दिल्ली सरकार कोविड-19 के लक्षण पाए जाने वाले व्यक्तियों का टैस्ट करवाने में भी नाकाम रही : बलबीर सिंह सिद्धू
- अब लक्षण पाए जाने वाले व्यक्ति स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पंजाब आ रहे हैं
- घरेलू एकांतवास अधीन यात्रियों की अच्छी तरह जांच की जायेः स्वास्थ्य मंत्री की सिविल सर्जनों को हिदायत
यह चिंता का विषय है कि बड़ी संख्या में लक्षण पाए जाने वाले व्यक्ति मुफ्त इलाज सुविधाओं के लिए दिल्ली से पंजाब आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बात सामने आई है कि राष्ट्रीय राजधानी में बड़े स्तर पर संक्रमण फैलने के कारण लोगों को कोरोना की टेस्टिंग और सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों संबंधी मुश्किलें पेश आ रही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की मौजूदा गंभीर स्थिति की कल्पना करना भी हैरान करने वाला है जहाँ आम लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं और कोरोना टैस्ट के लिए सिर्फ नमूने लेने के लिए एक हस्पताल से दूसरे हस्पताल जा रहे हैं परन्तु उनकी मुश्किलों और शिकायतों का हल करने के लिए सरकार की तरफ से कोई भी नहीं है।
राकेश शाह, चंडीगढ़ – 13 जूनः
दिल्ली में कोई इलाज न मिलने के कारण कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने वाले व्यक्ति अपनी टेस्टिंग के लिए पंजाब आ रहे हैं।
आज यहाँ जारी एक पै्रस बयान में इस संबंधी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि अव्वल दर्जे की स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा करने वाली दिल्ली सरकार अपने सरकारी अस्पतालों में कोरोना वायरस के लक्षण वाले व्यक्तियों के टैस्ट करवाने में भी असफल रही है। पिछले एक महीने दौरान दिल्ली से आए तकरीबन 97 व्यक्ति पाॅजिटिव पाए गए हैं और पंजाब सरकार द्वारा उनको इलाज सेवाएं दी जा रही हैं।
स. सिद्धू ने कहा कि किसी भी अनिर्धारित हालातों से बचने के लिए उन्होंने सिविल सर्जनों को पहले ही राज्य की सरहदों पर तीखी नजर रखने के निर्देश दिए हैं जिससे दिल्ली से आने वाले हरेक व्यक्ति की जांच यकीनी बनाई जा सके।
उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि बड़ी संख्या में लक्षण पाए जाने वाले व्यक्ति मुफ्त इलाज सुविधाओं के लिए दिल्ली से पंजाब आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बात सामने आई है कि राष्ट्रीय राजधानी में बड़े स्तर पर संक्रमण फैलने के कारण लोगों को कोरोना की टेस्टिंग और सरकारी अस्पतालों में बिस्तरों संबंधी मुश्किलें पेश आ रही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की मौजूदा गंभीर स्थिति की कल्पना करना भी हैरान करने वाला है जहाँ आम लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं और कोरोना टैस्ट के लिए सिर्फ नमूने लेने के लिए एक हस्पताल से दूसरे हस्पताल जा रहे हैं परन्तु उनकी मुश्किलों और शिकायतों का हल करने के लिए सरकार की तरफ से कोई भी नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाओं की सैंकड़ो वीडीयोज़ सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं जो स्पष्ट तौर पर कोविड-19 के मरीजों के प्रबंधन के लिए दिल्ली सरकार के बुरे प्रबंधों की पाले खोलती हैं।
पंजाब के मौजूदा हालातों पर रौशनी डालते हुए मंत्री ने कहा कि पंजाब में लगभग 80 प्रतिशत कोरोना के मरीजों में लक्षण नहीं पाए गए और पंजाब में मरीजों के ठीक होने की दर 90 प्रतिशत से भी अधिक है जबकि कोरोना वायरस से प्रभावित मरीजों के प्रभाव में आए 99.9 प्रतिशत व्यक्तियों को सफलतापूर्वक ढूँढा गया है।
स. सिद्धू ने कहा कि यह वायरस बहुत ज्यादा संक्रामक है और बहुत तेजी से फैलता है इसीलिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने तुरंत बस सेवा बंद कर दी और 23 मार्च से कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया, जोकि देश में अपनी किस्म का ऐसा पहला लाॅकडाउन भी था।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने मार्च के पहले पखवाड़े के दौरान ही कोविड-19 संबंधी तैयारियाँ और जागरूकता फैलाने के आदेश दिए, जिससे पंजाब कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं संबंधी ऐमरजैंसी से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हो गया। डिप्टी कमिश्नरों को इस बीमारी से निपटने के लिए निर्देश दिए गए और संकट से निपटने के लिए जरुरी फंड मुहैया करवाए गए।
अब, दिल्ली जैसी किसी भी स्थिति से निपटने और काबू पाने के लिए मुख्यमंत्री पंजाब के निर्देशों पर स्वास्थ्य विभाग ने घर-घर जाकर स्क्रीनिंग शुरू की है, जिसके अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग की टीमें ऐसे हर व्यक्ति के आंकड़ों को एकत्रित करने के लिए राज्य के हर घर का दौरा कर रही हैं जिनमें वायरस के लक्षण मौजूद हैं।
घरेलू क्वारंटीन संबंधी दिशा-निर्देशों के सख्ती से पालन को यकीनी बनाने के लिए सभी सिविल सर्जनों को पहले ही प्रभावित राज्यों और देशों से आने वाले घरेलू एकांतवास अधीन यात्रियों की पूरी चैकिंग करने की हिदायतें जारी कर दी गई हैं जिससे लोगों में वायरस को फैलने से रोका जा सके। चालान किये जा रहे हैं और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा रही है।
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