ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त रहें सावधान, फर्जी शॉपिंग साइट्स आपको लगा सकती हैं चूना :- पचंकूला पुलिस

पंचकुला, 09 नवंबर

                    त्यौहारो पर ऑनलाइन शॉपिंग करने का प्लान कर रहे हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है. आजकल फर्जी शॉपिंग साइस्ट पर बड़े ऑफर्स देकर लोगों को फंसाया जाकर उनसे ऑनलाइन ठगी की जा सकती है ।

                    त्यौहारो के दिनों (दिवाली) पर लोग जमकर शॉपिंग करते हैं लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से ज्यादातर लोग ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं  खरीददारी करने के लिए लोग शॉपिंग साइट्स की ऐप डाउनलोड कर रहे हैं. लेकिन किसी भी शॉपिंग ऐप को डाउनलोड करने से पहले आपको सचेत होने की जरूरत है. क्योंकि आजकल साइबर अपराधी लोगों के बढ़ते ऑनलाइन शॉपिंग इंट्रेस्ट का फायदा उठा रहे हैं. साइबर क्राइम में शामिल लोग जनता को इस तरह से चूना लगा रहे हैं अब उनके निशाने पर बड़ी बड़ी नामी ई-कॉमर्स कंपनियां भी है ऐसे अपराधी इन ऐप्स या वेबसाइट का क्लोन बना कर लोगों को चूना लगा रहे हैं  ये वेबसाइट आपको ऑरीजनल वेबसाइट के जैसी ही लगेंगी यहां आपको प्रोडक्ट्स पर भारी ऑफर और डिस्काउंट देकर फंसाया जाएगा. लेकिन जब आप इन वेबसाइट्स या एप्स पर पेमेंट कर देंगे उसके कुछ देर बाद ये लिंक गायब हो जाएगा. आज हम आपको ऐसी ठगी से बचाने के लिए कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं जिससे आप किसी  भी तरह की धोखाधड़ी से बच सकें.

                     दरअसल साइबर अपराधी प्लेस्टोर पर ऐसी फर्जी एप्स को लॉन्च कर देते हैं जो काफी आसान होता है. आपके प्ले स्टोर पर आपको ऐसे कई फर्जी एप्स मिल जाएंगे. इन एप्स को ब्रांडेड ई-कॉमर्स वेबसाइट्स या एप्स के फर्जी क्लोन के तौर पर बनाया जाता है. उसके बाद शातिर अपराधी अपनी फर्जी वेबसाइट्स पर आपको सामानों पर 60 से 80 फीसदी तक का डिस्काउंट ऑफर करते हैं. आपको जब सस्ती चीजें मिल रही होती हैं तो आप तुरंत ऑर्डर कर देते हो. बस इसी सस्ते के झांसे में लोग फंस जाते हैं. आप अपने पसंदीदा  सामान को कम कीमत में देखर तुरंत पेमेंट कर देते हैं. लेकिन आपके सामान की डिलिवरी कभी नहीं आती. जब आप उस लिंक को चेक करते हैं तो वो लिंक भी आपको डिलीट मिलता है.

                      ये अपराधी इतने शातिर होते हैं कि कई बार प्लेस्टोर की जगह जब गूगल में किसी सामान को ऑनलाइन चेक करते हैं तो ये लोग गूगल एडवर्ड्स के जरिए  अपनी फर्जी साइट्स को ट्रेंड करा देते हैं. ऐसे में आप जब सामान खरीदने के लिए उन साइट्स या ऐप्स पर क्लिक करते हैं तो आपको भारी डिस्काउंट दिया जाता है. याद रखें ये ऐप्स आपके ऑर्डर के बाद डिलीट कर दिए जाते हैं. पुलिस का कहना है कि लिंक डिलीट होने की वजह से ऐसे लोगों को ट्रैक करना काफी मुश्किल है.

                    कई कस्टमर्स को ऐसी फर्जी ऐप्स और साइट्स के बारे में तब पता चला जब डिलीवरी नहीं आने पर उन्होंने कंपनी के कस्मर केयर में फोन किया. सही ई-कॉमर्स कंपनी के स्टमर केयर की ओर से बताया गया कि ऐसी उनकी कोई ऐप नहीं है और न ही  कंपनी की ओर से ऐसा कोई ऑफर दिया जा रहा है.

ऑनलाइन फर्जी साइट्स से कैसे बचें :-

1.       आप किसी कंपनी की वेबासइट के बारे में इटरनेट से पता लगा सकते हैं. ऑनलाइन ऐसी कई साइट्स हैं जो कंपनी के रजिस्ट्रेशन से लेकर कंपनी कितनी पुरानी है उसकी लीगलिटी क्या है ऐसी तमाम जानकारी आपको दे देंगी. कोई भी पेमेंट करने से पहले ई-कॉमर्स कंपनी के बारे में जांच लें..

2.       अगर वेबसाइट के आगे https नहीं लगा तो समझो ये फर्जी साइट है.

3.       रजिस्टर्ड वेबसाइट के URL के सामने हमेशा लॉक लगा होता है इसे जरूर चेक कर लें.

4.       वेबसाइट के होम पेज पर जाकर Contact पर क्लिक करें अगर यहां आपको एड्रेस जैसी जानकारी न मिले तो ऐसी साइट्स से शॉपिंग करने से बचें ।

5.       कृपया ऐसे SMS SBIUPI 2FRs 2FTeI968YACcGQn 2BON96SPid2Nh3y U4dpNIxcTonQ 3D या इसी प्रकार के SMS कभी भी फार्वर्ड न करें । ना ही किसी अन्जान व्यक्ति के द्वारा बतायी गयी कोई एनीडेस्क, टीमव्यूवर आदि ऐप  के इस्तेमाल से बचें । कभी भी ऑनलाइन किसी बैंक या कंपनी का कस्टमर केयर नंबर ना खोजें । यह नंबर साइबर अपराधियों का हो सकता है। जब कभी आप गूगल सर्च पर आप किसी का भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च करते हैं। जैसे की फ्लिपकार्ट या कोई भी ऑनलाइन शापिंग साइट, एसबीआई बैंक, या गैस एजेंसी तो कोई भी नम्बर आपको मिलता है और वो आपकी मदद के लिये एनीडेस्क ऐप या अन्य कोई डाउनलोड करने के लिए बोलता है तो समझ लिए आपने फ्राड आदमी को फोन किया है। ऐसे ऐप से वो आपके मोबाइल की जानकारी बिना बताए आपके मोबाइल से लेता है । ऐसे में कस्टमर केयर से बात करते समय कोई ऐप प्ले स्टोर से डाउनलोड ना करें। उन्होंने बताया कि गूगल सर्च इंजन पर कस्टमर केयर के नाम पर बहुत से फ्राड करने वालों ने अपने फ्राड वाले नम्बर डाल दिए हैं। इन नम्बर पर जब आपके द्वारा फोन किया जाता है तो ये तुरन्त ही आप की गोपनीय जानकारी एकत्रित करना शूरू कर देते हैं जैसे कि आप को लिंक ओपन करने, ऊपर अंकित वाला जैसा मैसेज फॉरवर्ड करने, ओटीपी तथा कार्ड नम्बर पूछना शुरु कर देते हैं। किसी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक को फॉरवर्ड या ओपन न करें। ऑनलाइन शापिंग ऐप के माध्यम से लाटरी या सफारी गाड़ी निकलने के नाम पर पैसे देने से बचें। बैंक से लोन पास करवाने के नाम पर किसी अनजान/अज्ञात व्यक्ति के फोन आने पर किसी भी खाते में पैसे जमा करने से बचें। नौकरी के नाम पर अनजान व्यक्ति के खाते में पैसा जमा न करें। शातिर अपराधी ऑनलाइन परीक्षा, फोन पर इन्टरव्यू कराकर पास करा देते हैं फिर ज्वाइन, खाता खोलने, सिक्यूरिटी मनी, आईडी मनी, कुरियर मनी आदि के नाम पर पैसे लेते हैं। कोई भी जॉब काल आने पर किसी अज्ञात व्यक्ति के खाते में पैसा न डालें। जब भी OTP का मैसेज आए, उसे पूरा पढ़ें,  जो पैसा पेमेंट कर रहा है उतना ही पैसे मैसेज में लिख के आया है चेक कर लें। संक्षेप में OTP न बताएं, मैसेज फॉरवर्ड न करें, लिंक पर क्लिक न करना, अज्ञात व्यक्ति के खाते में पैसे डालना आदि काम भूल से भी ना करें। उक्त सावधानियों को बरतते हुए साइबर अपराध से बचा जा सकता है।

कोरोना से सम्बन्धित सरकारी योजनाओ का आनलाईन लालच देकर धोखाधडी करने के मामलों में

                       इसके अतिरिक्त सरकारी योजनाए आम तौर पर प्रमुख हस्सियों गणमान्य व्यक्तियो आदि के नाम से शुरु की जाती है कुछ धोखेबाज गणमान्य नामो (राष्ट्रपति,प्रधानमन्त्री आदि का ) उपयोग करके नकली वैबसाइट बनाकर कोरोना से प्रभावित लोगो का मदद के लिए सब्सिडी सहायत प्रदान करने का दावा करती है ।

                   इस प्रकार की योजनाए को प्रदान करने वाली किसी भी वैबसाइट की स्थापित करलें व कोविड-19 से सम्बन्धित सहायता मेल या व्हटसअप पर प्राप्त किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें ।

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