मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी डीके शिवकुमार की जमानत पर अब 13 दिन बाद ही सुनवाई हो सकती है. बुधवार को सुनवाई के दौरान ही शिवकुमार के वकीलों ने जमानत की याचिका भी लगाई. हालांकि कोर्ट ने इस पर सुनवाई नहीं की.
- समर्थकों ने की ED गाड़ी रोकने की कोशिश
- गाड़ी में मौजूद थे कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार
- 13 सितंबर तक ED की हिरासत में रहेंगे
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज करते हुए उन्हें 13 सितंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया है. वहीं डीके शिवकुमार को ले जाते वक्त उनके समर्थकों ने ईडी की गाड़ी को रोकने की कोशिश की. उस गाड़ी में डीके शिवकुमार भी थे.
समर्थकों की इस हरकत की वजह से गाड़ी को आगे ले जाने में लगातार दिक्कत हो रही थी. समर्थकों की भीड़ के आगे सुरक्षाकर्मी भी बेबस नजर आ रहे थे. हालांकि किसी तरह समर्थकों को गाड़ी के पास से हटाने में पुलिस को कामयाबी मिल गई.
ईडी ने डीके शिवकुमार की 14 दिन की कस्टडी मांगी थी. ईडी की कस्टडी में रोज आधा घंटे परिजन और वकील डी के शिवकुमार से मिल सकते हैं. इससे पहले कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई के दौरान अडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) केे एम नटराजन ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग को जांच के दौरान विभिन्न जगहों से कई अहम दस्तावेज और पैसे मिले हैं. डीके शिवकुमार के वकील ने कोर्ट में दो अर्जी दाखिल की थीं. पहली अर्जी में रिमांड को चुनौती दी गई और दूसरी में जमानत याचिका दाखिल की गई थी.
बता दें कि डीके शिवकुमार को ईडी ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार हुए हैं. डीके शिवकुमार 2016 की नोटबंदी के दौरान चर्चा में आए थे. आयकर विभाग और ईडी लंबे समये से उनके आर्थिक लेन-देन की जांच कर रही थी. दो अगस्त, 2017 को नई दिल्ली स्थित आवास पर आयकर ने छापा मारा था, जिसमें 8.59 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए थे.
इसके बाद आयकर विभाग ने कांग्रेस नेता और उनके चार दूसरे सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. आयकर विभाग के आरोपपत्र के आधार पर ईडी ने शिवकुमार के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था. डीके शिवकुमार ने गिरफ्तारी से पहले ही कहते आ रहे हैं कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार उनके खिलाफ बदले की भावना से काम कर रही है. डीके शिवकुमार की गिरफ्तारी पर कांग्रेस के कई दिग्गज नेता बीजेपी पर राजनीतिक प्रतिशोध करने का आरोप लगा रहे हैं.