम्मू कश्मीर में स्थानीय पार्टियों ने साथ मिल कर ‘गुपकार गठबंधन’ बनाया है और कॉन्ग्रेस भी उसके साथ जुड़ी है। अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस गठबंधन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है, जो अभी भी है और भविष्य में भी रहेगा। अमित शाह ने इसे गैंग बताते हुए कहा कि जनता इस ‘अपवित्र गठबंधन’ को बर्दाश्त नहीं करेगी, जो देश के हितों के खिलाफ काम करने में लगा हुआ है।
अमित शाह ने ट्विटर पर 3 ट्वीट्स कर के इस गठबंधन को आड़े हाथों लिया। उन्होंने लिखा कि या तो ‘गुपकार गैंग’ देश के मूड के हिसाब से चले, या फिर जनता इसकी नैया डुबो देगी। उन्होंने कॉन्ग्रेस और गुपकार गठबंधन पर आरोप लगाया कि वो जम्मू कश्मीर को उस काल में वापस लेकर जाना चाहते हैं, जब वहाँ सिर्फ आतंक और उथल-पुथल का साम्राज्य हुआ करता था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त कर दलितों, महिलाओं और आदिवासियों को अधिकार दिए हैं, उन्हें ये वापस छीनना चाहते हैं।
अमित शाह ने कहा कि यही कारण है, जिससे गुपकार गठबंधन और कॉन्ग्रेस को देश में हर जगह जनता द्वारा नकारा जा रहा है। उन्होंने लिखा कि अब ‘गुपकार गैंग’ वैश्विक हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग चाहते हैं कि विदेशी ताकतें भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करें। उन्होंने ‘गुपकार गैंग’ पर भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के अपमान का भी आरोप लगाया। शाह ने कॉन्ग्रेस की सोनिया गाँधी और उनके बेटे राहुल गाँधी से पूछा कि क्या वो इन चीजों का समर्थन करते हैं?
उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस की वर्तमान अध्यक्ष सोनिया गाँधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी को अब इस मामले में अपना स्टैंड साफ़ कर देना चाहिए। एक अन्य केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी सोनिया-राहुल से पूछा था कि वो अनुच्छेद-370 पर फ़ारूक़ अब्दुल्लाह के साथ हैं या विरोध में? जम्मू कश्मीर में होने वाले पंचायती चुनाव में कॉन्ग्रेस द्वारा गुपकार के साथ हाथ मिलाने पर उन्होंने कहा कि ये लोग चीन से समर्थन माँग रहे हैं, क्या कॉन्ग्रेस इसके पक्ष में है?
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जो लोग ये चाहते हैं कि अनुच्छेद-370 वापस आ जाए, वो यहाँ भ्रष्टाचार को जारी रहते देखना चाहते हैं। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे पहले जम्मू कश्मीर की कोई ‘मुस्लिम बेटी’ राज्य से बाहर शादी करती थी तो उसे संपत्ति के अधिकार से बाहर कर दिया जाता था, जिसे मोदी सरकार ने बदला। उन्होंने आरोप लगाया कि अब फिर से जम्मू कश्मीर को संकीर्ण मानसिकता की तरफ ढकेलने का प्रयास हो रहा है।
इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के फैसले के बारे में पूछा था कि ये निर्णय किसका है? साथ ही जवाब देते हुए कहा था कि ये पूरे देश का निर्णय है, क्योंकि भारत का कोई भी कानून लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर संसद भवन में विचार-विमर्श के बाद ही बनता है। उन्होंने कहा था, ‘मै राहुल गाँधी और सोनिया जी से पूछता हूँ कि इस गठबंधन की एक पार्टी चीन के साथ अनुच्छेद 370 को वापस लाने की बात कहती है, वहीं महबूबा मुफ्ती तिरंगा नहीं उठाना चाहतीं।‘
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