पौष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा, मोक्ष चाहने वालों आज करें यह काम
10 जनवरी शुक्रवार को पौष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। तीर्थों के राजा प्रयागराज में माघ मेले का भी शुभ आरंभ हो रहा है। जो 21 जनवरी महाशिवरात्रि के दिन तक चलने वाला है। इस दिन किया गया स्नान, दान और व्रत अक्षय पुण्य देता है। जो लोग प्रयाग स्नान के लिए नहीं जा सकते, वे किसी भी पवित्र नदी में स्नान और दान कर सकते हैं तत्पश्चात सूर्यदेव को अर्घ्य दें। मान्यता है की ऐसा करने से तन और मन तो पवित्र होते ही है साथ में व्यक्ति के अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होता है
शुभ मुहूर्त
10 जनवरी की दोपहर 2 बजकर 34 मिनट से पूर्णिमा तिथि का आरंभ होगा, रात 12 बजकर 51 मिनट तक इसका शुभ मुहूर्त रहेगा।
पौष पूर्णिमा का महत्व
पौष पूर्णिमा के साथ माघ महीने का आरंभ होता है। मोक्ष की इच्छा रखने वालों के लिए तो ये दिन बहुत मंगलमय है। पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति आज के दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लेता है, उसे मोक्ष प्राप्त होता है। उसे जन्म-मृत्यु के चक्कर में नहीं उलझना पड़ता। किसी भी शुभ काम का आरंभ आज के दिन किया जा सकता है।
व्रत विधि
न केवल स्नान से बल्कि तन और मन से पवित्र होकर गणपति की पूजा के बाद देवराज इन्द्र और महालक्ष्मी की पूजा घी का दीपक जलाकर करें। मां लक्ष्मी को खुशबूदार वस्तुएं बहुत भाती हैं। कल शुक्रवार भी है इसलिए कमल के फूलों का मां को हार पहनाएं, संभव न हो तो कमल का फूल प्रेमभाव से अर्पित करें। गुलाब का इत्र मां को लगाएं। सुगंधित धूप और अगरबत्ती से अपने घर का मंदिर महकाएं या लक्ष्मी मंदिर में ये सारी विधि करें। महालक्ष्मी को खीर का भोग लगाकर ब्राह्माणों और सुहागन महिलाओं को खिलाएं।
मां लक्ष्मी को अपने घर करें आमंत्रित
रात को देवी लक्ष्मी के भाई चंद्रमा को अर्घ्य दें और इस मंत्र का जाप करें-
ज्योत्सनापते नमस्तुभ्यं नमस्ते ज्योतिषामपतेः नमस्ते रोहिणिकांतं अर्ध्यं मे प्रतिग्रह्यताम
ॐ सोमाय नम:
ॐ रोहिणिकांताय नम:
ॐ चन्द्रमसे नम:
क्षीरोदार्णव सम्भूतम अत्रिनेत्र समुद्भव ग्रहाणार्ध्यं शशांकेमं रोहिण्यांसहितोमम्
ॐ सोमाय नम:
ॐ रोहिणिकांताय नम:
संभव न हो तो केवल ॐ सोमाय नम: मंत्र का जाप करें।
कहते हैं पूर्णिमा की रात महालक्ष्मी धरती पर आती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। 10 जनवरी की रात जागरण करें। अपना समय भजन-कीर्तन और ध्यान में व्यतित करें।
ये करना न भूलें
सरसों का तेल या सुगंधित द्रव्य से स्नान करें।
लड्डू गोपाल को देसी घी से स्नान करवाएं।
श्री हरि विष्णु, देवराज और बृहस्पति के मंत्रों का जाप करें।
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हेमंत किगरं : पूर्व प्रदेश प्रधान ,हरियाणा पंजाबी महासभा
माता मनसा देवी , सेकटर 6 ,पंचकूला
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