Big Breaking: रबी फसलों की एमएसपी बढ़ी, नहीं खत्म हो सकतीं मंडियाँ
मोदी सरकार लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी कृषि से संबंधित बिल पास करवा चुकी है. वहीं अब सूत्रों का कहना है कि मोदी कैबिनेट ने रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बढ़ोतरी को मंजूरी दी है. इसको लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बयान देने वाले हैं.
देश में किसानों से जुड़े बिल पर बवाल मचा हुआ है. इस बीच सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार ने रबी की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एसएसपी) बढ़ाने का फैसला किया है. वहीं देश के कई कोनों में एमएसपी को लेकर ही विवाद चल रहा है. जिस वजह से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.
नयी दिल्ली (ब्यूरो):
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (Commission for Agricultural Costs and Prices) की सिफारिशों को मानते हुए मोदी सरकार (Modi Government) ने रबी की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि करने का फैसला कर लिया है. बता दें कि आज सुबह ही प्रधानमंत्री ने ये साफ़ कर दिया था कि MSP पहले की ही तरह चलने वाली है. किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर चल रही मोदी सरकार ने कृषक उत्पादों की बिक्री के लिए राज्यों के कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) कानून के तहत संचालित मंडियों के अलावा एक वैकल्पिक चैनल मुहैया करने के लिए नया कानून बनाया है. नये कानून में गेहूं, चावल या अन्य मोटा अनाज, दालें, तिलहन, खाद्य तेल, शाक-सब्जी, फल, मेवा, मसाले, गन्ना और कुक्कुट, सूअर, बकरी, मछली और डेरी उत्पाद सहित ऐसे खाद्य पदार्थ, जिनका नैसर्गिक या प्रसंस्कृत रूप में मानव उपभोग करता है, उनको कृषक उत्पाद कहा गया है.
समर्थन मूल्य क्यों?
केंद्र सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP-Commission for Agricultural Costs and Prices) की सिफारिश पर कुछ फसलों के बुवाई सत्र से पहले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा करती है. इससे किसानों को यह सुनिश्चित किया जाता है कि बाजार में उनकी फसल की कीमतें गिरने के बावजूद सरकार उन्हें तय मूल्य देगी. इसके जरिए सरकार उनका नुकसान कम करने की कोशिश करती है.
क्यों जरूरी है MSP?
हालांकि, सभी सरकारें किसानों को इसका लाभ नहीं देतीं. इस वक्त बिहार और मध्य प्रदेश में सबसे बुरा हाल है, जहां किसानों को एमएसपी नहीं मिल पा रहा है. वैसे भी शांता कुमार समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि महज 6 फीसदी किसानों को ही एमएसपी का लाभ मिलता है. यानी 94 फीसदी किसान मार्केट पर डिपेंड हैं.
एमएसपी तय करने का आधार
कृषि लागत और मूल्य आयोग न्यूनतम समर्थन मूल्य की सिफारिश करता है. वह कुछ बातों को ध्यान में रखकर दाम तय किया जाता है.
– उत्पाद की लागत क्या है.
– फसल में लगने वाली चीजों के दाम में कितना बदलाव आया है.
– बाजार में मौजूदा कीमतों का रुख.
– मांग और आपूर्ति की स्थिति.
-राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्थितियां कैसी हैं.
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