रामजन्म भूमि पूजन के समय 50 परिवारों ने अपनाया ‘सनातन धर्म’
अयोध्या जी में राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद हर तरफ उत्साह का माहौल है। पाकिस्तान सीमा से सटे राजस्थान के बाड़मेर जिले में बुधवार से ही लोगों ने जश्न मनाना शुरू किया जो गुरुवार को भी जारी रहा। राम मंदिर के भूमि पूजन के मौके पर बाड़मेर जिले के पायला कल्ला पंचायत समिति के मोतीसरा गांव में रहने वाले 50 मुस्लिम परिवारों ने हिंदू धर्म अपनाया है। इन परिवारों के करीब 250 लोगों ने बुधवार को हवन-पूजन किया और पुरुषों ने जनेऊ धारण कर हिंदू धर्म अपनाया।
जयपुर (ब्यूरो) 6 अगस्त:
5 अगस्त 2020 यानी बुधवार को जब अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन हो रहा था तो राजस्थान के करीब 50 मुस्लिम परिवारों ने हिंदू धर्म में वापसी की। मामला बाड़मेर जिले पायला कल्ला पंचायत के मोतीसारा गाँव की है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इन परिवारों के करीब 250 लोगों ने बुधवार को हवन-पूजन किया। पुरुषों ने जनेऊ धारण कर हिंदू धर्म अपनाया। इन लोगों ने कहा है कि ऐसा करने के लिए उन पर किसी ने दबाव नहीं बनाया था।
हिंदू धर्म अपनाने वाले मुस्लिम परिवार के बुजुर्गों का कहना है कि उनके पूर्वज हिंदू थे। उन्हें जैसे ही इतिहास का ज्ञान हुआ इसके बाद उन्होंने यह फैसला लिया। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह निर्णय स्वेच्छा से लिया गया है।
हिंदू धर्म स्वीकार करने वाले सुभनराम ने मीडिया वालों से बात करते हुए इस बारे में जानकारी दी। सुभनराम ने कहा मुग़ल शासन में मुस्लिमों ने हमारे पूर्वजों (हिंदुओं) को डरा धमका कर उनका धर्म परिवर्तन करा लिया था।
इसके बाद उन लोगों के घर पर हवन हुआ और परिवार के लगभग 250 सदस्यों ने हिंदू धर्म अपना लिया। हरजीराम ने बताया कि ये परिवार कंचन ढाढ़ी जाति से संबंध रखते हैं। इन परिवारों के सदस्य पिछले कई सालों से हिंदू धर्म के रीति-रिवाज़ों का पालन कर रहे थे।
विंजाराम के मुताबिक़ परिवार का कोई भी व्यक्ति मुस्लिम रीति रिवाज़ों का पालन कभी नहीं करता था। राम मंदिर के शिलान्यास समारोह में भी हम सभी ने पूजा-पाठ का आयोजन कराया था और हमने पूरी स्वेच्छा से हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया।
गाँव में लगभग 50 परिवार ढाढ़ी जाति के हैं जिसमें से लगभग एक दर्जन घरों के आस-पास मंदिर बने हुए हैं। इतना ही नहीं परिवारों में ज़्यादातर लोगों के नाम भी हिंदू धर्म से ही प्रेरित हैं। परिवार के बुजुर्गों का दावा है कि औरंगज़ेब के दौर में उनके पूर्वज हिंदू थे। उन्होंने मुग़ल शासक के डर से हिंदू धर्म अपनाया। लेकिन अब उनके परिवार के शिक्षित लोगों को इस बात का ज्ञान हुआ, जिसके बाद उन्होंने वापस हिंदू धर्म अपनाने का निर्णय लिया।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!