सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी का माफीनामा स्वीकार किया

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला बंद हो गया है. जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी का माफीनामा स्वीकार कर लिया.

  1. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी का माफीनामा स्वीकार किया
  2. राहुल के खिलाफ अवमानना का मामला बंद किया
  3. साथ ही भविष्य में और सतर्क रहने को भी कहा

नई दिल्ली : 

कांग्रेस नेता राहुल गांधीके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला बंद हो गया है. जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी का माफीनामा स्वीकार कर लिया और इसके बाद मामला बंद कर दिया. मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को चेतावनी दी और कहा कि राजनीतिक बयानबाजी में कोर्ट को न घसीटें. एससी ने राहुल गांधी को भविष्य में और सतर्क रहने को भी कहा. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ राफेल मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में ‘चौकीदार चोर है’ टिप्पणी के लिए लंबित अवमानना मामले में सुनवाई की और फैसला सुनाया. आपको बता दें कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही के लिये लंबित इस मामले पर 10 मई को सुनवाई पूरी की थी. पीठ ने कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा.

राहुल गांधी उस वक्त कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे और उन्होंने पीठ से कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संबंधित अपनी टिप्पणी गलत तरीके से शीर्ष अदालत के हवाले से कहने पर वह पहले ही बिना शर्त माफी मांग चुके हैं. राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ से कहा था कि कांग्रेस नेता ने शीर्ष अदालत के मुंह में गलत तरीके से यह टिप्पणी डालने के लिये खेद व्यक्त कर दिया है. हालांकि, भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा था कि गांधी की क्षमा याचना अस्वीकार की जानी चाहिए और उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए. रोहतगी ने यह भी दलील दी थी कि न्यायालय को राहुल गांधी को अपनी टिप्पणियों के लिये सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिये कहना चाहिए.

क्या है पूरा मामला?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राफेल मामले में न्यायालय के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका के समर्थन में चुनिन्दा दस्तावेज की स्वीकार्यता पर केन्द्र की प्रारंभिक आपत्तियां अस्वीकार करने के शीर्ष अदालत के फैसले के बाद पीएम पर कोर्ट के हवाले से ‘चौकीदार चोर है’ की टिप्पणी की थी. हालांकि बाद में उन्होंने अपनी इस टिप्पणी को अदालत के हवाले से कहने के लिये पीठ से बिना शर्त माफी मांग ली थी. 

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