करतारपुर कॉरिडोर सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के दिमाग की उपज: शेख रशीद अहमद

जनरल बाजवा करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं हुए थे. कहा गया था कि ऐसा उन्होंने विवाद से बचने के लिए किया था. अब तक पाकिस्तान सरकार यह दावा कर रही थी कि कॉरिडोर खोलना प्रधानमंत्री इमरान खान की सोच है. यह सच भी है की सिद्धू ने खुद इसकी तसदीक की थी की जन॰ बाजवा ने जब उन्हे गलबहियाँ डालीं तभी बाजवा ने उन्हे इस बाबत उन्हे कहा था।

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

इमरान खान के करीबी और पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद अहमद ने शनिवार को कबूल लिया है कि करतारपुर कॉरिडोर सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के दिमाग की उपज थी. कॉरिडोर के इस जख्म को हिंदुस्तान हमेशा याद रखेगा. जबकि इससे उलट पाकिस्तान सरकार अब तक यह दावा कर रही थी कि कॉरिडोर खोलना प्रधानमंत्री इमरान खान की सोच है. 

पाकिस्तानी मंत्री ने कहा, ”जनरल बाजवा ने करतारपुर कॉरिडोर का ऐसा जख्म लगाया कि हिंदुस्तान हमेशा इसे याद रखेगा. इस प्रोजेक्ट के जरिए सिखों के अंदर पाकिस्तान के लिए खुशदिली और मोहब्बत पैदा की गई.”

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही आगाह कर चुके हैं कि करतारपुर कॉरिडोर के पीछे पाकिस्तान का एक छिपा हुआ एजेंडा है.

पाकिस्तान में अमेरिका, इंग्लैंड और कनाडा जैसे कई देशों से पहुंचे अलगाववादियों और खालिस्तानी तत्वों की मौजूदगी तथा भारत से करतारपुर जाने वाले श्रद्धालुओं से उनकी संभावित मुलाकात भारत के लिए चिंता का विषय है. खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) जैसे सिख कट्टरपंथी संगठनों की उनके विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए करतारपुर कॉरिडोर का उपयोग करने की योजना है.

सिख रेफरेंडम 2020

भारत ने इस पर चिंता जताई है कि पाकिस्तान में कई गुरुद्वारों का इस्तेमाल खालिस्तान-समर्थक विचारों को बढ़ावा देने में किया जा रहा है और कथित सिख रेफरेंडम 2020 से संबंधित पैंपलेट्स के वितरित किए जाने से संबंधित जानकारी साझा की है. एसएफजे के प्रमुख अवतार सिंह पन्नू और गुरपटवंत सिंह पन्नू हैं, जो पृथक खालिस्तान राज्य की मांग करते हैं.

पाकिस्तान द्वारा खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ), बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई), खालिस्तान कमांडो फोर्स (केजेडएफ) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) जैसे अन्य प्रतिबंधित संगठनों को पुनर्जीवित किए जाने को लेकर भारत चिंतित है. जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त को खत्म किए जाने के बाद पाकिस्तान के कुछ आतंकवादी संगठन भारत में हथियारों की तस्करी में संलिप्त पाए गए.

पाकिस्तान से हथियार तस्करी

खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान से ड्रोन्स के माध्यम से हथियार भारत भेजे जाने से भी चिंतित हैं. भारत-पाकिस्तान सीमा पर पाकिस्तान से हथियार तस्करी कर लाने वाले दो ड्रोन्स हाल ही में पकड़े गए थे.

भारत ने जताई चिंता

आतंकवादी हाफिज सईद के सहयोगी और कुख्यात अलगाववादी गोपाल सिंह चावला के करतारपुर साहिब कॉरिडोर की 10 सदस्यीय समिति का सदस्य बनाए जाने पर भी भारत ने पाकिस्तान के समक्ष अपनी चिंता जाहिर की है.

आपत्तिजनक वीडियो

एक नवंबर को जारी करतारपुर पर पाकिस्तान के आधिकारिक वीडियो में जरनैल सिंह भिंडरांवाले समेत खालिस्तानी आतंकवादी और भारत-विरोधी तत्व दिखे थे. साल 1984 में ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के दौरान उसका सैन्य सहयोगी शाबेग सिंह मारा गया था. वीडियो में प्रतिबंधित ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ संगठन के पोस्टर भी दिखे थे. भारत ने इस वीडियो में दिखे आपत्तिजनक लोगों को लेकर आपत्ति जताई थी.

‘भारतीय बम’ पर एक पोस्टर

करतारपुर में दरबार साहिब गुरुद्वारा के निकट ‘भारतीय बम’ पर एक पोस्टर की मौजूदगी से भी भारत की भौंहें तनी हैं. दावा किया गया है कि वह बम भारतीय वायुसेना ने 1971 के युद्ध के दौरान तीर्थस्थल पर गिराया था. पोस्टर में उर्दू, गुरुमुखी और अंग्रेजी में लिखा है, “वाहे गुरु जी का चमत्कार.” बम को सिखों के लिए पवित्र खंडा से सजे एक छोटे खंबे के ऊपर शीशे के अंदर रखा गया है.

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