गहलोत पर गरजे हनुमान बेनीवाल

हनुमान बेनीवाल ने कुछ दिन पहले पूर्व मुख्य मंत्री वसुंधरा पर भी तीखा प्रहार किया था तब उन्होने वसुंधरा के गहलोत को मौन समर्थन कि बात कही थी। वहीं कुछ दिन पहले उन्होने गहलोत पर ट्विट्टर के माध्यम से कॉंग्रेस की भीतरी लड़ाई का ठीकरा भाजपा सर फोड़ने का आरोप लगाया था। लें कल जब गहलोत ने राज्यपाल को धमकाया तब बेनीवाल का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होने गहलोत को सांसदीय परम्पराओं का पाठ पढ़ाया।

जयपुर(ब्यूरो).

 राजभवन घेराव की बात कहकर सीएम अशोक गहलोत चौतरफा घिरते नजर आ रहे हैं. भाजपा नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. सीएम के बयान पर भड़के बेनीवाल ने कहा कि सीएम गहलोत राजभवन घेराव की बात कह रहे हैं लेकिन अगर हमने आह्वान कर दिया तो जनता गहलोत को अपदस्थ करने के लिए सड़कों पर आ जाएगी. बेनीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजभवन और राज्यपाल को लेकर संसदीय परम्पराओं (Parliamentary Traditions) के विपरीत बयान दिए हैं.

बेनीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा राज्यपाल को लेकर इस तरह बयान देना लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान है. उन्होंने कहा कि अगर सीएम अशोक गहलोत में अगर जरा सी भी नैतिकता बची है तो उन्हें स्वयं आगे आकर त्यागपत्र देना चाहिए. बेनीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मीडिया के सामने जनता द्वारा राजभवन को घेरने की जो बात कही उससे साफ जाहिर है कि उनकी सरकार अल्पमत में है और वह बौखलाहट में राज्यपाल और राजभवन की गरिमा को भी भुला चुके हैं.

बाड़ेबंदी लोकतंत्र का अपमान

बेनीवाल ने पांच सितारा होटल में चल रही कांग्रेस विधायकों को बाड़ेबंदी को लेकर भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखे हमले बोले हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जबकि महामारी एक्ट प्रभावी है विधायकों और मंत्रियों की होटल में बाड़ाबंदी सीधे तौर पर इस एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन है. बेनीवाल ने कहा कि बाड़ाबंदी से साफ जाहिर होता है कि सीएम लोकतंत्र का मजाक उड़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जनता अपने कामों के लिए त्रस्त है. टिड्डी से किसान त्रस्त हैं और सीएम गहलोत प्रदेश की जनता और किसानों को भगवान भरोसे छोड़कर लोकतंत्र की भावना से खिलवाड़ करके कुर्सी बचाने में लगे हुए हैं.

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