राम की शरण में आने वाले महा अत्याचारी को भी प्रभु राम माफ कर देते हैं : पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रमोहन

चंडीगढ़ 4 अगस्त –

            हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री चंद्रमोहन ने अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर के निर्माण के लिए  भूमिपूजन समारोह पर  कल 5 अगस्त को आयोजित होने वाले कार्रारम्भ  पर देश के लोगों को बधाई दी है।

चन्द्र मोहन कहा कि भगवान श्री राम का जीवन,  हमारी सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिक मूल्यों से परिपूर्ण आस्था और विश्वास का प्रतीक है। समाज में आदर्श मूल्यों का प्रतिपादन करने वाले भगवान श्री राम का नैतिक मूल्यों के परिपालन का अमर संदेश आज भी हमारा पथ प्रदर्शन कर रहा है और सार्थक और समीचीन है।   ‌             ‌               

उन्होंने कहा कि रामायण में निहित भाई-भाई का आपसी प्रेम, माता-पिता की आज्ञा के पालन का अमर संदेश और अन्याय और अत्याचार के खिलाफ पीड़ित मानवता की सेवा करना और अपने भक्तों के कल्याण के लिए उनका उद्धार किया करना भगवान श्रीराम  का उद्देश्य रहा है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम ने  विश्व बंधुत्व और एकता का अमर संदेश दिया है और आज भी हम उनके इन  आदर्शों  को आत्मसात करते हुए  ही अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं।

चन्द्र मोहन ने कहा कि जो भी भगवान राम की शरण में आता है , चाहे वह कितना भी अत्याचारी  है, उसे वह सदैव ही माफ़ कर देते हैं। आज के समय में उनके इस आपसी एकता और विश्व बंधुत्व का अमर संदेश की वहीं सार्थकता है जो उस समय में थी। भगवान श्रीराम  न्याय के  प्रतीक हैं , जनता की शंकाओं  के निराकरण के लिए ही  उन्होंने सीता मां का परित्याग कर दिया था। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के मूलभूत आदर्शो का पालन करते हुए  ही हम मानव के कल्याण के लिए सदैव तत्पर रहते हुए उच्च आदर्श स्थापित कर सकते हैं।  

उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम के उदात्त मूल्यों का परिपालन करते हुए , समाज में आपसी एकता और  आपसी भाईचारे को बढ़ावा दे ताकि हमारा देश सर्वधर्म समभाव का परिचय देते हुए देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए अपना अमूल्य योगदान दें सके। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम समदर्शी हैं और किसी को भी उसका ठेकेदार बनने की अनुमति कभी भी नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम  पर गरीब और अमीर का बराबर का अधिकार है। वह भिलनी  के झूठे बेर  खा सकतें हैं और समुद्र पर पुल बनाने के लिए वानरों और जीव- जन्तुओ का सहारा लेते हैं, जो उनकी महानता का परिचायक है।              

चन्द्र मोहन ने कहा कि राम का वास सबके हृदय में है, उसको देखने वाला चाहिए ‌ जो जिस भावना , श्रद्धा और आस्था से उनकी पूजा  भक्ति करता है। वह उसी रूप में अपने भक्त  पर अपनी अनुकम्पा सदैव ही करते हैं। उन्होंने आह्वान किया है कि वे भगवान श्रीराम के  मानवता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास करें ताकि मानवता का कल्याण  सुनिश्चित हो सके।  

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