करतारपुर साहिब का प्रबंधन पीएसपीजीसी से ले कर आईएसआई की ईटीपीबी को सौंपा
भारत ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का प्रबंध एवं देखरेख का काम एक गैर सिख संस्था को सौंपे जाने के पाकिस्तान के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए आज पाकिस्तान सरकार का आह्वान किया कि वह सिखों की भावनाओं के विरुद्ध इस मनमाने फैसले को वापस ले. बयान में कहा गया, ”पाकिस्तान का यह एकतरफा निर्णय निंदनीय है और करतारपुर साहिब कॉरीडोर खोले जाने की भावना और सिख समुदाय के धार्मिक ख्यालों के विरुद्ध है. ऐसे कदम पाकिस्तानी सरकार और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों एवं कल्याण के लंबे चौड़े दावों की असलियत उजागर करते ह.’
- पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी देख रही थी करतारपुर साहिब का मैनेजमेंट
- पाकिस्तान ने प्रॉजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट बनाकर PSGPC से छीन लिया यह अधिकार
- अब एक ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के हाथों में है करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का प्रबंधन
- विदेश मंत्रालय ने किया कड़ा विरोध, कहा- फैसला सिखो की भावनाओं के खिलाफ
नई दिल्ली
भारत ने सिखो के सबसे महत्वपूर्ण धर्मस्थल, करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का प्रबंधन एक गैर-सिख संस्था को सौंपने का कड़ा विरोध किया है. पाकिस्तान ने इस इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) को गुरुद्वारे का मैनेजमेंट सौंपा है. अबतक इसका प्रबंधन पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (PSGPC) के पास था. विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस कदम से पाकिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के ‘बड़े-बड़े दावों की पोल खुल’ गई है. भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह अपना यह फैसला वापस ले क्योंकि पवित्र करतारपुर साहिब के मामलों को संभालने का जिम्मा सिख अल्पसंख्यक समुदाय का है.
दुनिया के सामने आया पाकिस्तान का असली रूप
बता दें कि पिछले साल नवंबर में करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान खुद को दुनिया का सबसे दरियादिल शख्स साबित करने पर तुले थे. लेकिन महज 1 साल में ही उनकी दरियादिली की हकीकत दुनिया देख रही है.
सिखों के पवित्र स्थल पर ISI का कंट्रोल !
जानकारी के मुताबिक करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के रख रखाव का काम पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति से छीन कर Project Management Unit को सौंपा गया है. इस यूनिट में कुल 9 लोग शामिल हैं और यह पाकिस्तान के Evacuee Trust Property Board यानी ETPB से जुड़ी है. खास बात है कि गुरुद्वारे के रख रखाव के लिए बनाए गई इस यूनिट में एक भी सिख सदस्य नहीं है.
मो. तारिक खान को यूनिट का अध्यक्ष बनाया गया
जानकारी के मुताबिक Project Management Unit का सीईओ मो. तारिक खान को बनाया गया है. पाकिस्तान सरकार की ओर से जारी किए गए नए आदेश में प्रोजेक्ट बिजनेस प्लान का भी जिक्र है. यानी कि इमरान खान सरकार अब गुरुद्वारे से भी पैसा कमाने की जुगत कर रही है. ETPB को पूरे तरीके से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कंट्रोल करती है.
पाकिस्तान के हृदय परिवर्तन की पोल खुली
करतारपुर गुरुद्वारे का प्रबंधन सिख समुदाय से छीन कर मुस्लिम कमेटी को देने के फैसले से सिखों के लिए पाकिस्तान के ह्रदय परिवर्तन की भी पोल खुल गई. इस गुरुद्वारे में देश-दुनिया के लाखों सिखों की आस्था बसती है. उस आस्था का पाकिस्तान के दिल में कितना सम्मान है, वो फैसले ने साफ कर दिया है. क्योंकि गुरुद्वारे के रख रखाव के लिए बनाए गए नए संस्थान में एक भी सिख सदस्य नहीं है.
नए प्रबंधन बोर्ड का आईएसआई के साथ कितना गहरा संबंध है, इसका अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि इसका पहला अध्यक्ष आईएसआई चीफ जावेद नासिर था. अब करतारपुर बॉडी को मोहम्मद तारिक खान हेड कर रहे हैं.
पंजाब में अलगाववादी भावना भड़काने की साजिश!
दरअसल हुकूमत में आने के कुछ ही हफ्ते बाद जब पाक पीएम इमरान ने अचानक करतारपुर कॉरिडोर को खोलने की बात कही थी तभी से भारत के कई सुरक्षा विशेषज्ञों ने पड़ोसी देश की इस दरियादिली को लेकर शंका जाहिर की थी. करतारपुर साहिब का प्रबंधन सिख समुदाय से छीन कर ISI से ताल्लुक रखने वाले संगठन को देने के फैसले ने इस शंका को मजबूत कर दिया है. सवाल है कि करतारपुर कॉरिडोर को खोलने के पीछे पाकिस्तान का असली मकसद पंजाब में अलगाववादी भावनाओं को भड़काना तो नहीं है.
करतारपुर पर पाकिस्तान की ‘काली सोच’ बेनकाब?
पाकिस्तान के बड़बोले रेल मंत्री शेख रशीद ने पिछले साल करतारपुर साहिब के उद्घाटन के बाद कहा था कि,’इंडियन मीडिया ने जिस तरह फजलुर्रहमान के धरने को कवरेज दी है. जिस तरह से इंडिया की मीडिया ने जनरल कमर जावेद बाजवा दिखाया, एक ऐसे सिपहलालार को जिसने करतारपुर कोरिडार का ऐसा ज़ख्म लगाया कि सारी जिंदगी हिन्दुस्तान याद रखेगा. सिखों के अंदर पाकिस्तान के लिए एक नए जज्बात प्यार मोहब्बत और खुशदिली की फिजा पैदा की गई.”
पाकिस्तान की आतंकी सोच का पक्का इलाज कब?
दरअसल पाकिस्तानी हुक्मरान और उनकी फौज के दिमाग में हर समय भारत विरोधी साजिशें लगातार चलती रहती हैं. पाकिस्तान अब इस गलियारे से जरिए खालिस्तानी कट्टरपंथियों का इस्तेमाल पंजाब में शांति और सद्भाव का माहौल बिगाड़ने के लिए करेगा. उसके गंदे इरादे जाहिर हो चुके हैं.
भारत ने फैसले को वापस लेने की मांग की
पाकिस्तान के इस फैसले की भारत सरकार ने निंदा की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि,’ भारत करतारपुर गुरुद्वारे पर लिए गए पाकिस्तान के फैसले की निंदा करता है. इस फैसले से सिख समुदाय के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. पाकिस्तान का असली चेहरा एक बार सामने आ गया है. जहां वो अल्पसंख्यकों के हितों की बात करता हैं, करतारपुर का प्रबंधन सिख समुदाय से लेना एक गलत फैसला है. हमारी मांग हैं कि पाकिस्तान करतारपुर साहिब के लिए इस फैसले को फौरन वापस ले.’
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