हाॅकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर नमित्त सुखमनी साहिब का पाठ और अंतिम अरदास
आई.ओ.सी. और एफ.आई.एच. के अध्यक्ष, देश के राष्ट्रपति, पंजाब के मुख्यमंत्री और खेल मंत्री की तरफ से शोक संदेशों के साथ भावभीनी श्रद्धांजलियां भेंट
राकेश शाह, चंडीगढ़, 7 जूनः
भारतीय हाॅकी के महान खिलाड़ी और प्रशिक्षक बलबीर सिंह सीनियर जिनका बीते दिनों 97 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हो गया था, नमित्त सुखमनी साहिब का पाठ और अंतिम अरदास की गई। कोविड-19 महामारी के चलते स्वास्थ्य ऐडवाईज़रियों का पालन करते हुए हाॅकी खिलाड़ी के परिवार की तरफ से अपने निवास स्थान पर साधारण ढंग से श्रद्धाँजलि समारोह रखा गया जिस दौरान 15 के करीब नजदीकी रिश्तेदार और सगे-संबंधी एकत्रित हुए। पारिवारिक सदस्यों द्वारा मिलकर सुखमनी साहिब का पाठ किया गया। इसके उपरांत अंतिम अरदास की गई।
ओलम्पिक खेल में तीन स्वर्ण पदक और कोचिंग अधीन भारत को एकमात्र विश्व कप जिताने वाले बलबीर सिंह सीनियर की बेटी सुशबीर कौर के सैक्टर-36 स्थित निवास स्थान में सुखमनी साहिब का पाठ किया गया। इसके उपरांत अरदास की गई। अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के अध्यक्ष थोमस बैश, अंतरराष्ट्रीय हाॅकी फेडरेशन (एफ.आई.एच.) के अध्यक्ष डाॅ. नरिन्दर बत्रा, भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह और खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी द्वारा परिवार के साथ दुख साझा करते हुए शोक संदेश भेजे गए।
पंजाब ओलम्पिक ऐसोसिएशन के सीनियर उपाध्यक्ष और पूर्व डी.जी.पी. राजदीप सिंह गिल और खेल लेखक प्रिंसिपल सरवण सिंह द्वारा आॅनलाइन शिरकत करते हुए बलबीर सिंह सीनियर को श्रद्धांजलियां भेंट की गईं। इस अवसर पर बलबीर सिंह के पारिवारिक सदस्य और पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी कुलबीर सिंह सिद्धू ने बलबीर सिंह सीनियर के देव समाज स्कूल मोगा के दिनों को याद करते हुए इस महान खिलाड़ी को एक बढ़िया इन्सान और लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया। उन्होंने बलबीर सिंह के मोगा दौरे को याद करते हुए याद किया कि कैसे वह अपने पहले स्कूल के सामने नतमस्तक हुए थे।
बलबीर सिंह के लंबे समय तक साथी रहे डाॅ. राजिन्दर कालड़ा ने 1975 विश्वकप के दिनों को याद किया और कैंप से लेकर विश्व चैंपियन बनने तक की यादें साझा कीं। डाॅ. कालड़ा ने बताया कि बलबीर सिंह के व्यक्तित्व में ही जादू था जो टीम को बांधकर रखने की कला जानते थे। इस अवसर पर लोक संपर्क अधिकारी नवदीप सिंह गिल और बलबीर सिंह के पारिवारिक सदस्य डाॅ. जी.एस. रंधावा भी शामिल हुए। बलबीर सिंह सीनियर के दोहते कबीर सिंह ने इस अवसर पर निजी तौर पर शिरकत करने वालों और आॅनलाइन दूर-दराज से श्रद्धाँजलि समारोह में शामिल होने वालों का धन्यवाद किया।
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